वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर के किसानों से उनकी आय दोगुनी करने का वादा किया था. उसी क्रम में भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के साझा प्रयास से किसानों को बड़ी सौगात मिलने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 मार्च को इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री 24 मार्च को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर होंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे. पैक हाउस में लगे सभी उपकरण मेक इन इंडिया हैं.
कृषि निर्यातकों को जोड़ने का है प्रयासः भारत सरकार के वाणिज्य उद्योग मंत्रालय के एपीडा उपमहाप्रबंधक डॉ. सीबी सिंह ने कहा कि एपीडा की शुरुआती पहल 2019 से ही पूर्वांचल क्षेत्र और वाराणसी के लिए रही है. यहां के किसानों को कैसे कृषि निर्यात से जोड़ा जाए. इसकी कोशिश रही है. यह सुविधा खासकर वाराणसी क्षेत्र के किसान और निर्यातकों के लिए होगी. निर्यातकों को अपना सामान जापान, कोरिया, आस्ट्रेलिया आदि जगहों पर भेजने के लिए दिल्ली, लखनऊ, मुंबई की यात्रा करनी पड़ती थी. 24 तारीख को होने वाले इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट के उद्घाटन के बाद ये सारी सुविधाएं अब वाराणसी से ही मिल सकेंगी. इससे निर्यातकों को बहुत बड़ा लाभ मिलेगा और सामान भेजने में आसानी भी होगी.
कस्टम क्लियरेंस में भी सुविधाः डॉ. सीबी सिंह ने बताया कि इस उद्घाटन के बाद वेपर हीट ट्रीटमेंट, जिसमें अगर हमें जापान, कोरिया, आस्ट्रेलिया, यूके, यूरोपियन यूनियन को बनारसी लंगड़ा आम, दशहरी या चौसा आम या पूर्वांचल रीजन का कोई भी आम हो वह सीधे निर्यात हो सकता है. यहां से ट्रीटमेंट होगा और यहीं से ही प्लांट क्वारंटाइन प्रोसेस होगा. कस्टम क्लियरेंस भी यहीं पर कराया जाएगा.
किसानों और निर्यातकों को फायदाः उन्होंने बताया कि इससे यहां के किसान उद्यमी और निर्यातकों को फायदा पहुंचेगा. सिर्फ वाराणसी मण्डल से ही 20 अधिक लोगों को निर्यातक बनाया जा चुका है. निर्यातकों और किसानों के समूह के लिए यह सुविधा रहेगी. इसके साथ ही जो नए निर्यातक बन रहे हैं. उन्हें भी इसका फायदा पहुंचेगा. यह सुविधा कुछ ही जगहों पर ही उपल्बध है, जिसमें से अब एक वाराणसी भी है.
बिहार के जिलों को भी मिलेगा लाभः डॉ. सीबी सिंह ने बताया कि यहां वाराणसी हवाई अड्डे पास में ही मिल जाएगा. साथ ही साथ लखनऊ से भी बहुत दूरी नहीं है. बिहार से भी सटा हुआ है. इस तरीके से पूर्वांचल के जिलों को इससे लाभ तो मिलेगा ही. पश्चिम बिहार के भी कुछ जिलों को इससे लाभ मिलेगा.
सरकार ने योजना को गंभीरता से लियाः उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट 15 करोड़ से अधिक की लागत से बनकर तैयार हुआ है. एपीडा ने 2019 में इस प्रोजेक्ट को तैयार किया है. निर्यात के बारे में काम शुरू करने के दौरान बॉटम नेक को चिन्हित किया गया. इसमें एयरपोर्ट से दूरी, इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर पैक हाउस की बात, व्यक्तियों को निर्यातक बनाने की बात, बैकवर्ड सप्लाई चेन शामिल थे. राज्य सरकार ने इस विषय को गंभीरता से लिया जिसके चलते यह अब उद्घाटन के लिए तैयार है.
उपकरणों के नाम और क्षमताः पैक हाउस में लगे उपकरणों की तो वेपर हीट ट्रीटमेंट यूनिट की क्षमता 2500 किलोग्राम प्रति बैच (प्रति 4 घंटे) की है. इसके साथ ही हॉट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 500 किलोग्राम प्रति बैच (प्रति 1 घंटे), मैंगो-फ्रूट प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग एवं सॉर्टिंग लाइन की क्षमता 2000 किलोग्राम प्रति घंटा, वेजिटेबल प्रोसेसिंग लाइन की क्षमता 1000 किलोग्राम प्रति घंटे की है. वहीं, कोल्ड रूम की क्षमता 2 से 20 एमटी, प्री कोल्ड रूम 2 से 15 एमटी, राईपिनिंग रूम में 1 से 10 एमटी की क्षमता है.
4461 वर्गफुट में बना है पैक हाउसः इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट लगभग 4461 स्क्वायर फिट एरिया में बनकर तैयार हुआ है. इस पैक हाउस से एक्सपोर्ट के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस भी होगा, जिससे निर्यात करना आसान हो चुका है. सहारनपुर और लखनऊ के बाद ये यूपी का तीसरा और पूर्वांचल का पहला इंटीग्रेटेड पैक हाउस होगा. यह वाराणसी एयरपोर्ट से करीब 10 किलोमीटर दूर करखियांव में स्थित है.
ये भी पढ़ेंः PM Modi का वाराणसी दौरा, बनारस देगा उनकी मां से जुड़ा अनोखा तोहफा, कई मायनों में है खास