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वाराणसी: नगर निगम की लापरवाही के चलते खतरे में बिजली सब पावर स्टेशन

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Published : Jul 12, 2019, 4:42 PM IST

उत्तर प्रदेश का वाराणसी जिला पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है. वैसे तो पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र को जापान के क्योटो की तर्ज पर विकसित करना चाहते हैं, लेकिन यहां बिजली विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से बड़ा हादसा होने की आशंका है.

खतरे में बिजली सब पावर स्टेशन

वाराणसीः सामने घाट स्थित पावर सब स्टेशन के नीचे से निकलने वाली सीवर की 2 पाइप पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. इससे पावर स्टेशन के नीचे की मिट्टी का लगातार कटान हो रहा है. गंगा में इस वक्त जलस्तर बढ़ा हुआ है और कभी भी बाढ़ आ सकती है. ऐसी स्थिति में पावर स्टेशन भी ढह सकता है. हालांकि बिजली विभाग इसे बचाने की कोशिश में लगा हुआ है, लेकिन सीवर के टूटे पाइपों की वजह से मिट्टी का कटान तेजी से हो रहा है.

खतरे में बिजली सब पावर स्टेशन.

क्या है पूरा मामला-

  • लंका थाना अंतर्गत सामने घाट स्थित पावर सब स्टेशन गंगा घाट के किनारे स्थित है.
  • इसके नीचे सीवर की दो पाइप पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है, जिसकी वजह से लगातार मिट्टी का कटान हो रहा है.
  • बारिश में गंगा नदी के जल स्तर में बढ़ाव के कारण सब स्टेशन के साथ अगल-बगल का इलाका गंगा में समा जाएगा.
  • बिजली विभाग द्वारा अपने सब स्टेशन को बचाने के लिए मरम्मत का कार्य चल रहा है.
  • यदि बाढ़ आयी तो बिजली विभाग द्वारा सब स्टेशन को बचा पाना मुश्किल होगा.
  • स्थानीय लोगों का कहना है की कई अधिकारी आए और चले गए, लेकिन कोई कुछ कर नहीं रहा है.

दो सीवर लाइन का चेंबर टूट हुआ है. इसके लिए हमने कई बार नगर निगम गंगा प्रदूषण नियंत्रण को बता चुके हैं, लेकिन फिर भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. अगर ऐसा ही चलता रहा तो पावर स्टेशन टूट जाएगा, जिससे आधे शहर की बिजली बाधित होगी.
-कमलेश दुबे, ठेकरदार, बिजली विभाग

जल निगम और नगर निगम को इसके बारे में कई बार बताया जा चुका है, लेकिन कोई सुनता नहीं है. पिछली बार भी बिजली विभाग के लोगों ने यहां ईट रखी थी, जिससे मंदिर और यह बिजली पावर स्टेशन को बचाया गया था.
-पंचम दास, स्थानीय

वाराणसीः सामने घाट स्थित पावर सब स्टेशन के नीचे से निकलने वाली सीवर की 2 पाइप पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. इससे पावर स्टेशन के नीचे की मिट्टी का लगातार कटान हो रहा है. गंगा में इस वक्त जलस्तर बढ़ा हुआ है और कभी भी बाढ़ आ सकती है. ऐसी स्थिति में पावर स्टेशन भी ढह सकता है. हालांकि बिजली विभाग इसे बचाने की कोशिश में लगा हुआ है, लेकिन सीवर के टूटे पाइपों की वजह से मिट्टी का कटान तेजी से हो रहा है.

खतरे में बिजली सब पावर स्टेशन.

क्या है पूरा मामला-

  • लंका थाना अंतर्गत सामने घाट स्थित पावर सब स्टेशन गंगा घाट के किनारे स्थित है.
  • इसके नीचे सीवर की दो पाइप पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है, जिसकी वजह से लगातार मिट्टी का कटान हो रहा है.
  • बारिश में गंगा नदी के जल स्तर में बढ़ाव के कारण सब स्टेशन के साथ अगल-बगल का इलाका गंगा में समा जाएगा.
  • बिजली विभाग द्वारा अपने सब स्टेशन को बचाने के लिए मरम्मत का कार्य चल रहा है.
  • यदि बाढ़ आयी तो बिजली विभाग द्वारा सब स्टेशन को बचा पाना मुश्किल होगा.
  • स्थानीय लोगों का कहना है की कई अधिकारी आए और चले गए, लेकिन कोई कुछ कर नहीं रहा है.

