वाराणसी: संयुक्त राष्ट्र के स्थाई प्रतिनिधियों का डेलिगेशन शुक्रवार को वाराणसी के बाबतपुर स्थित लाल बहादुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर पहुंचा. जहां पर जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उनका परंपरागत तरीके से टीका लगाकर माला पहनाकर स्वागत किया. इस डेलिगेशन में जिसमें कजाकिस्तान, गाम्बिया, माली, बारबाडोस, मंगोलिया, सियारा लियोन, साउथ सूडान, सेंट लुइस, टोंगा, माइक्रोनेशिया, मारितानिया सहित सहित केंद्र सरकार के अधिकारी शामिल थे.
![20 देशों के प्रतिनिधियों का समूह](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-var-3-g20-deligates-7200982_24022023192234_2402f_1677246754_1044.jpg)
वाराणसी आगमन पर डेलिगेशन के सदस्यों ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन किए तथा गंगा के विहंगम दृश्य को देखा. काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन के दौरान लोग नव्य-भव्य श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को देख अभिभूत हुए. डेलीगेट के सदस्यों ने सारनाथ का भी भ्रमण किया. डेलिगेशन के लोगों से उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर मिश्र 'दयालु' के अलावा कमिश्नर कौशल राज शर्मा एवं जिलाधिकारी एस. राजलिंगम ने शिष्टाचार मुलाकात कर वाराणसी में हुए विकास कार्यों के प्रगति के बाबत जानकारी दी.
![वाराणसी में जी-20](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/up-var-3-g20-deligates-7200982_24022023192234_2402f_1677246754_339.jpg)
वहीं, नेहरू युवा केंद्र वाराणसी द्वारा गृह मंत्रालय, युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त संयोजन से काशी हिंदू विश्वविद्यालय मे 14 वां आदिवासी युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम का भव्य आयोजन हो रहा है. जिसमें देश के 10 जनपदों के आदिवासी युवा भी आज बनारस आये हैं. भारत सरकार द्वारा निर्धारित दिनचर्या के अनुसार कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. कार्यक्रम के पांचवें दिन जिले के ऐतिहासिक महत्व के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण कराया गया. योगा के उपरांत काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित काशी विश्वनाथ का दर्शन के उपरान्त ललित कला केंद्र पहुंचे जहां अनुप कुमार के निर्देशन में संग्रहालय में संरक्षित मूर्तियों एवं अन्य प्रकार की वस्तुओं की जानकारी प्राप्त की. प्राचीन मूर्तियां, नक्काशी, चित्रकला को समेटे हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का ललित कला केंद्र का भ्रमण बच्चों के लिए ज्ञानवर्द्धक रहा जिससे उन्हें बीते हुए कल की संस्कृति को समझने का पूरा मौका मिला. उसके बाद सभी युवा गंगा घाट पहुंचे. काशी कारीडोर को देखकर सभी अभिभूत थे. उन्होंने कहा कि इस स्थान के बारे में सुना था पर साक्षात दर्शन कर उनके लिए एक अविस्मरणीय पल रहा.