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'आदिपुरुष' के खिलाफ प्रदर्शन, मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने खोला मोर्चा - संस्कार भारती के जिला संयोजक

'आदिपुरुष' मूवी को लेकर देश की अलग-अलग जगहों पर लोग विरोध कर रहे हैं. मूवी में बोले डॉयलॉग्स और दिखाए गए सीन का युवा पीढ़ी पर एक बुरा असर पड़ेगा. इसी के लोगों ने चलते मूवी के निर्माता व निर्देशक सहित अभिनेता और अभिनेत्रियों पर मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

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आदिपुरुष
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Published : Jun 17, 2023, 5:02 PM IST

अधिवक्ताओं ने आदिपुरुष मूवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की.

वाराणसी: आदिपुरुष मूवी का इंतजार देश भर की जनता बेसब्री से कर रही थी, लेकिन पर्द पर दिखने के बाद मूवी का जबरदस्त विरोध हो रहा है. धर्म की नगरी काशी में भी आदिपुरुष का विरोध देखने को मिला. अधिवक्ताओं के एक समूह ने आज आदिपुरुष के निर्माता व निर्देशक सहित अभिनेता और अभिनेत्रियों पर मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

दरअसल, प्रभास समेत अन्य कई बड़े किरदारों को लेकर रिलीज हुई भगवान श्री राम और अन्य देवी-देवताओं पर आधारित आदिपुरुष फिल्म का लगातार विरोध हो रहा है. इसमें बोले गए डायलॉग और प्रस्तुत किए गए किरदारों का सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है, जिसे लेकर सनातन धर्म का मजाक बनाए जाने के आरोप भी लग रहे हैं.

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आदिपुरुष मूवी

वाराणसी में अधिवक्ताओं ने आदिपुरुष फिल्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए अधिकारियों से इसकी शिकायत की है. अधिवक्ताओं का कहना है यह मूवी हिंदू धर्म को आहत करती है. सभी के किरदारों को गलत तरीके से दर्शाया गया है, इसलिए इस मूवी पर रोक लगनी चाहिए और निर्माता निर्देशकों के साथ-साथ अभिनेता और अभिनेत्रियों पर ही मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

अलीगढ़ में 'आदिपुरुष' मूवी के फिल्मांकन और डायलॉग को लेकर संस्कार भारती ने जताया विरोध
आदिपुरुष फिल्म रिलीज होने के साथ ही विवादों में आ गई है. अलीगढ़ में भी आदिपुरुष फिल्म रिलीज होने के साथ ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं. अलीगढ़ में भी इस के फिल्मांकन एवं डायलॉग पर कड़ा विरोध प्रदर्शित किया गया है. संस्कार भारती के जिला संयोजक भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक ने इस फिल्म को लेकर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए योगी सरकार से इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

संस्कार भारती के जिला संयोजक भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक ने विरोध व्यक्त करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किसी की आस्था पर इस प्रकार से कुठाराघात नहीं कर सकते. इससे हमारी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं.

इस फिल्म में भगवान श्री राम एवं हनुमान का अपमान किया गया है. डायलॉग इतने फूहड़ हैं कि सब हैरान हैं. इस फिल्म को देखने से युवापीढ़ी पर बुरा असर पड़ेगा. इसलिए इस फिल्म पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए. उन्होंने योगी सरकार से अपील की है कि इस फिल्म आदिपुरुष को यूपी में बैन कर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाएं.

90 के दशक में आई रामानंद सागर की रामायण में सीता एवं राम की सौम्यता को ध्यान में रखा गया, लेकिन इस फिल्म में वह सब गायब है. हनुमान जी के डायलॉग भी मुंबई के टपोरी की तरह प्रदर्शित कर हनुमान जी का अपमान किया गया है. रावण को पुष्पक विमान की जगह चमगादड़ पर जाते हुए दिखाया गया है. आखिर फिल्म निर्माता-निर्देशक आज की पीढ़ी को यह कौन सी रामायण दिखाना चाह रहे हैं.

संस्कार भारती के बैनर तले भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक ने जनता से अपील की है कि ऐसी फिल्में न देखें और न ही अपने बच्चों को दिखाएं. इस फिल्म को लेकर शीघ्र ही सभी हिंदूवादी एक मंच पर आकर विरोध जताएंगे और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के सभी आगे आएं. संस्कार भारती की स्थापना कला संस्कृति के क्षेत्र में राष्ट्रीय चेतना लाने के उद्देश्य से की गई थी.

संस्कार भारती की परिकल्पना 1954 में विकसित हुई थी और 1981 में लखनऊ में इसकी विधिवत स्थापना हुई थी. आज देश भर में संस्कार भारती की बारह सौ से अधिक इकाइयां हैं. इसकी पृष्ठभूमि में भाउराव देवरस, नानाजी देशमुख, माधवराव देवली जैसे विद्वानों का चिंतन और परिश्रम था. वहीं, संस्कार भारती अब ओम राऊत की फिल्म आदि पुरुष पर बैन लगाने की मांग कर रही है.

