वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने संसदीय क्षेत्र में एक इतिहास रचा है. देश में पहली बार किसी डीजल इंजन को कन्वर्ट कर उसे इलेक्ट्रॉनिक इंजन में बदलने के बाद इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. प्रधानमंत्री कहा कि देश में वह चीजें संभव हो सकी हैं जो कल तक मुश्किल थीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को अपने संसदीय क्षेत्र के दौरे पर थे. सबसे पहले डीरेका वर्कशॉप पहुंचे. जहां पर 10000 अश्वशक्ति का ट्विन रेल इंजन उन्होंने राष्ट्र को समर्पित किया. उच्च शक्ति के मालवाहक डब्लूएजीसी-3 रेल इंजन को प्रधानमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह देश में एक इतिहास बन गया, क्योंकि ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी डीजल इंजन को इलेक्ट्रॉनिक इंजन में कन्वर्ट किया गया हो.
इस इंजन की क्षमता दोगुनी हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल इंजन के बारे में आकर्षक प्रदर्शनी वीडियो फिल्म और रेल इंजन कैप का भी अवलोकन किया. डीजल लोकोमोटिव वर्क शॉप की तरफ से जारी की गई विज्ञप्ति में बताया गया है कि भारतीय रेल में डीजल की बचत एवं पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए संपूर्ण विद्युतीकरण का निर्णय लिया है. इसको दृष्टिगत रखते हुए डीजल इंजनों के स्थान पर अब विद्युत रेल इंजन का निर्माण डीरेका में किया जाएगा.
डीरेका ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए विद्युत रेल इंजनों के निर्माण के साथ ही पुराने डीजल इंजनों के विद्युतीकरण कर इसे विद्युत रेल इंजन में परिवर्तित करने का ऐतिहासिक कदम उठाया है. इसके पहले 28 फरवरी 2018 को डीजल रेल इंजन में कन्वर्ट कर एक नया इतिहास रचा था. अब 10000 अश्वशक्ति वाले इस नए कन्वर्टेड इंडियन का निर्माण कर डीरेका ने एक और इतिहास रच दिया है.
डीरेका अधिकारियों के मुताबिक विश्व में कितने अधिक अश्वशक्ति के डीजल से विद्युत में रूपांतरित रेल इंजन का सफलतापूर्वक निर्माण पहली बार करके डीरेका में कीर्तिमान स्थापित किया है. सबसे बड़ी बात यह है कि इंजन को कन्वर्ट करने का यह काम रिकॉर्ड समय में करते हुए महज 69 दिनों में पूरा किया गया है.