वाराणसीः जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर पूनम मौर्या का एक नामांकन पत्र अस्वीकृत और एक स्वीकृत हुआ है. जबकि चंदा यादव के दोनों नामांकन पत्र अस्वीकृत हुए हैं. इस तरह विधिवत रूप से एक प्रत्याशी श्रीमती पूनम मौर्या का नामांकन वैध पाया गया.
डीएम ने दी जानकारी
डीएम कौशल राज शर्मा ने देर रात मैसेज भेजकर बताया कि वाराणसी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर दो प्रत्याशियों चंदा यादव और पूनम मौर्या ने दो-दो नामांकन दाखिल किए थे. इनकी स्क्रूटनी दोपहर 3 बजे उसी क्रम में शुरू हुई. दोनों पक्षों ने एक दूरसे के नोटरी अधिवक्ताओं की बैद्यता के बारे में लिखिल आपत्ति दाखिल की. दोनों ने जवाब देने के लिए 2-2 घंटे का टाइम मांगा था, जो उनको दिया गया. शाम 6.30 बजे दोबारा स्क्रूटनी शुरू हुई, जिसमें दोनों प्रत्याशियों ने अपना-अपना पक्ष रखा.
अकेले बची मैदान में, जीत की घोषणा बाकी
फिलहाल इस पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद अब जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी की प्रत्याशी पूनम मौर्या अकेले ही रह गई हैं. क्योंकि सिर्फ सपा और भाजपा दो प्रत्याशियों ने अपने-अपने पर्चे दाखिल किए थे. सपा का पर्चा खारिज होने के बाद पूनम निर्विरोध निर्वाचित हो चुकी हैं, लेकिन अब तक उनके जीत को लेकर प्रशासनिक घोषणा नहीं की गई है.
ये है पूरा मामला
देर रात 11:30 बजे जिलाधिकारी वाराणसी कौशल राज शर्मा अपने कार्यालय से बाहर निकले. वे जिला अध्यक्ष बीजेपी और चुनाव प्रभारी एसपी मनोज राय धूपचंडी को उनकी प्रत्याशी चंदा यादव का पर्चा खारिज होने की जानकारी देकर बिना किसी से बातचीत किए वहां से रवाना हो गए. जिसके बाद अफरातफरी की स्थिति मच गई. ये ड्रामा बीजेपी और समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच चला. इसकी बड़ी वजह समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी चंदा यादव के नामांकन पत्र पर बीजेपी की तरफ से दाखिल किया गया आपत्ति पत्र माना जा रहा है. देर रात तक दोनों प्रत्याशियों के पर्चे पर दोनों पार्टियों की तरफ से आपत्ति दाखिल की गई. आपत्ति पर देर रात तक स्कूटनिंग की कार्रवाई चलती रही. लेकिन इस बीच हंगामा तब खड़ा हो गया जब समाजवादी पार्टी के सीनियर लीडर और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के प्रभारी मनोज राय धूपचंडी ने योगी कैबिनेट में मंत्री अनिल राजभर और बीजेपी विधायक अवधेश सिंह पर चुनावी प्रक्रिया को डिस्टर्ब करने का आरोप लगाया. देर रात तक जिला मुख्यालय पर समाजवादी पार्टी और बीजेपी कार्यकर्ताओं की भीड़ जुटी रही.
कैबिनेट मंत्री पर लगाए आरोप
दरअसल मामला 3:00 बजे के बाद उस वक्त शुरू हुआ जब समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी चंदा यादव के नामांकन पत्र पर बीजेपी की तरफ से आपत्ति दाखिल की गई. आपत्ति इस बात पर थी कि दाखिल किए गए नामांकन पत्र में की गई नोटरी फर्जी तरीके से बनवाई गई है. जिसके बाद देखते ही देखते समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ वहां इकट्ठा होने लगी नारेबाजी के बीच दोनों पार्टियों के लोग आमने सामने आ गए.
अचानक से डीएम ने किया पर्चा खारिज होने का एलान
फिलहाल इस पूरे प्रकरण में देर रात तक जिला अधिकारी की निगरानी में राइफल क्लब में स्कूटनी की कार्रवाई चलती रही, और अचानक से जिलाधिकारी ने बाहर आकर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी का पर्चा खारिज होने की जानकारी सपा कार्यकर्ताओं को दी. वहीं बीजेपी के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर और बीजेपी के कई नेताओं जिला अध्यक्ष स्कूटनी रूम में पहुंचने को लेकर सपा का हंगामा जारी रहा. इसे लेकर समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई. सपा के सीनियर लीडर मनोज राय धूपचंडी का आरोप है कि इस पूरी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए कैबिनेट मंत्री की तरफ से दबाव बनाया जा रहा है . इसलिए पूरे प्रकरण को राज्यपाल को संज्ञान लेना चाहिए उन्होंने कहा कि यदि हमारा होता है तो हम कोर्ट की शरण में जाएंगे और राज्यपाल से मुलाकात करेंगे. लोकतंत्र पर गहरा आघात लगाने हुए बीजेपी मनी माफिया और मसल्स के बल पर चुनाव जीतना चाह रही है. जिसके लिए समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर विरोध करेंगे.