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मौनी अमावस्या पर काशी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, लगाई आस्था की डुबकी

मौनी अमावस्या पर काशी में रविवार से ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई. गंगा स्नान करने के बाद कुछ श्रद्धालुओं का जत्था प्रयागराज के लिए रवाना हो गया तो बहुत से श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर डेरा जमा लिया. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से भी पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं.

मौनी अमावस्या
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Published : Feb 4, 2019, 9:08 AM IST

वाराणसी: धर्म की नगरी काशी में तो हर दिन ही पर्व होता है, लेकिन माघ मास की अमावस्या का खास महत्व है. इस अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. पुण्य की प्राप्ति के लिए लाखों श्रद्धालुओं आज के दिन मां गंगा में स्नान कर दान करते हैं.

देखें मौनी मौनी अमावस्या पर काशी के घाटों का दृश्य..
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बनारस के सभी घाटों पर श्रद्धालु स्नान कर पुण्य की प्राप्ति करते नजर आए. कड़ाके की ठंड के आज सुबह से ही मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. आज के दिन लोग स्नान से पहले मौन रहते हैं. मान्यता है कि मौन रखकर स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. स्नान और दान करने के बाद लोग बाबा काशी विश्वनाथ को जल अर्पण कर आज के दिन की शुरुआत करते हैं.

मौनी अमावस्या पर शहर में रविवार से ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई. काशी में गंगा स्नान करने के बाद कुछ श्रद्धालुओं का जत्था प्रयागराज के लिए रवाना हो गया तो बहुत से श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर डेरा जमा लिया. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से भी पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं.

पंडित वासुदेव तिवारी ने बताया कि आज के दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इसलिए इसको मौनी अमावस्या कहते हैं. आज इसलिए मौन होकर नहाया जाता है क्योंकि हमारे शास्त्रों में लिखा है कि व्यक्ति को दिन में दो-तीन घंटे मौन रहना चाहिए. समय के हिसाब से लोगों से हो नहीं पाता इसलिए मौन होकर स्नान करते हैं. इस दिन पूजन करें और दान करें.

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वाराणसी: धर्म की नगरी काशी में तो हर दिन ही पर्व होता है, लेकिन माघ मास की अमावस्या का खास महत्व है. इस अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. पुण्य की प्राप्ति के लिए लाखों श्रद्धालुओं आज के दिन मां गंगा में स्नान कर दान करते हैं.

देखें मौनी मौनी अमावस्या पर काशी के घाटों का दृश्य..
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बनारस के सभी घाटों पर श्रद्धालु स्नान कर पुण्य की प्राप्ति करते नजर आए. कड़ाके की ठंड के आज सुबह से ही मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. आज के दिन लोग स्नान से पहले मौन रहते हैं. मान्यता है कि मौन रखकर स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. स्नान और दान करने के बाद लोग बाबा काशी विश्वनाथ को जल अर्पण कर आज के दिन की शुरुआत करते हैं.

मौनी अमावस्या पर शहर में रविवार से ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई. काशी में गंगा स्नान करने के बाद कुछ श्रद्धालुओं का जत्था प्रयागराज के लिए रवाना हो गया तो बहुत से श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर डेरा जमा लिया. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से भी पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं.

पंडित वासुदेव तिवारी ने बताया कि आज के दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इसलिए इसको मौनी अमावस्या कहते हैं. आज इसलिए मौन होकर नहाया जाता है क्योंकि हमारे शास्त्रों में लिखा है कि व्यक्ति को दिन में दो-तीन घंटे मौन रहना चाहिए. समय के हिसाब से लोगों से हो नहीं पाता इसलिए मौन होकर स्नान करते हैं. इस दिन पूजन करें और दान करें.

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Intro:धर्म की नगरी काशी में तो हर दिन ही पर्व होता है लेकिन माघ मास के अमावस्या तिथि का खास महत्व है.इस अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है पुण्य की प्राप्ति के लिए लाखों श्रद्धालुओं ने आज के दिन मां गंगा में स्नान कर दान करते हैं. बनारस के सभी घाटों पर श्रद्धालु स्नान कर पुण्य की प्राप्ति कर रहे हैं.श्रद्धालुओं को नियंत्रण करने के लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं. कड़ाके की ठंड के बावजूद पुण्य की प्राप्ति के लिए तड़के से ही मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालु घाटों पर पहुंचने लगे मोनी अमावस्या पर मान्यता है कि इन लोग स्नान से पहले मौन रहते हैं मान्यता है कि मौन रखकर स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। स्नान दान करने के बाद लोग बाबा काशी विश्वनाथ को जल अर्पण कर आज के दिन की शुरुआत करते हैं


Body:मोनी अमावस्या को लेकर शहर में रविवार से ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई काशी में गंगा स्नान करने के बाद कुछ श्रद्धालुओं का जत्था प्रयागराज के लिए प्रस्थान किया तो बहुत श्रद्धालु गंगा घाटों पर डेरा जमा लिया दशा सुमेर घाट पर गंगा स्नान के लिए भारी भीड़ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं का जत्था स्थान के बाद यहां से प्रयागराज कुंभ प्रस्थान कर रहा है इनमें पुरुषों के अलावा महिलाओं की संख्या ज्यादा है सोमवार को नियमों का महत्व और भी बढ़ गया है ज्योतिष के अनुसार मोनी अमावस्या पर्व स्नान करने का महत्व है इसे लेकर सोमवार को भी दशा सुमेर घाट घाट घाट की काफी भीड़ रही।


Conclusion:पंडित वासुदेव तिवारी ने बताया यह महीने का है जिसे लोग मोनी अमावस्या से भी जाना जाता है आज के दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है इसलिए इसको मोनी अमावस्या कहते हैं।आज इस लिए मौन होकर नहाया जाता है कि हमारे शास्त्र में लिखा है। व्यक्ति को दिन में दो-तीन घंटे में मौन रहना चाहिए। समय के हिसाब से लोगों से हो नहीं पाता इसलिए मौन होकर स्नान करते हैं और इसका नाम मौनी अमावस्या किया गया दो पुत्रों का पूजन करें और दान करें।

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