वाराणसी: प्रियंका गांधी वाड्रा रविवार को धर्म नगरी काशी पहुंची. वहां पर उन्होंने रविदास मंदिर में माथा टेकने के बाद लंगर में भोजन किया. इन सबके बीच सबसे चौंकाने वाला प्रियंका का वह निर्णय रहा जिसमें उन्होंने मंदिर से मुख्य पंडाल तक जाने के लिए कुछ अलग अंदाज को चुना.
प्रियंका अपनी गाड़ी की रूफटॉप को ओपन कर गाड़ी की छत पर बैठकर उन्होंने सड़कों पर खड़ी भीड़ को हाथ जोड़कर अभिवादन करते हुए लोगों को धन्यवाद दिया. इस दौरान प्रियंका ने केंद्र सरकार की तरफ से एनआरसी और सीए को लेकर चल रही कवायद पर जवाब भी दिया.
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प्रियंका ने एकजुट रहने की अपील की
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कुछ अपने अंदाज में अघोषित रोड शो करते हुए मुख्य पंडाल तक गई. इस दौरान प्रियंका ने सड़क किनारे खड़े लोगों को हाथ जोड़ कर नमस्कार कर उनका अभिवादन स्वीकार किया. पंडाल में पहुंचकर उन्होंने संत रविदास धर्म के उच्च धर्म गुरु संत निरंजन दास जी महाराज के पैर छुए और उन्होंने अंगवस्त्रम और संत रविदास का स्मृति चिन्ह देकर प्रियंका गांधी को सम्मानित भी किया. इस मौके पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंच से सभी से एकजुट रहने की अपील की.
माथा टेका, प्रसाद भी ग्रहण किया
- संत रविदास की 643वीं जयंती पर सिरगोवर्धन स्थित मंदिर में दर्शन करने रविवार को प्रियंका गांधी पहुंची.
- मंदिर के गेट पर लोगों ने स्वागत किया और सिर पर पारंपरिक पटका (कपड़ा) पहनाया.
- प्रियंका ने प्रतिमा पर माल्यर्पण कर परिक्रमा की और सेवादार से प्रसाद भी लिया.
- प्रियंका ने सभा स्थल पर बोला गद्दी नसीन निरंजन दास का अभिनन्दन करती हूं.
- मंदिर की चौखट पर मत्था टेकने का मौका मिला.
प्रियंका ने कहा संत रविदास के सपने को आगे ले जाना चाहिए
संत रविदास की वाणी में कोई बैर नहीं है. सभी में समानता है. इंसान को जात- पात में बांटकर नहीं देखना चाहिए. यही भारत की आत्मा है, वो कहते थे राम रहीम एक हैं. रविदास जी महाराज ने बेगमपुरा का सपना देखा था. जहां सबका सम्मान हो, सब एकजुट होकर रहे. कोई जाति धर्म का बंधन ना हो. देश में आज यही लागू होना चाहिए. रविदास के सपने को आगे ले जाना चाहिए. आज समाज मे हिंसा नफरत है. वहीं प्रियंका गांधी ने मीडिया कर्मियों से कहा कि मेरे दिल में रविदास जी के लिए आदर है, इसलिए मैं यहां पर आई हूं.