नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पीएम गति शक्ति की तीसरी वर्षगांठ पर भारत मंडपम में पीएम गति शक्ति अनुभूति केंद्र का औचक दौरा किया. इस केंद्र में पीएम गति शक्ति की प्रमुख विशेषताओं और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम गति शक्ति के प्रभाव के कारण देश भर में चल रही परियोजनाओं के क्रियान्वयन में हुई उल्लेखनीय प्रगति की सराहना की.
उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों में इस परियोजना को अपनाए जाने के बाद हुए बदलाव की सराहना की. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से 'विकसित भारत' के विजन को पूरा करने में तेजी आएगी. अधिकारियों के अनुसार, पीएम गति शक्ति सामूहिक दृष्टि से पुरानी परंपराओं को तोड़ रही है. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) अनुभूति केंद्र का भी दौरा किया और पूरे देश के विभिन्न जिलों के उत्पादों के चयन, ब्रांडिंग और प्रचार में मदद करने के लिए ओडीओपी पहल द्वारा की गई प्रगति की सराहना की.
Today, as #GatiShakti completed three years, went to Bharat Mandapam and visited the Anubhuti Kendra, where I experienced the transformative power of this initiative. pic.twitter.com/XNseB9jnkZ
— Narendra Modi (@narendramodi) October 13, 2024
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया था कि किस प्रकार पीएम गति शक्ति विभिन्न क्षेत्रों में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी बढ़ा रही है. उन्होंने एक्स पर लिखा, "पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान भारत के बुनियादी ढांचे में क्रांति लाने के उद्देश्य से एक परिवर्तनकारी पहल के रूप में उभरा है. इसने मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को काफी बढ़ाया है, जिससे सभी क्षेत्रों में तेजी से और अधिक विकास हुआ है. विभिन्न हितधारकों के एकीकरण से लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा मिला है, देरी कम हुई है और कई लोगों के लिए नए अवसर पैदा हुए हैं."
नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालयों के बीच प्रयासों का समन्वय कर रहा है. इसमें 81 एनपीजी बैठकों के साथ 15.48 लाख करोड़ रुपये की 213 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया गया है. पीएम गति शक्ति के माध्यम से निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करने के लिए आखिरी छोर तक कनेक्टिविटी की कमी का आकलन किया जा रहा है. यह 'संपूर्ण सरकार' ऐसे दृष्टिकोण का प्रतीक है, जिसमें केंद्र सरकार के 44 मंत्रालयों और 36 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के 1,529 डेटा लेयर्स पहले से ही शामिल हैं. क्षेत्रीय कार्यशालाएं और क्षमता निर्माण पहल ने इस योजना को व्यापक स्तर पर अपनाए जाने में मदद की है.
भारत सरकार की ओर से जारी एक बयान में यह भी बताया गया है कि राष्ट्रीय मास्टर प्लान का उपयोग करते हुए, देश की अर्थव्यवस्था के प्रमुख संसाधन जैसे कोयला, इस्पात, उर्वरक, बंदरगाह, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण आदि के पहले और अंतिम छोर की कनेक्टिविटी के मुद्दों से संबंधित 156 बुनियादी क्षेत्र के ढांचों में खामियों की भी उनसे संबंधित मंत्रालयों और विभागों द्वारा पहचान की गई है. डिजिटल सर्वेक्षणों के माध्यम से भारत सरकार की परियोजनाओं की तैयारी अब तेज और अधिक सटीक हो रही है.
रेल मंत्रालय ने सिर्फ एक साल में 400 से ज्यादा रेलवे प्रोजेक्ट और 27 हजार किलोमीटर रेलवे लाइन की योजना बनाई है. पीएम गति शक्ति आंगनबाड़ी केंद्रों के स्थानों की प्रभावी रूप से योजना बनाने में भी मदद कर रही है. यह योजना अच्छे पोषण वाले आंगनबाड़ी केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद कर रही है. राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर 10 लाख से अधिक आंगनवाड़ी केंद्रों को मैप किया गया है. इस योजना का उपयोग जिलों में प्रमुख उद्योगों की पहचान करने के लिए भी किया गया है ताकि स्कूलों द्वारा जिला-विशिष्ट कौशल पाठ्यक्रम प्रदान किए जा सकें.
पीएम श्री स्कूलों को पीएम गति शक्ति पोर्टल पर भी मैप किया गया है, ताकि स्थानीय जानकारी के आधार पर आस-पास के अन्य स्कूलों की पहचान की जा सके और आस-पास के अन्य स्कूलों को भी इससे जोड़ा जा सके. अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पीएम गति शक्ति फ्रेमवर्क को कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रस्तुत किया गया है.
ये भी पढ़ें- 2028 तक मिलता रहेगा मुफ्त राशन, चुनाव खत्म होते ही मोदी सरकार के तीन बड़े फैसले