दो सीवर लाइन का चेंबर टूट हुआ है. इसके लिए हमने कई बार नगर निगम गंगा प्रदूषण नियंत्रण को बता चुके हैं, लेकिन फिर भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. अगर ऐसा ही चलता रहा तो पावर स्टेशन टूट जाएगा, जिससे आधे शहर की बिजली बाधित होगी.
-कमलेश दुबे, ठेकरदार, बिजली विभाग

जल निगम और नगर निगम को इसके बारे में कई बार बताया जा चुका है, लेकिन कोई सुनता नहीं है. पिछली बार भी बिजली विभाग के लोगों ने यहां ईट रखी थी, जिससे मंदिर और यह बिजली पावर स्टेशन को बचाया गया था.
-पंचम दास, स्थानीय

Intro:पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी वैसे तो पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र को कोई क्योटो तर्ज पर विकास करना चाहते हैं लेकिन यहां के अधिकारी की लापरवाही से बड़ी घटना देखने को मिल सकती है।

हम बात कर रहे हैं। लंका थाना अंतर्गत सामने घाट स्थित पावर सब स्टेशन की जो गंगा घाट के किनारे स्थित है इसके जस्ट नीचे सीवर की दो पाइप पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है जिसकी वजह से लगातार मिट्टी का कटान हो रहा है।अगर यह मिट्टी का कटान इसी तरह होता रहा और इस बार अगर बाढ़ ज्यादा आया तो सब स्टेशन के साथ बगल में साईं बाबा और शंकर जी का मंदिर इस बार गंगा में समा जाएगा। क्षेत्रीय लोगों में ऐसा डर है।


Body:वहीं बिजली विभाग द्वारा अपने सब स्टेशन को बचाने के लिए मरम्मत का कार्य चल रहा है जिससे बिजली विभाग अपने सब स्टेशन को बचा सके लेकिन जिस तरह सीवर का पानी सब स्टेशन के नीचे गिर रहा है जिससे मिट्टी का कटान हो रहा है अगर इस बार बाढ़ आया तो सब स्टेशन को बचा पाना मुश्किल होगा इसे लेकर क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है और उनका कहना है कई अधिकारी आए और चले गए लेकिन कोई इस पर कुछ कर नहीं रहा है।


Conclusion:कमलेश दुबे, ठेकरदार बिजली विभाग ये आपात काल हमने पिछले बार यह बनाया था। और इस बार भी फिर से हम लोग आपातकाल की व्यवस्था कर रहे हैं जैसा कि आप देख सकते हैं कि यह दो सीवर लाइन का चेंबर है जो टूट गया है इसके लिए हमने कई बार नगर निगम गंगा प्रदूषण नियंत्रण को बता चुके हैं लेकिन फिर भी इस पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही अगर ऐसा ही चलता रहा तो इस बार में यह पावर स्टेशन टूट जाएगा जिससे आधे शहर की बिजली बाधित होगी।


पंचम दास, पुजारी,गंगेश्वर महादेव, पिछली बार भी सिवर टूटा था कई अधिकारी आए और देकर चले गए जल निगम नगर निगम को भी इसके बारे में बताया जा चुका है पता किया जा चुका है लेकिन कोई सुनता नहीं है पिछली बार भी बिजली विभाग के लोगों ने यहां पर कुछ ईट रखी थी जिससे मंदिर और यह बिजली पावर स्टेशन बच गया लेकिन अगर इस बार बाढ़ आया तो हमें नहीं लगता है कि बिजली का पावर स्टेशन और यह मंदिर बच पाएगा क्योंकि जिस तरह जो यह सीवर का पानी यहां गिरा यह पहले गंगा जी के पास गिरता था लेकिन टूटे टूटे यहां गिर गया है।

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