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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की देख-रेख अब निजी हाथों में, अगले हफ्ते जारी होगा ग्लोबल टेंडर

विश्वविख्यात काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की देख-रेख की जिम्मेदारी पीपीपी मॉडल के तहत निजी कंपनी करेगी. इसके लिए अगले हफ्ते ग्लोबल टेंडर जारी किया जाएगा.

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Published : Jul 2, 2021, 10:23 PM IST

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर

वाराणसी : जनपद में इन दिनों प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत लगभग 55 स्क्वायर फीट में तैयार हो रहे इस भवन की फिनिशिंग का काम अब तेजी से किया जा रहा है. कॉरिडोर का लगभग 55% कार्य पूर्ण हो चुका है. इस निर्माणाधीन कॉरिडोर में 24 भवनों के संचालन के लिए सलाहकार नियुक्त करने का निर्देश शासन स्तर से मिला है. इसके अलावा काशी विश्वनाथ धाम के संचालन के लिए निजी हाथों में पूरी व्यवस्था को सौंपने की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद को काम करने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी करने के निर्देश शासन स्तर से दिया गया है. इस टेंडर पर इसी महीने के अंत तक कार्य शुरू हो जाएगा.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का दृश्य
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का दृश्य

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की देख-रेख करेगी प्राइवेट कंपनी

वाराणसी मंडल के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि निर्माणाधीन कॉरिडोर के अंदर कुल 24 भवनों का निर्माण होना है. इन भवनों में अलग-अलग व्यवस्था की जानी है. जिसमें यात्री सुविधा केंद्र से लेकर गेस्ट हाउस और कई दुकानों का संचालन होना है. इसलिए इस पूरे प्रोजेक्ट को PPP(पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत आगे बढ़ाया जाएगा. पीपीपी मॉडल के तहत प्राइवेट कंपनियों को इन भवनों के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस प्राइवेट कंपनी को इन भवनों के निर्माण का टेंडर जारी किया जाएगा, वह कंपनियां ही इस भवन के मेंटेनेंस का कार्य भी देखेंगी. कॉरिडोर से होने वाली आय से भवन की सुरक्षा, बिजली व अन्य सुवाधिओं का संचालन किया जाएगा. कमिश्नर ने बताया कि टेंडर वाली कंपनी काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के अधीन संचालित होगी. इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी पुलिस के पास होगी और प्राइवेट गार्ड कॉरिडोर की देख-रेख करेंगे.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का दृश्य
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का दृश्य


जुलाई के अंत तक पूरी होगी टेंडर की प्रक्रिया

वाराणसी में बन रहे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की देख-रेख अब पीपीपी मॉडल के तहत निजी हाथों में होगी. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का अब तक 55% कार्य पूरा हो चुका है. निर्माण प्रक्रिया तेजी से हो रही है, फिनिशिंग का काम भी तेजी से किया जा रहा है. कॉरिडोर में 24 भवनों का निर्माण हो रहा है उनके काम को भी तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. अगले सप्ताह तक टेंडर जारी किया जाएगा और जुलाई के अंत तक ग्लोबल टेंडर की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी.

पीएम मोदी ने 2019 में रखी थी ड्रीम प्रोजेक्ट की नींव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नींव रखकर श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम शुरू किया था. इस काम की मार्च 2021 में डेडलाइन रखी गई थी, लेकिन संक्रमण की पहली रफ्तार ने इस पर बुरा असर डाला. फिर अगस्त 2021 में इस प्रोजेक्ट को पूर्ण करने की नई डेडलाइन जारी की गई, लेकिन फिर दूसरी लहर की वजह से काम प्रभावित हुआ.

अब नई डेडलाइन जारी हुई है, जो 15 नवंबर तक की है. 55,000 स्क्वायर फीट एरिया में बन रहे इस भव्य कॉरिडोर में 24 भवनों का निर्माण होना है. यहां एक मंदिर चौक होगा, बाकी अन्य भवन होंगे. इसके अतिरिक्त अब तक 52 पुराने मंदिर कॉरिडोर में स्थित मकानों के टूटने के बाद बाहर आए हैं.

