ETV Bharat / state

वाराणसी में LGBTQ कम्युनिटी ने प्राइड परेड निकाली, कहा- काशी खुलेमन का जिंदादिल शहर

रविवार को वाराणसी में LGBTQ कम्युनिटी ने प्राइड परेड निकाली (Pride parade of LGBTQ community in Varanasi). शामिल लोगों ने कहा कि काशी जिंदादिल शहर है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 4, 2023, 7:33 AM IST

वाराणसी: वाराणसी में रविवार को LGBTQ की एक प्राइड परेड निकली. इस परेड में लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर और क्वीर शामिल थे. करीब 1 किलोमीटर तक प्यार, स्वीकृत अधिकार और सम्मान के लिए प्राइड मार्च निकाला गया. इस दौरान परेड में शामिल सदस्यों ने कहा कि LGBTQ पर बात करने के लिए बनारस सबसे सेफ और अच्छा शहर है. यह शहर जिंदादिल है और यहां पर खुलापन है, जो कि बोलने और कुछ करने कर आजादी देता है. परेड निकाल रहे लोगों का कहना था कि LGBT लोगों के लिए पब्लिक प्लेस पर जगह दी जानी चाहिए. वे बिना डरे अपने सेक्सुअल ओरियंटेशन के बारे में खुलकर बात कर सकें.

रैली के बाद हुई जनसभा में LGBTQ समुदाय के लोगों ने अपनी बातें रखीं
रैली के बाद हुई जनसभा में LGBTQ समुदाय के लोगों ने अपनी बातें रखीं
दरअसल LGBTQ के परेड निकाल रहे सदस्यों ने अपने हक के लिए एक प्रदर्शन किया था, जिसे प्राइड परेड कहते हैं. इस दौरान इन सभी ने समाज में अपने लिए अधिकार और पब्लिक प्लेस में जगह दिए जाने की मांग की. इनका कहना था कि LGBTQ को भी समाज में अपने अधिकार चाहिए और पब्लिक प्लेस में हमें भी खुलकर जीने की आजादी मिलनी चाहिए. इस दौरान LGBTQ के सदस्यों ने अपनी-अपनी समस्याओँ को भी बताया. उनका कहना था कि LGBTQ समुदाय अपने हिसाब से जीना चाहता है. अपनी सेक्सुअलिटी और वेशभूषा को लेकर हम आजादी चाहते हैं. उन सभी ने कहा कि बनारस इसके लिए एक खुलेमन का शहर है.
वाराणसी में LGBTQ कम्युनिटी ने प्राइड परेड निकाली
लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर और क्वीर ने एक प्रदर्शन के रूप में परेड निकाली.
प्राइड परेड में शामिल थे 300 सदस्य: रविवार को लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर और क्वीर ने एक प्रदर्शन के रूप में परेड निकाली. यह परेड बनारस क्वीयर प्राइड संस्था ने निकाली. करीब 1 किलोमीटर तक प्यार, स्वीकृत अधिकार और सम्मान के लिए यह प्राइड मार्च निकाला गया. इस दौरान ये लगभग 300 की संख्या में शामिल लोग 'नाचते गाते प्यार हुआ, इकरार हुआ', 'गे हुआ तो क्या हुआ', 'लव इज लव' जैसे गानों को गा रहे थे. ये सभी ​गुलाब बाग से गुलाबपार्क तक पैदल बैनर और तख्ती लेकर प्राइड परेड में शामिल हुए. रैली के बाद एक सभा का भी आयोजन किया गया, जिसमें सभी LGBTQ समुदाय के लोगों ने अपनी बातें रखीं.
वाराणसी में LGBTQ कम्युनिटी ने प्राइड परेड निकाली
LGBTQ के परेड निकाल रहे सदस्यों ने अपने हक के लिए एक प्रदर्शन किया था, जिसे प्राइड परेड कहते हैं
बनारस इन चीजों के लिए जिंदादिल शहर: LGBTQ समुदाय के लोगों ने कहा कि हमारे मुद्दे पर बात करने के लिए बनारस सबसे बेहतर शहर है. यह एक जिंदादिल शहर और हमें कुछ भी कहने और करने की आजादी देता है. इस दौरान परेड में कई शिक्षण संस्थानों के छात्र भी शामिल थे. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में सोशल साइंस की छात्रा शिवांगी ने कहा, 'बनारस 7 वार 9 त्योहार के लिए जाना जाने वाला शहर है. इस सूची में अब LGBTQ समुदाय का भी एक त्योहार जुड़ गया मान लीजिए.' काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र परीक्षित ने कहा, 'आमतौर पर LGBTQ समुदाय से होने का मतलब शर्म और छिपने से लोग समझते हैं. आप अपने परिवार दोस्तों रिश्तेदारों से भी बता नहीं सकते हैं.'
करीब 1 किलोमीटर तक प्यार, स्वीकृत अधिकार और सम्मान के लिए प्राइड मार्च निकाला
करीब 1 किलोमीटर तक प्यार, स्वीकृत अधिकार और सम्मान के लिए प्राइड मार्च निकाला
बनारस भारत की सांस्कृतिक राजधानी: LGBTQ के सदस्यों ने कहा, 'बनारस भारत की सांस्कृतिक राजधानी कही जाती है. यह शहर धार्मिक और सामाजिक मसले पर सोचने-विचारने में खुलापन, ताजगी और जिंदादिली लिए हुए रहता है. यही बात यहां की खासियत है. ऐसे में जब LGBTQ समुदाय अपने चॉयस की सेक्सुएलिटी, अपने तरह की वेशभूषा रखना चाहता है तो इस बारे में बातचीत के लिए बनारस से बेहतर जगह कौन सी होगी. सामाजिक कार्यकर्ता नीति ने कहा, भारतीय संविधान में आर्टिकल 14 से 21 में जीवन, स्वतंत्रता, गरिमा, अभिव्यक्ति, खानपान, पहनावे, धर्म, स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन साथी आदि चुन पाने की आजादी हर भारतीय नागरिक को है.

