वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर अब प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां अंतिम रूप ले रही हैं. ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को वाराणसी में विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने आ सकते हैं. इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हाल ही में वाराणसी दौरे के दौरान बैठक में यह साफ कर दिया है कि 13 दिसंबर से पहले विश्वनाथ कॉरिडोर सज-धज कर तैयार हो जाए. ईटीवी भारत आपको विश्वनाथ कॉरिडोर के उस परिसर में आज लेकर चल रहा है, जिसे देखकर आप को भी इस निर्माणाधीन कॉरिडोर की भव्यता का एहसास हो जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर 13 दिसंबर को उद्घाटन की तिथि निर्धारित की गई है. तैयारियों की अगर बात की जाए तो जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी के हाथों कॉरिडोर के उद्घाटन का प्लान बनाया गया है, उस दिन वाराणसी में तीसरी बार दीपावली मनाई जाने की तैयारी की जा रही है, क्योंकि दीपावली के बाद देव दीपावली काशी में मनाई गई.
अब विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के मौके पर विश्वनाथ मंदिर सहित काशी के अन्य देवालयों में दीप दान करने की तैयारी की जा रही है. इतना ही नहीं 13 दिसंबर को काशी विश्वनाथ में होने वाली पूजा-पाठ में भारत की प्रमुख नदियों के जल से बाबा विश्वनाथ के अभिषेक की तैयारी की जा रही है और काशी के पूरा जी पति के मंदिर परिसर के विस्तारीकरण कार्यक्रम के पूर्ण होने पर द्वादश ज्योतिर्लिंग के प्रमुख पुजारियों को भी इस आयोजन में बुलाया जाएगा. धर्माचार्यों सहित अन्य लोगों की मौजूदगी भी यहां पर होगी.
फिलहाल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस कॉरिडोर का शिलान्यास किया गया था और 2020 मार्च में ही इसे पूर्ण होना था, लेकिन कोविड-19 की वजह से काम प्रभावित हुआ और अब 30 नवंबर तक इस काम को पूर्ण करने की नई डेडलाइन दी गई है. विश्वनाथ कॉरिडोर के अंदर 350 से ज्यादा भवनों को खरीदने के बाद इनको गिरा कर इस भव्य कॉरिडोर का निर्माण संभव हो पाया है. 600 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से लगभग 50,000 से ज्यादा वर्ग मीटर क्षेत्र में विश्वनाथ कॉरिडोर तैयार हो रहा है, जहां 24 भवनों का निर्माण किया जाना है. इनमें गेस्ट हाउस से लेकर घरों के अंदर से निकले 50 मंदिरों के जीर्णोद्धार का कार्यक्रम भी पूर्ण होना है.
इस कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले ईटीवी भारत की टीम मंदिर परिसर के उस स्थान पर पहुंची जो सबसे भव्य माना जा रहा है. जिसे मंदिर चौक के नाम से जाना जा रहा है. मंदिर चौक एरिया पूरे कॉरिडोर की भव्यता को बयां करने के लिए काफी है. सीढ़ियों से उतरकर नीचे आने के बाद मंदिर चौक इतना विशाल है कि यहां एक बार में 10000 श्रद्धालु आसानी से इकट्ठा हो सकते हैं. चुनार से लाल पत्थरों के साथ ही गुजरात से आए पत्थरों और मकराना मार्बल से पूरा मंदिर परिसर सज-धज कर तैयार हो चुका है.
सबसे बड़ी बात यह है कि 7 तरह के विशेष पत्थरों से पूरे मंदिर परिसर को बनाया गया है. इसमें बालेश्वर स्टोन, मकराना मार्बल, कोटा ग्रेनाइट, मडोना स्टोन का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया गया है. पूरे मंदिर परिसर में कुल 4 बड़े-बड़े द्वार बनाए गए हैं. वर्तमान समय में दो हजार से ज्यादा मजबूर इस काम को पूर्ण कर रहे हैं.
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मंदिर प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से केदारनाथ धाम में हुए आयोजन को देश भर के मंदिरों में लाइव प्रसारण करके लोगों को बड़े आयोजन में शामिल होने का मौका दिया गया था, वैसे ही काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन के मौके पर इस कार्यक्रम को भी द्वादश ज्योतिर्लिंग समेत देश के बड़े मंदिरों में सीधे लाइव प्रसारण करने की तैयारी भी की जा रही है.
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