ETV Bharat / state

UP Election 2022: कैंट विधानसभा में सड़क-सीवर की समस्या से परेशान लोग - etv bharat up desk

आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए योगी सरकार विकास के लाख दावें कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. इसी क्रम में ईटीवी भारत की टीम ने वाराणसी के कैंट विधानसभा क्षेत्र के लोगों से बातचीत की जहां लोग खराब सड़कें और सीवर की समस्या से काफी परेशान हैं.

स्थानीय लोग.
स्थानीय लोग.
author img

By

Published : Dec 4, 2021, 10:15 AM IST

वाराणसी: उत्तर प्रदेश सरकार के साढ़े चार पूरे होने पर योगी सरकार विकास के लाख दावें कर रही है. जिसकी हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम गांव-गांव पहुंचकर लोगों की राय ले रही है. इसी क्रम में ईटीवी भारत की टीम ने वाराणसी के कैंट विधानसभा क्षेत्र के लोगों से बातचीत कर विकास के दावें को जानने की कोशिश की.

दरअसल, कैंट विधानसभा शहरी भाग में है. यहां भारतीय जनता पार्टी पिछले 35 सालों से राज कर रही है. वर्तमान समय में बीजेपी के सौरभ श्रीवास्तव विधायक हैं. बातचीत में स्थानीय लोगों ने बताया कि आज भी कैंट विधानसभा में रोड, सीवर सहित अन्य समस्याएं प्रमुख रूप से है. मॉडल के दौर पर शिवपुर से बाबतपुर तक रोड की स्थिति सही की गई है. जिसको काशी के मॉडल के रूप में दिखा दिया गया. जैसे ही आप शहर के अंदर घुसेंगे तो सड़कें टूटें हुई हैं. सीवर टूटा हुआ, नहर का पानी बह रहा है.

जानकारी देते संवाददाता और स्थानीय लोग.

वाराणसी के कैंट विधानसभा क्षेत्र में ईटीवी भारत की टीम ने सरकार द्वारा विकास के दावें की हकीकत की पड़ताल की. जिसमें संजय राय प्रियदर्शी ने बताया की सरकार के विकास की हकीकत अगर किसी को देखना है तो वो विधायकजी जहां रहते हैं वहां देख लीजिए विकास के दावों की हकीकत सामने आ जाएगी. विधायकजी के घर के बाहर ही सीवर का पानी रोड पर बहता है. जब वो अपने इलाके का विकास नहीं कर पाएं तो शहर का क्या करेंगे. पीएम द्वारा करोड़ों रुपये के योजनाओं के सौगात के विषय में बताते हुए कहा की जितना पैसा मोदीजी दिए है. उसको अंकों में गिन पाना संभव नहीं है पर स्थिति पिछले 7 सालों में सबसे ज्यादा खराब हुई है. काशी में स्मार्ट के नाम पर स्मार्ट मीटर चलता है.

टेंट वाले पर्दे से काशी की हकीकत को छिपाने का काम

कमल पटेल ने कहा कि काशी के विकास की बात करें तो प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जब आते है तो टेंट के पर्दे से सीवर नालों को ढक दिया जाता है. अगर इसको नहीं छुपाते तो वो सब सामने नजर आते. दूसरी बात जब पीएम काशी आते हैं तो 10-20 हजार करोड़ देते हैं. एक करोड़ से एक रोड बनता है तो 20 हजार रोड बन जाने चाहिए. बनारस सहित आसपास के जिलों के लिए जितना पैसा आया है. अगर रोड बन जाता तो क्या बात होती. कैंट विधानसभा क्षेत्र सुसवाही इलाके में देख लीजिए तो नाला सीवर बह रहा है. रोड पर लोगों को चलने लायक स्थिति नहीं है. लोग इस समय बहुत परेशान हैं.

इसे भी पढे़ं- गड्ढों में तब्दील सड़क, हादसों को दावत

वाराणसी: उत्तर प्रदेश सरकार के साढ़े चार पूरे होने पर योगी सरकार विकास के लाख दावें कर रही है. जिसकी हकीकत जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम गांव-गांव पहुंचकर लोगों की राय ले रही है. इसी क्रम में ईटीवी भारत की टीम ने वाराणसी के कैंट विधानसभा क्षेत्र के लोगों से बातचीत कर विकास के दावें को जानने की कोशिश की.

दरअसल, कैंट विधानसभा शहरी भाग में है. यहां भारतीय जनता पार्टी पिछले 35 सालों से राज कर रही है. वर्तमान समय में बीजेपी के सौरभ श्रीवास्तव विधायक हैं. बातचीत में स्थानीय लोगों ने बताया कि आज भी कैंट विधानसभा में रोड, सीवर सहित अन्य समस्याएं प्रमुख रूप से है. मॉडल के दौर पर शिवपुर से बाबतपुर तक रोड की स्थिति सही की गई है. जिसको काशी के मॉडल के रूप में दिखा दिया गया. जैसे ही आप शहर के अंदर घुसेंगे तो सड़कें टूटें हुई हैं. सीवर टूटा हुआ, नहर का पानी बह रहा है.

जानकारी देते संवाददाता और स्थानीय लोग.

वाराणसी के कैंट विधानसभा क्षेत्र में ईटीवी भारत की टीम ने सरकार द्वारा विकास के दावें की हकीकत की पड़ताल की. जिसमें संजय राय प्रियदर्शी ने बताया की सरकार के विकास की हकीकत अगर किसी को देखना है तो वो विधायकजी जहां रहते हैं वहां देख लीजिए विकास के दावों की हकीकत सामने आ जाएगी. विधायकजी के घर के बाहर ही सीवर का पानी रोड पर बहता है. जब वो अपने इलाके का विकास नहीं कर पाएं तो शहर का क्या करेंगे. पीएम द्वारा करोड़ों रुपये के योजनाओं के सौगात के विषय में बताते हुए कहा की जितना पैसा मोदीजी दिए है. उसको अंकों में गिन पाना संभव नहीं है पर स्थिति पिछले 7 सालों में सबसे ज्यादा खराब हुई है. काशी में स्मार्ट के नाम पर स्मार्ट मीटर चलता है.

टेंट वाले पर्दे से काशी की हकीकत को छिपाने का काम

कमल पटेल ने कहा कि काशी के विकास की बात करें तो प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री जब आते है तो टेंट के पर्दे से सीवर नालों को ढक दिया जाता है. अगर इसको नहीं छुपाते तो वो सब सामने नजर आते. दूसरी बात जब पीएम काशी आते हैं तो 10-20 हजार करोड़ देते हैं. एक करोड़ से एक रोड बनता है तो 20 हजार रोड बन जाने चाहिए. बनारस सहित आसपास के जिलों के लिए जितना पैसा आया है. अगर रोड बन जाता तो क्या बात होती. कैंट विधानसभा क्षेत्र सुसवाही इलाके में देख लीजिए तो नाला सीवर बह रहा है. रोड पर लोगों को चलने लायक स्थिति नहीं है. लोग इस समय बहुत परेशान हैं.

इसे भी पढे़ं- गड्ढों में तब्दील सड़क, हादसों को दावत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.