ये भी पढ़ें- Watch Video: देशी छोरे संग नीदरलैंड की गोरी मैम ने लिए सात फेरे, दो साल से लिव इन रिलेशनशिप में थे

ये भी पढ़ें- डॉ. कफील के खिलाफ लखनऊ में FIR दर्ज, योगी सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप

ये भी पढ़ें- कर्ज में डूबे कारोबारी ने जान दी, सुसाइड नोट में लिखा-परिवार को परेशान न किया जाए

ये भी पढ़ें- बिजनेसमैन का अपहरण करने वाला दारोगा और सिपाही गिरफ्तार, हसनगंज थाना प्रभारी सस्पेंड

वाराणसी: वाराणसी में रविवार को LGBTQ की एक प्राइड परेड निकली. इस परेड में लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर और क्वीर शामिल थे. करीब 1 किलोमीटर तक प्यार, स्वीकृत अधिकार और सम्मान के लिए प्राइड मार्च निकाला गया. इस दौरान परेड में शामिल सदस्यों ने कहा कि LGBTQ पर बात करने के लिए बनारस सबसे सेफ और अच्छा शहर है. यह शहर जिंदादिल है और यहां पर खुलापन है, जो कि बोलने और कुछ करने कर आजादी देता है. परेड निकाल रहे लोगों का कहना था कि LGBT लोगों के लिए पब्लिक प्लेस पर जगह दी जानी चाहिए. वे बिना डरे अपने सेक्सुअल ओरियंटेशन के बारे में खुलकर बात कर सकें.

