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BHU के वैज्ञानिकों ने विकसित की गेहूं की नई प्रजाति मालवीय-838, पीएम मोदी ने देश को किया समर्पित

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा गेहूं की नई प्रजाति के बनाए गए मालवीय-838 को देश को समर्पित कर दिया है. खास बात ये है कि इस प्रजाति में अधिक उपज के साथ-साथ जिंक और आयरन की मात्रा भी अधिक है और यह कम पानी में भी अपेक्षाकृत अधिक उत्पादन देता है.

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Published : Sep 29, 2021, 8:47 AM IST

Updated : Sep 29, 2021, 9:17 AM IST

वैज्ञानिकों ने विकसित की गेहूं की प्रजाति मालवीय 838
वैज्ञानिकों ने विकसित की गेहूं की प्रजाति मालवीय 838

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा गेहूं की नई प्रजाति, मालवीय-838 को प्रधानमंत्री मोदी ने देश को समर्पित कर दिया है. इसे लेकर बीएचयू के वैज्ञानिक और छात्रों में हर्ष और उल्लास का माहौल है. सभी ने एक स्वर में प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहा है.



मालवीय-838 गेहूं की खासियत

प्रो. रमेश कुमार सिंह ने बताया इस प्रजाति में अधिक उपज के साथ-साथ जिंक और आयरन की मात्रा भी अधिक है, यह कम पानी में भी अपेक्षाकृत अधिक उत्पादन देता है. बांग्लादेश में एक बीमारी ब्लास्ट के कारण गेहूं का उत्पादान बहुत कम हो गया है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश होने के कारण इस बीमारी के हमारे देश में आने की बहुत संभावना है, मालवीय 838 में इस ब्लास्ट बीमारी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता यह पूर्ण रूप से रोधी प्रजाति है.

अतः बांग्लादेश से सटे भारत के राज्यों में इस प्रजाति को उगाया जाए तो हम इस बीमारी को भारत में आने को रोक सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के लिए एक खुशी का दिन है. मैं अपनी पूरी गेहूं की टीम को बधाई देता हूं, यह तभी संभव हो पाया जब गेहूं की टीम ने विगत 6 वर्षों से एक साथ मिलकर इस कार्य को पूरा किया.

वैज्ञानिकों ने विकसित की गेहूं की प्रजाति मालवीय 838

यह भी पढ़ें-जीवित्पुत्रिका व्रत: आज है संतान की दीर्घायु के लिए किया जाने वाला कठिन व्रत, ऐसे करें पूजन


वहीं, प्रोफेसर विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि हम लोगों के लिए बहुत ही खुशी की बात है कि हमारी गेहूं की प्रजाति मालवीय 838 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम समर्पित किया. इस प्रजाति की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह प्रजाति ब्लास्ट रोग से गेहूं के फसल को बचाती है. पड़ोसी देश बांग्लादेश में मुख्य फसल में यह रोग लग जाता है. ऐसे में हमारी प्रजाति इस रोग को रोकने के लिए बहुत ही कारगर साबित होगी. आयरन के साथ इसमें जिंक की भी अधिक मात्रा है.

वैज्ञानिकों ने विकसित की गेहूं की प्रजाति मालवीय 838
वैज्ञानिकों ने विकसित की गेहूं की प्रजाति मालवीय 838
इस प्रजाति को विकसित करने में प्रोफेसर विनोद कुमार मिश्र, प्रोफेसर हेमंत कुमार जायसवाल, डॉ. संदीप शर्मा के साथ ही अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग से, प्रोफेसर रमेश कुमार सिंह, प्रोफेसर रमेश चंद तथा प्रोफेसर श्याम शरण वैश और पादप रोग विज्ञान विभाग ने योगदान दिया है.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा गेहूं की नई प्रजाति, मालवीय-838 को प्रधानमंत्री मोदी ने देश को समर्पित कर दिया है. इसे लेकर बीएचयू के वैज्ञानिक और छात्रों में हर्ष और उल्लास का माहौल है. सभी ने एक स्वर में प्रधानमंत्री को धन्यवाद कहा है.



मालवीय-838 गेहूं की खासियत

प्रो. रमेश कुमार सिंह ने बताया इस प्रजाति में अधिक उपज के साथ-साथ जिंक और आयरन की मात्रा भी अधिक है, यह कम पानी में भी अपेक्षाकृत अधिक उत्पादन देता है. बांग्लादेश में एक बीमारी ब्लास्ट के कारण गेहूं का उत्पादान बहुत कम हो गया है. उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश होने के कारण इस बीमारी के हमारे देश में आने की बहुत संभावना है, मालवीय 838 में इस ब्लास्ट बीमारी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता यह पूर्ण रूप से रोधी प्रजाति है.

अतः बांग्लादेश से सटे भारत के राज्यों में इस प्रजाति को उगाया जाए तो हम इस बीमारी को भारत में आने को रोक सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के लिए एक खुशी का दिन है. मैं अपनी पूरी गेहूं की टीम को बधाई देता हूं, यह तभी संभव हो पाया जब गेहूं की टीम ने विगत 6 वर्षों से एक साथ मिलकर इस कार्य को पूरा किया.

वैज्ञानिकों ने विकसित की गेहूं की प्रजाति मालवीय 838

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वहीं, प्रोफेसर विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि हम लोगों के लिए बहुत ही खुशी की बात है कि हमारी गेहूं की प्रजाति मालवीय 838 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम समर्पित किया. इस प्रजाति की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह प्रजाति ब्लास्ट रोग से गेहूं के फसल को बचाती है. पड़ोसी देश बांग्लादेश में मुख्य फसल में यह रोग लग जाता है. ऐसे में हमारी प्रजाति इस रोग को रोकने के लिए बहुत ही कारगर साबित होगी. आयरन के साथ इसमें जिंक की भी अधिक मात्रा है.

वैज्ञानिकों ने विकसित की गेहूं की प्रजाति मालवीय 838
वैज्ञानिकों ने विकसित की गेहूं की प्रजाति मालवीय 838
इस प्रजाति को विकसित करने में प्रोफेसर विनोद कुमार मिश्र, प्रोफेसर हेमंत कुमार जायसवाल, डॉ. संदीप शर्मा के साथ ही अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग से, प्रोफेसर रमेश कुमार सिंह, प्रोफेसर रमेश चंद तथा प्रोफेसर श्याम शरण वैश और पादप रोग विज्ञान विभाग ने योगदान दिया है.
Last Updated : Sep 29, 2021, 9:17 AM IST
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