इसे पढ़ें- PM Modi के ड्रीम प्रोजेक्ट ने फिर पकड़ी रफ्तार, 55% काम पूरा, 1000 से ज्यादा मजदूर काम पर लगे

वाराणसी : जनपद में इन दिनों प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत लगभग 55 स्क्वायर फीट में तैयार हो रहे इस भवन की फिनिशिंग का काम अब तेजी से किया जा रहा है. कॉरिडोर का लगभग 55% कार्य पूर्ण हो चुका है. इस निर्माणाधीन कॉरिडोर में 24 भवनों के संचालन के लिए सलाहकार नियुक्त करने का निर्देश शासन स्तर से मिला है. इसके अलावा काशी विश्वनाथ धाम के संचालन के लिए निजी हाथों में पूरी व्यवस्था को सौंपने की तैयारी की जा रही है. इसको लेकर काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद को काम करने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी करने के निर्देश शासन स्तर से दिया गया है. इस टेंडर पर इसी महीने के अंत तक कार्य शुरू हो जाएगा.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का दृश्य
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का दृश्य

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की देख-रेख करेगी प्राइवेट कंपनी

वाराणसी मंडल के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि निर्माणाधीन कॉरिडोर के अंदर कुल 24 भवनों का निर्माण होना है. इन भवनों में अलग-अलग व्यवस्था की जानी है. जिसमें यात्री सुविधा केंद्र से लेकर गेस्ट हाउस और कई दुकानों का संचालन होना है. इसलिए इस पूरे प्रोजेक्ट को PPP(पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत आगे बढ़ाया जाएगा. पीपीपी मॉडल के तहत प्राइवेट कंपनियों को इन भवनों के संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस प्राइवेट कंपनी को इन भवनों के निर्माण का टेंडर जारी किया जाएगा, वह कंपनियां ही इस भवन के मेंटेनेंस का कार्य भी देखेंगी. कॉरिडोर से होने वाली आय से भवन की सुरक्षा, बिजली व अन्य सुवाधिओं का संचालन किया जाएगा. कमिश्नर ने बताया कि टेंडर वाली कंपनी काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के अधीन संचालित होगी. इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी पुलिस के पास होगी और प्राइवेट गार्ड कॉरिडोर की देख-रेख करेंगे.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का दृश्य
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का दृश्य


जुलाई के अंत तक पूरी होगी टेंडर की प्रक्रिया

वाराणसी में बन रहे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की देख-रेख अब पीपीपी मॉडल के तहत निजी हाथों में होगी. कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का अब तक 55% कार्य पूरा हो चुका है. निर्माण प्रक्रिया तेजी से हो रही है, फिनिशिंग का काम भी तेजी से किया जा रहा है. कॉरिडोर में 24 भवनों का निर्माण हो रहा है उनके काम को भी तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है. अगले सप्ताह तक टेंडर जारी किया जाएगा और जुलाई के अंत तक ग्लोबल टेंडर की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाएगी.

पीएम मोदी ने 2019 में रखी थी ड्रीम प्रोजेक्ट की नींव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नींव रखकर श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम शुरू किया था. इस काम की मार्च 2021 में डेडलाइन रखी गई थी, लेकिन संक्रमण की पहली रफ्तार ने इस पर बुरा असर डाला. फिर अगस्त 2021 में इस प्रोजेक्ट को पूर्ण करने की नई डेडलाइन जारी की गई, लेकिन फिर दूसरी लहर की वजह से काम प्रभावित हुआ.

अब नई डेडलाइन जारी हुई है, जो 15 नवंबर तक की है. 55,000 स्क्वायर फीट एरिया में बन रहे इस भव्य कॉरिडोर में 24 भवनों का निर्माण होना है. यहां एक मंदिर चौक होगा, बाकी अन्य भवन होंगे. इसके अतिरिक्त अब तक 52 पुराने मंदिर कॉरिडोर में स्थित मकानों के टूटने के बाद बाहर आए हैं.

इसे पढ़ें- PM Modi के ड्रीम प्रोजेक्ट ने फिर पकड़ी रफ्तार, 55% काम पूरा, 1000 से ज्यादा मजदूर काम पर लगे

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