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काशी से होगी अयोध्या में राममंदिर लोकर्पण की तैयारी, तीन दिनों तक न्यास और संत करेंगे गहन मंथन - काशी से राम मंदिर लोकार्पण की तैयारी

अयोध्या के राम मंदिर के लोकार्पण की तैयारियां काशी से होंगी. इसे लेकर संत और न्यास के सदस्य मंथन के लिए जुटेंगे. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : May 8, 2023, 7:29 PM IST

वाराणसी: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य भगवान राम के मंदिर का निर्माण काम जोर-शोर से चल रहा है. भगवान राम के मंदिर को लेकर लंबे वक्त तक चली जद्दोजहद के बाद मंदिर का ऐसा स्वरूप और ऐसा आयोजन करने की तैयारी है. जिसे पूरी दुनिया याद रखें. यही वजह है कि 2024 लोकसभा चुनावों से पहले श्री राम जन्मभूमि पर बन रहे मंदिर के भव्य लोकार्पण की प्लानिंग भारतीय जनता पार्टी श्रीराम मंदिर न्यास और देश के संत मिलकर करेंगे. इसके लिए पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र धर्मनगरी वाराणसी को मेन सेंटर के रूप में बनाने की तैयारी चल रही है. जिसके लिए नवंबर के महीने में 3 दिनों की धार्मिक संसद का आयोजन काशी में किया जाएगा. इसमें राम मंदिर लोकार्पण को लेकर एक बड़ी रूपरेखा तैयार करने की योजना बनाई जा रही है.

काशी में राम मंदिर के लोकार्पण को लेकर संत करेंगे मंथन.
इस बारे में राष्ट्रीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि 17, 18 और 19 नवंबर को वाराणसी में सांस्कृतिक संसद का आयोजन संत समिति के नेतृत्व में किया जाएगा. इस तीन दिवसीय आयोजन का मुख्य उद्देश्य जनवरी के महीने में होने वाले राम जन्म भूमि पर बन रहे भव्य मंदिर के उद्घाटन समारोह की सफलता को लेकर किया जाने वाला प्लान तैयार करना है. इसके लिए पूरी रूपरेखा काशी में तैयार करने को लेकर गहन मंथन होगा.इसमें श्री राम जन्म भूमि न्यास से जुड़े तमाम लोग जिसमें चंपत राय समेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तमाम बड़े विचारक और प्रचारक भी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के कई कद्दावर नेताओं के अलावा संत समिति से जुड़े संतो की विशेष टोली और संभवत शंकराचार्य की भी मौजूदगी रहेगी. इस बारे में ऑफ द कैमरा बोलते हुए स्वामी जितेंद्रानंद ने बताया कि यह तीन दिवसीय कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इसमें 3 दिनों के कार्यक्रम में श्री राम जन्मभूमि उद्घाटन समारोह में क्या करना है, कैसे करना है, किन लोगों को आमंत्रित करना है. संतों की किस टोली को कौन सी जिम्मेदारी देनी है. कुल देश भर से कितने संतों को बुलाना है, कितने नेताओं की सूची तैयार करनी है और कौन-कौन लोगों को इस कार्यक्रम में आमंत्रण पत्र भेजना है. यह सारी रूपरेखा काशी में तैयार करने की योजना बनी है. इसके लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम में राम मंदिर लोकार्पण के अलावा देश में सनातन धर्म पर हो रहे कुठाराघात और सनातन धर्म के नाम पर चल रहे फर्जी बाबाओं के बाजार पर कैसे नकेल कसी जाए इस पर भी मंथन किया जाएगा.स्वामी जितेंद्रानंद का कहना है कि काशी में इसके पहले भी सांस्कृतिक संसद का आयोजन किया जा चुका है. इस संसद में पहले देशभर के संतों का जुटान हुआ था और इस बार भी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और अन्य कई राज्यों से संतों की टोलियां काशी में इस क्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचेगी.स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती का कहना है कि श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के समय भी उनके द्वारा ही आयोजन में संतों की मौजूदगी व अन्य कार्यक्रमों को लेकर तैयारियों में सहभागिता की गई थी और इस बार भी काशी को ही कार्य मिला है. इस रूप में काम करते हुए लगभग 40 संतों की एक लिस्ट भी फाइनल की गई है. जिनमें अखाड़ा प्रमुख, शंकराचार्य, कई बड़ी पीठ के प्रमुख आमंत्रित किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रण भेजने की तैयारी चल रही है. सारी सूची तैयार करने का काम चल रहा है और नवंबर में होने वाले इस कार्यक्रम में सारे कार्यक्रम की रूपरेखा पर फाइनल मुहर लगाई जाएगी. ये भी पढ़ेंः मालिक के मरने के बाद भी वफादार कुत्ते ने नहीं छोड़ा साथ, चार घंटे तक शव उतारने की कोशिश करता रहा