रैली के बाद हुई जनसभा में LGBTQ समुदाय के लोगों ने अपनी बातें रखीं
रैली के बाद हुई जनसभा में LGBTQ समुदाय के लोगों ने अपनी बातें रखीं
दरअसल LGBTQ के परेड निकाल रहे सदस्यों ने अपने हक के लिए एक प्रदर्शन किया था, जिसे प्राइड परेड कहते हैं. इस दौरान इन सभी ने समाज में अपने लिए अधिकार और पब्लिक प्लेस में जगह दिए जाने की मांग की. इनका कहना था कि LGBTQ को भी समाज में अपने अधिकार चाहिए और पब्लिक प्लेस में हमें भी खुलकर जीने की आजादी मिलनी चाहिए. इस दौरान LGBTQ के सदस्यों ने अपनी-अपनी समस्याओँ को भी बताया. उनका कहना था कि LGBTQ समुदाय अपने हिसाब से जीना चाहता है. अपनी सेक्सुअलिटी और वेशभूषा को लेकर हम आजादी चाहते हैं. उन सभी ने कहा कि बनारस इसके लिए एक खुलेमन का शहर है.
वाराणसी में LGBTQ कम्युनिटी ने प्राइड परेड निकाली
लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर और क्वीर ने एक प्रदर्शन के रूप में परेड निकाली.
प्राइड परेड में शामिल थे 300 सदस्य: रविवार को लेस्बियन, गे, बाइसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर और क्वीर ने एक प्रदर्शन के रूप में परेड निकाली. यह परेड बनारस क्वीयर प्राइड संस्था ने निकाली. करीब 1 किलोमीटर तक प्यार, स्वीकृत अधिकार और सम्मान के लिए यह प्राइड मार्च निकाला गया. इस दौरान ये लगभग 300 की संख्या में शामिल लोग 'नाचते गाते प्यार हुआ, इकरार हुआ', 'गे हुआ तो क्या हुआ', 'लव इज लव' जैसे गानों को गा रहे थे. ये सभी ​गुलाब बाग से गुलाबपार्क तक पैदल बैनर और तख्ती लेकर प्राइड परेड में शामिल हुए. रैली के बाद एक सभा का भी आयोजन किया गया, जिसमें सभी LGBTQ समुदाय के लोगों ने अपनी बातें रखीं.
वाराणसी में LGBTQ कम्युनिटी ने प्राइड परेड निकाली
LGBTQ के परेड निकाल रहे सदस्यों ने अपने हक के लिए एक प्रदर्शन किया था, जिसे प्राइड परेड कहते हैं
बनारस इन चीजों के लिए जिंदादिल शहर: LGBTQ समुदाय के लोगों ने कहा कि हमारे मुद्दे पर बात करने के लिए बनारस सबसे बेहतर शहर है. यह एक जिंदादिल शहर और हमें कुछ भी कहने और करने की आजादी देता है. इस दौरान परेड में कई शिक्षण संस्थानों के छात्र भी शामिल थे. महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में सोशल साइंस की छात्रा शिवांगी ने कहा, 'बनारस 7 वार 9 त्योहार के लिए जाना जाने वाला शहर है. इस सूची में अब LGBTQ समुदाय का भी एक त्योहार जुड़ गया मान लीजिए.' काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के छात्र परीक्षित ने कहा, 'आमतौर पर LGBTQ समुदाय से होने का मतलब शर्म और छिपने से लोग समझते हैं. आप अपने परिवार दोस्तों रिश्तेदारों से भी बता नहीं सकते हैं.'
करीब 1 किलोमीटर तक प्यार, स्वीकृत अधिकार और सम्मान के लिए प्राइड मार्च निकाला
करीब 1 किलोमीटर तक प्यार, स्वीकृत अधिकार और सम्मान के लिए प्राइड मार्च निकाला
बनारस भारत की सांस्कृतिक राजधानी: LGBTQ के सदस्यों ने कहा, 'बनारस भारत की सांस्कृतिक राजधानी कही जाती है. यह शहर धार्मिक और सामाजिक मसले पर सोचने-विचारने में खुलापन, ताजगी और जिंदादिली लिए हुए रहता है. यही बात यहां की खासियत है. ऐसे में जब LGBTQ समुदाय अपने चॉयस की सेक्सुएलिटी, अपने तरह की वेशभूषा रखना चाहता है तो इस बारे में बातचीत के लिए बनारस से बेहतर जगह कौन सी होगी. सामाजिक कार्यकर्ता नीति ने कहा, भारतीय संविधान में आर्टिकल 14 से 21 में जीवन, स्वतंत्रता, गरिमा, अभिव्यक्ति, खानपान, पहनावे, धर्म, स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन साथी आदि चुन पाने की आजादी हर भारतीय नागरिक को है.

ये भी पढ़ें- Watch Video: देशी छोरे संग नीदरलैंड की गोरी मैम ने लिए सात फेरे, दो साल से लिव इन रिलेशनशिप में थे

ये भी पढ़ें- डॉ. कफील के खिलाफ लखनऊ में FIR दर्ज, योगी सरकार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप

ये भी पढ़ें- कर्ज में डूबे कारोबारी ने जान दी, सुसाइड नोट में लिखा-परिवार को परेशान न किया जाए

ये भी पढ़ें- बिजनेसमैन का अपहरण करने वाला दारोगा और सिपाही गिरफ्तार, हसनगंज थाना प्रभारी सस्पेंड

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.