वाराणसी: बनारस के विश्व प्रसिद्ध नाटी इमली के भरत मिलाप मेले में रविवार को भगदड़ मच गई. नाटी इमली मैदान में श्रीराम के पुष्पक विमान के साथ जैसे ही यादव बंधु पहुंचे तो उनके साथ लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. जिससे भगदड़ के हालात बन गए. लोगों को कंट्रोल करने के लिए पुलिस को लाठी चलानी पड़ी. जिसको लेकर यादव बंधुओं और पुलिस के बीच बहस भी हो गई. कई लोगों को चोट भी आई. इस बीच राज्यमंत्री रविंद्र जायसवाल के बेटे की भी पुलिस से बहस हो गई. हालांकी बाद में पुलिस ने स्थित को संभाल लिया.
दरअसल, वाराणसी के लक्खा मेले में शामिल नाटी इमली के भरत मिलाप मेले को देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग पहुंचते है. भरत मिलाप में चारों भाइयों के मिलन को देखकर लोग भाव विभोर हो जाते हैं. काशी राज परिवार से कुंवर अनंत नारायण सिंह चारों भाइयों मिलन को देखने के लिए आते हैं. भरत मिलाप की ये परंपरा का निर्वाहन पिछले 481 साल से किया जाता है. जहां यादव बंधु अपने कंधों पर पुष्पक विमान उठाए चलते हैं.
बता दें कि, विश्व प्रसिद्ध नाटी इमली का भरत मिलाप हर साल होता है. इसमें लीला स्थल पर यादव बंधु अपनी पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचते हैं. लीला समाप्त होने पर यादव समाज भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, हनुमान और भरत-शत्रुघ्न के पुष्पक विमान को उठाकर अयोध्या नगरी की तरफ प्रस्थान करते हैं. यदुकुल के कंधों पर पिछले 481 साल से यह मिलन होता आ रहा है.
मिलाप का विशेष बात यह है कि, जब इस मैदान में बने खास चबूतरे पर डूबते सूर्य की किरणें 4 बजकर 40 मिनट पर एक नियत स्थान पर पड़ती है, तभी श्रीराम और लक्ष्मण दूसरे चबूतरे पर दंडवत लेटे भरत और शत्रुघ्न की तरफ दौड़ पड़ते हैं. इसी कुछ मिनटों की लीला को देखने के लिए लाखों लोगों की भीड़ जुटती है. गले मिलने के बाद चारों भाई सभी को दर्शन देते हैं.
वहीं भरत मिलाप मेले में पुलिस की ओर से किए गए बल प्रयोग मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी ने अपने सोशल मीडिया लिंक पर बल प्रयोग का वीडियो शेयर कर यादव बंधुओं पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया है. साथ ही लाठीचार्ज को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता सत्य प्रकाश सोनकर ने बताया कि, पुलिस की लापरवाही है, सदियों से जो यादव बंधु इस परंपरा का निर्वहन करते आ रहे हैं उनके ऊपर लाठी चलाई गई है, जिन पर कार्रवाई होनी चाहिये. वहीं भारत मिलाप करने वाले रामलीला समिति के संस्थापक मुकुंद उपाध्याय का भी कहना है कि, तीन दिन पहले पुलिस प्रशासन से बात हुई थी कि, पश्चिमी गेट से रथ प्रवेश किया जाएगा, वहां पर पब्लिक नहीं रहेगी लेकिन पुलिस की ओर से पश्चिमी गेट पर भीड़ रोकने की कोई व्यवस्था नहीं की गई. यादव बंधु और पब्लिक पर लाठियां भाजी, जो कि अनुचित है. मेरी मुख्यमंत्री से मांग है कि वह दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करें.
पूरे मामले पर पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि, यादव बंधुओं की ओर से रथ ले जाने के समय ही कुछ महिलाएं और बच्चे उसी रास्ते प्रवेश करना चाहते थे. जिसके कारण पुलिस को बल का प्रयोग करना पड़ा. किसी प्रकार की कोई लाठीचार्ज नहीं की गई है.
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