पढ़ेंः हनुमान जी के साथ रवि किशन ने देखी आदिपुरुष फिल्म, बोले- विरोधियों की समझ में नहीं आएगी फिल्म

अधिवक्ताओं ने आदिपुरुष मूवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की.

वाराणसी: आदिपुरुष मूवी का इंतजार देश भर की जनता बेसब्री से कर रही थी, लेकिन पर्द पर दिखने के बाद मूवी का जबरदस्त विरोध हो रहा है. धर्म की नगरी काशी में भी आदिपुरुष का विरोध देखने को मिला. अधिवक्ताओं के एक समूह ने आज आदिपुरुष के निर्माता व निर्देशक सहित अभिनेता और अभिनेत्रियों पर मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.

दरअसल, प्रभास समेत अन्य कई बड़े किरदारों को लेकर रिलीज हुई भगवान श्री राम और अन्य देवी-देवताओं पर आधारित आदिपुरुष फिल्म का लगातार विरोध हो रहा है. इसमें बोले गए डायलॉग और प्रस्तुत किए गए किरदारों का सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है, जिसे लेकर सनातन धर्म का मजाक बनाए जाने के आरोप भी लग रहे हैं.

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आदिपुरुष मूवी

वाराणसी में अधिवक्ताओं ने आदिपुरुष फिल्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग करते हुए अधिकारियों से इसकी शिकायत की है. अधिवक्ताओं का कहना है यह मूवी हिंदू धर्म को आहत करती है. सभी के किरदारों को गलत तरीके से दर्शाया गया है, इसलिए इस मूवी पर रोक लगनी चाहिए और निर्माता निर्देशकों के साथ-साथ अभिनेता और अभिनेत्रियों पर ही मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.

अलीगढ़ में 'आदिपुरुष' मूवी के फिल्मांकन और डायलॉग को लेकर संस्कार भारती ने जताया विरोध
आदिपुरुष फिल्म रिलीज होने के साथ ही विवादों में आ गई है. अलीगढ़ में भी आदिपुरुष फिल्म रिलीज होने के साथ ही विरोध के स्वर उठने लगे हैं. अलीगढ़ में भी इस के फिल्मांकन एवं डायलॉग पर कड़ा विरोध प्रदर्शित किया गया है. संस्कार भारती के जिला संयोजक भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक ने इस फिल्म को लेकर अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए योगी सरकार से इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.

संस्कार भारती के जिला संयोजक भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक ने विरोध व्यक्त करते हुए कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किसी की आस्था पर इस प्रकार से कुठाराघात नहीं कर सकते. इससे हमारी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं.

इस फिल्म में भगवान श्री राम एवं हनुमान का अपमान किया गया है. डायलॉग इतने फूहड़ हैं कि सब हैरान हैं. इस फिल्म को देखने से युवापीढ़ी पर बुरा असर पड़ेगा. इसलिए इस फिल्म पर तुरंत प्रतिबंध लगाना चाहिए. उन्होंने योगी सरकार से अपील की है कि इस फिल्म आदिपुरुष को यूपी में बैन कर पूर्णतया प्रतिबंध लगाया जाएं.

90 के दशक में आई रामानंद सागर की रामायण में सीता एवं राम की सौम्यता को ध्यान में रखा गया, लेकिन इस फिल्म में वह सब गायब है. हनुमान जी के डायलॉग भी मुंबई के टपोरी की तरह प्रदर्शित कर हनुमान जी का अपमान किया गया है. रावण को पुष्पक विमान की जगह चमगादड़ पर जाते हुए दिखाया गया है. आखिर फिल्म निर्माता-निर्देशक आज की पीढ़ी को यह कौन सी रामायण दिखाना चाह रहे हैं.

संस्कार भारती के बैनर तले भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक ने जनता से अपील की है कि ऐसी फिल्में न देखें और न ही अपने बच्चों को दिखाएं. इस फिल्म को लेकर शीघ्र ही सभी हिंदूवादी एक मंच पर आकर विरोध जताएंगे और फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के सभी आगे आएं. संस्कार भारती की स्थापना कला संस्कृति के क्षेत्र में राष्ट्रीय चेतना लाने के उद्देश्य से की गई थी.

संस्कार भारती की परिकल्पना 1954 में विकसित हुई थी और 1981 में लखनऊ में इसकी विधिवत स्थापना हुई थी. आज देश भर में संस्कार भारती की बारह सौ से अधिक इकाइयां हैं. इसकी पृष्ठभूमि में भाउराव देवरस, नानाजी देशमुख, माधवराव देवली जैसे विद्वानों का चिंतन और परिश्रम था. वहीं, संस्कार भारती अब ओम राऊत की फिल्म आदि पुरुष पर बैन लगाने की मांग कर रही है.

पढ़ेंः हनुमान जी के साथ रवि किशन ने देखी आदिपुरुष फिल्म, बोले- विरोधियों की समझ में नहीं आएगी फिल्म

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