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तिहरे हत्याकांड का वाराणसी पुलिस ने किया खुलासा, 6 गिरफ्तार

वाराणसी पुलिस ने पिछले साल हुई तीन लोगों की हत्या का खुलासा करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि हत्याकांड के दो मुख्य आरोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि 5 लाख रुपये को लेकर तीनों हत्याएं की गई थी.

पुलिस की गिरफ्त में हत्यारे.
पुलिस की गिरफ्त में हत्यारे.
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Published : Jul 30, 2020, 6:37 PM IST

वाराणसी : काशी नगरी में साल 2019 के अक्टूबर और नवंबर माह में सिलसिलेवार तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी. गुरुवार को आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने मामले का खुलासा किया है. इस गंभीर मामले को सुलझाने में पुलिस को करीब 8 महीने लग गए. पुलिस की जांच में पता चला कि 5 लाख रुपयों को लेकर तीनों की हत्या कर दी गई थी. आरोपी मृतकों के करीबी दोस्त थे, जिन्होंने हत्या के बाद पैसे को आपस में बांटने की भरपूर कोशिश की थी लेकिन पुलिस ने ऐन वक्त पर गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया.

मृतक के नाम पास हुआ था 5 लाख का लोन

गुरुवार को वाराणसी एसएसपी अमित पाठक ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 5 लाख का लोन मृतक के नाम पर पास हुआ था. जिसे मृतक के दोस्तों ने उसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर किया था. इस पूरे मामले को जिसने षड्यंत्र का रूप दिया उनमें से 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जबकि मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. लोन के 5 लाख रुपये मृतक के अकाउंट में आए थे. उसी अकाउंट से कुछ लोगों ने अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए थे.

अकाउंट से पैसे निकालने वाले दो लोगों की भी हुई हत्या

पुलिस उन तक अपनी पहुंच बनाई तब तक उन लोगों को भी आरोपियों ने मौत के घाट उतार दिया. जिसके बाद पुलिस मोबाईल फोन के जरिए मुख्य आरोपियों की गैंग तक पहुंची. एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि मोबाइल फोन के जरिए अगर आरोपियों ने बात नहीं की होती, तो पकड़ पाना बेहद मुश्किल था. हत्या के षड्यंत्र में जितने लोग शामिल थे, उनमें से 6 लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई है. फिलहाल 2 लोग अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं, जिनकी तलाश में विभिन्न जगहों पर छापेमारी की जा रही.

पैसों के लिए की तीन लोगों की हत्या

पैसे को लेकर उक्त आरोपियो ने पहले एक हत्या की. जिसके बाद वह हत्या पुलिस के सामने न खुल पाए इसके चलते दो और हत्याएं कर दी गई. पूरा मामला बेहद पेचीदा होने की वजह से पुलिस ने पहले ही रोहनिया थाने से कुछ लोगों को हत्या के आरोप में जेल भेज दिया है. फिलहाल एसएसपी अमित पाठक का कहना है कि रोहनिया थाने से जितने भी लोगों को जेल भेजा गया है, वह निर्दोष हैं. उन्हें जल्द से जल्द सलाखों के पीछे से बाहर निकालना पुलिस की जिम्मेदारी है. एसएसपी का यह भी कहना है कि किस कारणवश उन्हें जेल भेजा गया यह भी जांच का विषय है.

वाराणसी : काशी नगरी में साल 2019 के अक्टूबर और नवंबर माह में सिलसिलेवार तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी. गुरुवार को आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने मामले का खुलासा किया है. इस गंभीर मामले को सुलझाने में पुलिस को करीब 8 महीने लग गए. पुलिस की जांच में पता चला कि 5 लाख रुपयों को लेकर तीनों की हत्या कर दी गई थी. आरोपी मृतकों के करीबी दोस्त थे, जिन्होंने हत्या के बाद पैसे को आपस में बांटने की भरपूर कोशिश की थी लेकिन पुलिस ने ऐन वक्त पर गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया.

मृतक के नाम पास हुआ था 5 लाख का लोन

गुरुवार को वाराणसी एसएसपी अमित पाठक ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 5 लाख का लोन मृतक के नाम पर पास हुआ था. जिसे मृतक के दोस्तों ने उसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर किया था. इस पूरे मामले को जिसने षड्यंत्र का रूप दिया उनमें से 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. जबकि मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है. लोन के 5 लाख रुपये मृतक के अकाउंट में आए थे. उसी अकाउंट से कुछ लोगों ने अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए थे.

अकाउंट से पैसे निकालने वाले दो लोगों की भी हुई हत्या

पुलिस उन तक अपनी पहुंच बनाई तब तक उन लोगों को भी आरोपियों ने मौत के घाट उतार दिया. जिसके बाद पुलिस मोबाईल फोन के जरिए मुख्य आरोपियों की गैंग तक पहुंची. एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि मोबाइल फोन के जरिए अगर आरोपियों ने बात नहीं की होती, तो पकड़ पाना बेहद मुश्किल था. हत्या के षड्यंत्र में जितने लोग शामिल थे, उनमें से 6 लोगों की गिरफ्तारी कर ली गई है. फिलहाल 2 लोग अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं, जिनकी तलाश में विभिन्न जगहों पर छापेमारी की जा रही.

पैसों के लिए की तीन लोगों की हत्या

पैसे को लेकर उक्त आरोपियो ने पहले एक हत्या की. जिसके बाद वह हत्या पुलिस के सामने न खुल पाए इसके चलते दो और हत्याएं कर दी गई. पूरा मामला बेहद पेचीदा होने की वजह से पुलिस ने पहले ही रोहनिया थाने से कुछ लोगों को हत्या के आरोप में जेल भेज दिया है. फिलहाल एसएसपी अमित पाठक का कहना है कि रोहनिया थाने से जितने भी लोगों को जेल भेजा गया है, वह निर्दोष हैं. उन्हें जल्द से जल्द सलाखों के पीछे से बाहर निकालना पुलिस की जिम्मेदारी है. एसएसपी का यह भी कहना है कि किस कारणवश उन्हें जेल भेजा गया यह भी जांच का विषय है.

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