वाराणसी: नगर निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. 5 साल पहले हुए चुनावों में वार्ड से चुनकर आए प्रतिनिधि हो या फिर मेयर सभी ने अपना कार्यकाल पूर्ण कर लिया है. नए सिरे से मिनी सदन में नए जनप्रतिनिधियों को भेजने की तैयारी चल रही है, लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसी चीजें भी इन 5 सालों में सामने आई है, जो निश्चित तौर पर चौंकाने वाली हैं, क्योंकि मिनी सदन हर जिले का वह स्थान माना जाता है, जहां जिले की नगरिया समस्याओं को रखते हुए उन पर चर्चा होती है. उनके निराकरण की कोशिश होती है. विधानसभा और लोकसभा की तर्ज पर प्रस्तावों को पास कर शहर के विकास का खाका तैयार होता है, जिसमें एक तरफ मेयर और पार्षदों की तो मौजूदगी होती है साथ ही साथ चुनकर भेजे गए तमाम और जनप्रतिनिधि भी शामिल होते हैं, जो कि संसद और विधानसभा तक शामिल हैं. लेकिन इस बार वाराणसी के मिनी सदन की 5 सालों में सिर्फ 30 बैठकों ने यह सवाल जरूर खड़ा किया है कि आखिर शहर के डेवलपमेंट को लेकर मिनी सदन इतना कम समय के लिए क्यों संचालित हुआ है.
इन सब के बीच एक और बड़ी बात सामने आई है, जिसमें बनारस के सांसद और नगरीय क्षेत्र के विधायकों के अलावा एमएलसी जिनको इन बैठकों में शामिल होना अनिवार्य होता है. उनकी मौजूदगी मिनी सदन में बिल्कुल भी नहीं रही. सबसे बड़ी बात तो यह है बनारस के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 सालों में हुई 30 बैठकों में से एक भी बैठक में न शामिल हुए न ही उनका कोई प्रतिनिधि इसमें हिस्सा लेने पहुंचा. इसके अलावा शहर दक्षिणी से विधायक और पूर्व मंत्री नीलकंठ तिवारी के अलावा कई और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी मिनी सदन की बैठकों में बिल्कुल भी नहीं रही.
मिनी सदन की बैठक में उपस्थिति रजिस्टर पर यदि गौर करें तो हर वार्ड यानी 90 वार्ड से चुनकर भेजे गए पार्षदों की मौजूदगी 30 बैठकों में लगभग 60% रही है, जबकि सांसद नरेंद्र मोदी ने एक भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया. शहर दक्षिणी से विधायक नीलकंठ तिवारी भी एक भी बैठक में शामिल नहीं हुए. हां सौरभ श्रीवास्तव जो शहर कैंट से विधायक हैं, रविंद्र जायसवाल शहर उत्तरी से विधायक समेत एमएलसी चेतनारायण सिंह, केदारनाथ सिंह और शतरुद्र प्रकाश कुछ गिनी चुनी बैठकों में जरूर पहुंचे, लेकिन अधिकांश में यह भी गायब थे.
पहली बैठक
दिनांक 6 जनवरी 2018
नरेंद्र मोदी (सांसद)- अनुपस्थित
नीलकंठ तिवारी (विधायक)- अनुपस्थित
सौरभ श्रीवास्तव (विधायक)- अनुपस्थित
रविंद्र जयसवाल (विधायक)- अनुपस्थित
शतरुद्र प्रकाश (एमएलसी)- उपस्थित
केदारनाथ सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
चेत नारायण सिंह (एमएलसी)- उपस्थित
दिनांक 24 मार्च 2018
नरेंद्र मोदी (सांसद)- अनुपस्थित
नीलकंठ तिवारी (विधायक)- अनुपस्थित
सौरभ श्रीवास्तव (विधायक)- अनुपस्थित
रविंद्र जयसवाल (विधायक)- अनुपस्थित
शतरुद्र प्रकाश (एमएलसी)- अनुपस्थित
केदारनाथ सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
चेत नारायण सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
दिनांक 17 जुलाई 2018
नरेंद्र मोदी (सांसद)- अनुपस्थित
नीलकंठ तिवारी (विधायक)- अनुपस्थित
सौरभ श्रीवास्तव (विधायक)- उपस्थित
रविंद्र जयसवाल (विधायक)- उपस्थित
शतरुद्र प्रकाश (एमएलसी)- अनुपस्थित
केदारनाथ सिंह (एमएलसी)- उपस्थित
चेत नारायण सिंह (एमएलसी)- उपस्थित
दिनांक 6 सितम्बर 2018
नरेंद्र मोदी (सांसद)- अनुपस्थित
नीलकंठ तिवारी (विधायक)- अनुपस्थित
सौरभ श्रीवास्तव (विधायक)- अनुपस्थित
रविंद्र जयसवाल (विधायक)- अनुपस्थित
शतरुद्र प्रकाश (एमएलसी)- अनुपस्थित
केदारनाथ सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
चेत नारायण सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
दिनांक 11 सितम्बर 2018
नरेंद्र मोदी (सांसद)- अनुपस्थित
नीलकंठ तिवारी (विधायक)- अनुपस्थित
सौरभ श्रीवास्तव (विधायक)- अनुपस्थित
रविंद्र जयसवाल (विधायक)- अनुपस्थित
शतरुद्र प्रकाश (एमएलसी)- उपस्थित
केदारनाथ सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
