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वाराणसी: सीवर ओवरफ्लो से मिलेगी निजात, शाही नाले को किया जा रहा डायवर्ट

वाराणसी जिले में शहर के बड़े इलाकों को सीवर ओवरफ्लो की समस्या से निजात दिलाने के लिए ओवरफ्लो हो चुके शाही नाले को डायवर्ट कर नई पाइप लाइन डाली जा रही है. यह कार्य वर्धमान इंजीनियरिंग द्वारा किया जा रहा है.

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Published : Oct 19, 2020, 5:39 AM IST

शाही नाले को किया जा रहा डायवर्ट
शाही नाले को किया जा रहा डायवर्ट

वाराणसी: जिले के बड़े इलाकों को सीवर ओवरफ्लो की समस्या से अब जल्द निजात मिलने जा रही है. ओवरफ्लो हो चुके शाही नाले को डायवर्ट करने के प्रस्ताव पर काम शुरू हो चुका है. शहर के कबीरचौरा तिराहे से चौकाघाट तक पाइप लाइन का कार्य जल निगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई कार्यदायी संस्था द्वारा किया जाएगा, जिसके लिए दस करोड़ 62 लाख रुपये मंजूर किए जा चुके हैं.

शहर को सीवर ओवरफ्लो की समस्या से निजात दिलाने के लिए पिपलानी कटरा से लेकर लहुराबीर चौराहे तक के मार्ग को एकल मार्ग खोला गया है. पिपलानी कटरा तिराहे से लेकर लहुराबीर चौराहे से पहले एक लेन को बंद कर दिया गया है. इस मार्ग पर आने जाने वाले वाहनों को रामकटोरा की तरफ मोड़ दिया जा रहा है.

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के परियोजना प्रबंधक एसके वर्मा ने बताया कि ओवरफ्लो हो चुके शाही नाले को डायवर्ट करने के प्रस्ताव पर शुरू हुए काम की जिम्मेदारी वर्धमान इंजीनियरिंग को दी गई है. इस कार्य के तहत कबीरचौरा तिराहे पर स्थित जिला महिला अस्पताल से शाही नाले की मेन लाइन को डायवर्ट कर पिपलानी कटरा से नाटीइमली होते हुए चौकाघाट पंपिंग स्टेशन तक जोड़ा जाएगा.

जून 2021 तक पूरा होगा काम

वर्धमान इंजीनियरिंग द्वारा नगर के बड़े इलाके को सीवर ओवरफ्लो की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए शाही नाले को डायवर्ट कर कबीर चौरा तिराहे से चौकाघाट तक पाइप लाइन डालने का कार्य जून 2021 तक पूरा होगा. इस योजना के तहत करीब 800 मीटर की सीवर पाइप लाइन डाली जाएगी.

शहरवासियों को मिलेगी निजात

प्राचीन नगरी काशी में अंग्रेजी हुकूमत के समय बने शाही नाले की क्षमता 80 एमएलडी की है. इसके लिए दीनापुर में एसटीपी भी लगी है, लेकिन शहरों की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए वर्तमान में 130 एमएलडी मलजल का फ्लो रोजाना हो रहा है. इसके कारण शहर के कुछ व्यस्तम क्षेत्रों में सीवर ओवरफ्लो की समस्या हमेशा बनी रहती है. वहीं इस कार्य के तहत सीवर लाइन डायवर्ट होने के बाद इस बड़ी समस्या का समाधान हो जाएगा.

वाराणसी: जिले के बड़े इलाकों को सीवर ओवरफ्लो की समस्या से अब जल्द निजात मिलने जा रही है. ओवरफ्लो हो चुके शाही नाले को डायवर्ट करने के प्रस्ताव पर काम शुरू हो चुका है. शहर के कबीरचौरा तिराहे से चौकाघाट तक पाइप लाइन का कार्य जल निगम की गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई कार्यदायी संस्था द्वारा किया जाएगा, जिसके लिए दस करोड़ 62 लाख रुपये मंजूर किए जा चुके हैं.

शहर को सीवर ओवरफ्लो की समस्या से निजात दिलाने के लिए पिपलानी कटरा से लेकर लहुराबीर चौराहे तक के मार्ग को एकल मार्ग खोला गया है. पिपलानी कटरा तिराहे से लेकर लहुराबीर चौराहे से पहले एक लेन को बंद कर दिया गया है. इस मार्ग पर आने जाने वाले वाहनों को रामकटोरा की तरफ मोड़ दिया जा रहा है.

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के परियोजना प्रबंधक एसके वर्मा ने बताया कि ओवरफ्लो हो चुके शाही नाले को डायवर्ट करने के प्रस्ताव पर शुरू हुए काम की जिम्मेदारी वर्धमान इंजीनियरिंग को दी गई है. इस कार्य के तहत कबीरचौरा तिराहे पर स्थित जिला महिला अस्पताल से शाही नाले की मेन लाइन को डायवर्ट कर पिपलानी कटरा से नाटीइमली होते हुए चौकाघाट पंपिंग स्टेशन तक जोड़ा जाएगा.

जून 2021 तक पूरा होगा काम

वर्धमान इंजीनियरिंग द्वारा नगर के बड़े इलाके को सीवर ओवरफ्लो की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए शाही नाले को डायवर्ट कर कबीर चौरा तिराहे से चौकाघाट तक पाइप लाइन डालने का कार्य जून 2021 तक पूरा होगा. इस योजना के तहत करीब 800 मीटर की सीवर पाइप लाइन डाली जाएगी.

शहरवासियों को मिलेगी निजात

प्राचीन नगरी काशी में अंग्रेजी हुकूमत के समय बने शाही नाले की क्षमता 80 एमएलडी की है. इसके लिए दीनापुर में एसटीपी भी लगी है, लेकिन शहरों की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए वर्तमान में 130 एमएलडी मलजल का फ्लो रोजाना हो रहा है. इसके कारण शहर के कुछ व्यस्तम क्षेत्रों में सीवर ओवरफ्लो की समस्या हमेशा बनी रहती है. वहीं इस कार्य के तहत सीवर लाइन डायवर्ट होने के बाद इस बड़ी समस्या का समाधान हो जाएगा.

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