वाराणसी: अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य भगवान राम के मंदिर का निर्माण काम जोर-शोर से चल रहा है. भगवान राम के मंदिर को लेकर लंबे वक्त तक चली जद्दोजहद के बाद मंदिर का ऐसा स्वरूप और ऐसा आयोजन करने की तैयारी है. जिसे पूरी दुनिया याद रखें. यही वजह है कि 2024 लोकसभा चुनावों से पहले श्री राम जन्मभूमि पर बन रहे मंदिर के भव्य लोकार्पण की प्लानिंग भारतीय जनता पार्टी श्रीराम मंदिर न्यास और देश के संत मिलकर करेंगे. इसके लिए पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र धर्मनगरी वाराणसी को मेन सेंटर के रूप में बनाने की तैयारी चल रही है. जिसके लिए नवंबर के महीने में 3 दिनों की धार्मिक संसद का आयोजन काशी में किया जाएगा. इसमें राम मंदिर लोकार्पण को लेकर एक बड़ी रूपरेखा तैयार करने की योजना बनाई जा रही है.

काशी में राम मंदिर के लोकार्पण को लेकर संत करेंगे मंथन.
इस बारे में राष्ट्रीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने बताया कि 17, 18 और 19 नवंबर को वाराणसी में सांस्कृतिक संसद का आयोजन संत समिति के नेतृत्व में किया जाएगा. इस तीन दिवसीय आयोजन का मुख्य उद्देश्य जनवरी के महीने में होने वाले राम जन्म भूमि पर बन रहे भव्य मंदिर के उद्घाटन समारोह की सफलता को लेकर किया जाने वाला प्लान तैयार करना है. इसके लिए पूरी रूपरेखा काशी में तैयार करने को लेकर गहन मंथन होगा.इसमें श्री राम जन्म भूमि न्यास से जुड़े तमाम लोग जिसमें चंपत राय समेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तमाम बड़े विचारक और प्रचारक भी मौजूद रहेंगे. इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के कई कद्दावर नेताओं के अलावा संत समिति से जुड़े संतो की विशेष टोली और संभवत शंकराचार्य की भी मौजूदगी रहेगी. इस बारे में ऑफ द कैमरा बोलते हुए स्वामी जितेंद्रानंद ने बताया कि यह तीन दिवसीय कार्यक्रम बेहद महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इसमें 3 दिनों के कार्यक्रम में श्री राम जन्मभूमि उद्घाटन समारोह में क्या करना है, कैसे करना है, किन लोगों को आमंत्रित करना है. संतों की किस टोली को कौन सी जिम्मेदारी देनी है. कुल देश भर से कितने संतों को बुलाना है, कितने नेताओं की सूची तैयार करनी है और कौन-कौन लोगों को इस कार्यक्रम में आमंत्रण पत्र भेजना है. यह सारी रूपरेखा काशी में तैयार करने की योजना बनी है. इसके लिए तीन दिवसीय कार्यक्रम में राम मंदिर लोकार्पण के अलावा देश में सनातन धर्म पर हो रहे कुठाराघात और सनातन धर्म के नाम पर चल रहे फर्जी बाबाओं के बाजार पर कैसे नकेल कसी जाए इस पर भी मंथन किया जाएगा.स्वामी जितेंद्रानंद का कहना है कि काशी में इसके पहले भी सांस्कृतिक संसद का आयोजन किया जा चुका है. इस संसद में पहले देशभर के संतों का जुटान हुआ था और इस बार भी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और अन्य कई राज्यों से संतों की टोलियां काशी में इस क्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचेगी.स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती का कहना है कि श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के समय भी उनके द्वारा ही आयोजन में संतों की मौजूदगी व अन्य कार्यक्रमों को लेकर तैयारियों में सहभागिता की गई थी और इस बार भी काशी को ही कार्य मिला है. इस रूप में काम करते हुए लगभग 40 संतों की एक लिस्ट भी फाइनल की गई है. जिनमें अखाड़ा प्रमुख, शंकराचार्य, कई बड़ी पीठ के प्रमुख आमंत्रित किए जाएंगे. इसके अतिरिक्त सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रण भेजने की तैयारी चल रही है. सारी सूची तैयार करने का काम चल रहा है और नवंबर में होने वाले इस कार्यक्रम में सारे कार्यक्रम की रूपरेखा पर फाइनल मुहर लगाई जाएगी. ये भी पढ़ेंः मालिक के मरने के बाद भी वफादार कुत्ते ने नहीं छोड़ा साथ, चार घंटे तक शव उतारने की कोशिश करता रहा
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