वाराणसी: धर्म की नगरी काशी में तो हर दिन ही पर्व होता है, लेकिन माघ मास की अमावस्या का खास महत्व है. इस अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. पुण्य की प्राप्ति के लिए लाखों श्रद्धालुओं आज के दिन मां गंगा में स्नान कर दान करते हैं.
बनारस के सभी घाटों पर श्रद्धालु स्नान कर पुण्य की प्राप्ति करते नजर आए. कड़ाके की ठंड के आज सुबह से ही मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. आज के दिन लोग स्नान से पहले मौन रहते हैं. मान्यता है कि मौन रखकर स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. स्नान और दान करने के बाद लोग बाबा काशी विश्वनाथ को जल अर्पण कर आज के दिन की शुरुआत करते हैं.
मौनी अमावस्या पर शहर में रविवार से ही श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई. काशी में गंगा स्नान करने के बाद कुछ श्रद्धालुओं का जत्था प्रयागराज के लिए रवाना हो गया तो बहुत से श्रद्धालुओं ने गंगा घाटों पर डेरा जमा लिया. श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से भी पुख्ता इंतजाम भी किए गए हैं.
पंडित वासुदेव तिवारी ने बताया कि आज के दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इसलिए इसको मौनी अमावस्या कहते हैं. आज इसलिए मौन होकर नहाया जाता है क्योंकि हमारे शास्त्रों में लिखा है कि व्यक्ति को दिन में दो-तीन घंटे मौन रहना चाहिए. समय के हिसाब से लोगों से हो नहीं पाता इसलिए मौन होकर स्नान करते हैं. इस दिन पूजन करें और दान करें.