चेत नारायण सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
दिनांक 19 सितम्बर 2018
नरेंद्र मोदी (सांसद)- अनुपस्थित
नीलकंठ तिवारी (विधायक)- अनुपस्थित
सौरभ श्रीवास्तव (विधायक)- अनुपस्थित
रविंद्र जयसवाल (विधायक)- अनुपस्थित
शतरुद्र प्रकाश (एमएलसी)- अनुपस्थित
केदारनाथ सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
चेत नारायण सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
दिनांक बजट 18-19
नरेंद्र मोदी (सांसद)- अनुपस्थित
नीलकंठ तिवारी (विधायक)- अनुपस्थित
सौरभ श्रीवास्तव (विधायक)- अनुपस्थित
रविंद्र जयसवाल (विधायक)- अनुपस्थित
शतरुद्र प्रकाश (एमएलसी)- अनुपस्थित
केदारनाथ सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
चेत नारायण सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
दिनांक 16 नवम्बर 2018
नरेंद्र मोदी (सांसद)- अनुपस्थित
नीलकंठ तिवारी (विधायक)- अनुपस्थित
सौरभ श्रीवास्तव (विधायक)- अनुपस्थित
रविंद्र जयसवाल (विधायक)- अनुपस्थित
शतरुद्र प्रकाश (एमएलसी)- अनुपस्थित
केदारनाथ सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
चेत नारायण सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
दिनांक 15 दिसम्बर 2018
नरेंद्र मोदी (सांसद)- अनुपस्थित
नीलकंठ तिवारी (विधायक)- अनुपस्थित
सौरभ श्रीवास्तव (विधायक)- अनुपस्थित
रविंद्र जयसवाल (विधायक)- अनुपस्थित
शतरुद्र प्रकाश (एमएलसी)- अनुपस्थित
दिनांक 22 दिसम्बर 2018
नरेंद्र मोदी (सांसद)- अनुपस्थित
नीलकंठ तिवारी (विधायक)- अनुपस्थित
सौरभ श्रीवास्तव (विधायक)- अनुपस्थित
रविंद्र जयसवाल (विधायक)- अनुपस्थित
शतरुद्र प्रकाश (एमएलसी)- अनुपस्थित
केदारनाथ सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
चेत नारायण सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
केदारनाथ सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
चेत नारायण सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
दिनांक 26 दिसम्बर 2018
नरेंद्र मोदी (सांसद)- अनुपस्थित
नीलकंठ तिवारी (विधायक)- अनुपस्थित
सौरभ श्रीवास्तव (विधायक)- अनुपस्थित
रविंद्र जयसवाल (विधायक)- अनुपस्थित
शतरुद्र प्रकाश (एमएलसी)- अनुपस्थित
केदारनाथ सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
चेत नारायण सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
दिनांक 16 जनवरी 2019
नरेंद्र मोदी (सांसद)- अनुपस्थित
नीलकंठ तिवारी (विधायक)- अनुपस्थित
सौरभ श्रीवास्तव (विधायक)- अनुपस्थित
रविंद्र जयसवाल (विधायक)- अनुपस्थित
शतरुद्र प्रकाश (एमएलसी)- अनुपस्थित
केदारनाथ सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
चेत नारायण सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
दिनांक 25 जनवरी 2019
नरेंद्र मोदी (सांसद)- अनुपस्थित
नीलकंठ तिवारी (विधायक)- अनुपस्थित
सौरभ श्रीवास्तव (विधायक)- अनुपस्थित
रविंद्र जयसवाल (विधायक)- अनुपस्थित
शतरुद्र प्रकाश (एमएलसी)- अनुपस्थित
केदारनाथ सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
चेत नारायण सिंह (एमएलसी)- अनुपस्थित
इसी तरह 2019 में 27 फरवरी, 7 सितंबर, 8 नवंबर, 9 नवंबर, 16 नवंबर, 7 दिसंबर को हुई मिनी सदन की बैठक में सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा विधायक नीलकंठ तिवारी की मौजूदगी नदारद थी. 16 नवंबर के मिनी सदन में सौरभ श्रीवास्तव, रविंद्र जायसवाल, केदारनाथ सिंह, चेतनारायण सिंह और शतरुद्र प्रकाश की मौजूदगी थी, जबकि बाकी सभी तारीखों में 2019 में सभी माननीय नदारद थे.
इसके अलावा 2020 में कोविड-19 की वजह से मिनी सदन की बैठक सिर्फ नियम के मुताबिक संचालित हुई जिसमें 30 जनवरी 22 जनवरी 29 फरवरी 7 नवंबर 17 दिसंबर और 23 जनवरी 2021 के अलावा 27 जनवरी 2021 को मिनी सदन की बैठक में कोई भी माननीय मौजूद नहीं था. मिनी सदन की अंतिम बैठक 24 सितंबर 2021 को हुई है जिसमें एमएलसी केदारनाथ सिंह की जगह अशोक कपूर चेत नारायण सिंह की जगह बाहुबली बृजेश सिंह और शतरुद्र प्रकाश, आशुतोष सिन्हा चयनित होकर भेजे गए थे लेकिन यह भी बैठक में मौजूद नहीं रहे. आशुतोष सिर्फ 27 मार्च की एक बैठक में थे.
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