वाराणसी: जिले में कोरोना वायरस से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत लोगों को मास्क और सैनिटाइजर की है. लेकिन बाजार में लगातार इसकी कमी देखी जा रही है, जिसकी वजह से हर किसी तक इसे पहुंचा पाना मुश्किल हो रहा है. सरकारी और गैर सरकारी संगठन मास्क बनाने के साथ सैनिटाइजर तैयार करने का काम कर रहे हैं. इन सबके बीच सबसे अलग प्रयास वाराणसी जिला जेल में देखने को मिल रहा है, जहां हत्या, लूट, डकैती जैसे संगीन अपराधों में बंद शातिर अपराधी प्राकृतिक सैनिटाइजर तैयार कर रहे हैं. इसको बनाने के लिए जेल में मौजूद प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग किया जा रहा है.
जेल में बंद हैं 1800 से ज्यादा कैदी
दरअसल जिला जेल में अट्ठारह सौ से ज्यादा कैदी बंद है छोटे-मोटे अपराधों के अलावा कई बड़े अपराधों में इनका हाथ है. ये शातिर इस महामारी के दौर में अपने बीते हुए कल को भूलकर, लोगों के साथ जेल में बंद कैदियों की सुरक्षा के लिए मास्क और सैनिटाइजर तैयार कर रहे हैं. सबसे खास बात यह है कि मास्क को यहां थ्री लेयर मानकों के आधार पर तैयार किया जा रहा है.
प्राकृतिक सैनिटाइजर किया जा रहा तैयार
जिला जेल में सैनिटाइजर भी पूरी तरह से प्राकृतिक तरीकों से बनाए जा रहा है. जेल में मौजूद नीम के पेड़ों से पत्तियों को तोड़ने के बाद इन्हें जेल के बगीचे में मौजूद रंग-बिरंगे फूलों, एलोवेरा और अन्य औषधीय पौधों को पानी में उबालने के बाद इसमें स्प्रिट मिलाकर प्राकृतिक तरीके से तैयार किया जा रहा है. इसे जेल में वितरण करने के साथ ही बाहर जरूरतमंदों को भी देने की तैयारी जेल प्रशासन के द्वारा की जा रही है.
हमारा प्रयास है कि कोरोना जैसी गंभीर महामारी से जेल में बंद हर कैदी अपने आप को स्वस्थ रख सके. यहां तैयार मास्क और सैनिटाइजर को बाहर के जरूरतमंदों लोगों तक पहुंचाया जा सके, जिससे हर किसी को सुरक्षा मिल सके.
बीबी पांडेय, जेलर, जिला जेल