वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय स्तर के महामंदिर के रूप में स्थापित स्वर्वेद मंदिर के प्रथम तल का उद्घाटन कर दिया. जल्द ही यहां पर सदाफल महाराज की 150 फीट ऊंची प्रतिमा भी स्थापित होने वाली है. इसकी घोषणा भी सोमवार को मंदिर के प्रमुख विज्ञान देव जी महाराज ने की है. इन सबके बीच पीएम मोदी ने बनारस में एक तरफ जहां धर्म और आध्यात्मिकता की बात की तो वहीं उन्होंने इस आध्यात्मिक और धार्मिक मंच से बड़ा राजनीतिक दांव भी खेल दिया.
पीएम मोदी ने यह राजनीतिक दांव मंच पर अपने संबोधन के दौरान की गई बातों और विकास के दावों के साथ से 29 राज्यों तक पहुंचा दिया. आने वाले लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पीएम मोदी का यह बड़ा दांव कितना कारगर होगा यह तो बाद की बात है, लेकिन स्वर्वेद मंदिर से जुड़े लगभग 30 लाख से ज्यादा अनुयायियों तक पीएम ने इसी मंच से अपनी बात पहुंचाने का काम कर दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्वर्वेद मंदिर के धार्मिक और आध्यात्मिक मंच से 9 संकल्पों को दिलवाते हुए लोगों को भारत के आध्यात्मिक, आर्थिक और धार्मिक पहलू से जोड़ने का काम किया. एक तरफ प्रधानमंत्री ने जहां बड़ा राजनीतिक दांव खेलते हुए लोगों की भावनाओं की कद्र की और अध्यात्म और धर्म की बात करने के साथ पीएम ने लोगों को भारत को मजबूत करने के लिए देश में ही तमाम कार्यक्रम और शादियां और घूमने फिरने का कार्य करने की अपील की तो, वहीं प्रधानमंत्री ने बनारस के विकास और देश में हुए बदलावों पर चर्चा करते हुए अपनी सरकार की उपलब्धि को भी लोगों के सामने रख दिया.
प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 के चुनाव से पहले बनारस में इस बड़े मंच से बड़ा राजनीतिक दांव भी खेला. क्योंकि, इस महामंदिर से सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बंगाल, असम, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश प्रांतों के अलावा इटली, जर्मनी, कनाडा, सिंगापुर, मलेशिया, इंडोनेशिया अमेरिका देशों के अनुयायी भी हैं.
इन सबके बीच प्रधानमंत्री मोदी ने यहां पर मंच से एक और बड़ी बात कही है जो यह स्पष्ट करती है कि पीएम मोदी अपने कामों और अपने प्रचार प्रसार के साथ ही केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं की भी जबरदस्त तरीके से ब्रांडिंग कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस आध्यात्मिक मंच से होने वाले 25000 कुंडीय महायज्ञ में दी जाने वाली आहुतियां को तब और कारगर बताया जब विकसित भारत संकल्प यात्रा का प्रचार प्रसार धर्म गुरुओं से लेकर अनुयायियों के द्वारा किया जाए. उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस महायज्ञ में यह सच्ची आहुति होगी जब विकसित भारत की संकल्प यात्रा को और मजबूती मिलेगी.
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