वाराणसी: वैश्विक महामारी कोरोना से हर कोई परेशान है. कई राज्यों में लगातार हो रही बारिश से बाढ़ का कहर भी शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश में भी गंगा समेत कई नदियां तेजी से बढ़ना शुरू हो रही हैं. महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश में बाढ़ की भयावहता को देखकर हर कोई सहम चुका है. इसके बाद अब बाढ़ प्रबंधन को लेकर तैयारियां हर जिले में शुरू की जा रही है. प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी गंगा के साथ वरुणा भारी तबाही मचाती है. इसके साथ ही वाराणसी से सटे कई जिले भी इससे प्रभावित होते हैं.
वाराणसी में 11 एनडीआरएफ के मुख्यालय पर बाढ़ प्रबंधन को लेकर तैयारियां मुकम्मल तौर पर शुरू हो चुकी हैं. बनारस सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत मध्य प्रदेश और नेपाल तक की नदियों की निगरानी कर हर पल की अपडेट कंट्रोल रूम से ली जा रही हैं. कंट्रोल रूम में बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की व्यवस्था ईटीवी भारत ने कंट्रोल रूम से तैयारियों का हाल जाना.
एनडीआरएफ ने संभावित बाढ़ का आंकलन करते हुए तैयारियां पूरी कर ली हैं. एनडीआरएफ के मुख्यालय पर बनाए गए कंट्रोल रूम में बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की निगरानी डिप्टी कमांडेंट और कंट्रोल रूम इंचार्ज नरेंद्र कर रहे हैं. उन्होंने साफ तौर पर बताया कि बनारस से नात शरीफ पूर्वी उत्तर प्रदेश बल्कि गोरखपुर, मध्य प्रदेश तक स्थिति का जायजा लिया जा रहा है. पूरे कंट्रोल रूम में तैयारियों को दृष्टिगत रखते हुए हर जिले के आला अधिकारियों के नंबर चस्पा किए जा चुके हैं. अपने नेटवर्क के जरिए हर नदी की वास्तविक स्थिति की निगरानी की जा रही है.
गोरखपुर पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगभग आठ टीमों को तैनात किया गया है. इनमें 30 लोगों की तैनाती रहेगी. वाराणसी में दशाश्वमेध घाट पर भी एक टीम परमानेंट नियुक्ति की जा चुकी है. कोविड-19 के इस दौर में सबसे अहम हो जाता है खुद को सुरक्षित रखते हुए करना. इसलिए एनडीआरएफ के जवानों को इसके लिए भी विशेष ट्रेनिंग दी गई है. जितने भी जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल होंगे. उन्हें पीपीई किट के साथ सिक्योरिटी के सारे इंतजाम दिए गए हैं.
एनडीआरएफ की तरफ से वाराणसी, लखनऊ, गोरखपुर, बहराइच, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर जिले में तैनात की गई है, जबकि दो टीमें मध्य प्रदेश के भोपाल में भेजी गई हैं. इसके अतिरिक्त 10 टीमों को वाहिनी मुख्यालय वाराणसी में रिजर्व के तौर पर रखा गया है. लगभग आधा दर्जन नावें भी एनडीआरएफ के पास मौजूद हैं.