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कांशीराम आवास में रहने वालों को मिलेगा रोजगार का साधन, ये है प्लानिंग

वाराणसी में कांशीराम आवास योजना में रहने वाले गरीब असहाय और मजबूर लोगों को एक बार फिर से सशक्त बनाने की शुरुआत हो रही है. इसके लिए वाराणसी में डूडा के सहयोग से कांशी राम आवास में रहने वाले लोगों को जल्द ही उनकी ही घर के आस-पास स्पेशल बाजार तैयार करके दिए जाने की प्लानिंग की गई है.

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कांशीराम आवास
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Published : Sep 22, 2022, 10:32 PM IST

वाराणसी: बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) के कार्यकाल में शुरू हुआ कांशी राम आवास योजना का प्रोजेक्ट सरकारों के बदलने के साथ ही बदहाली के आलम में जाता रहा और यहां रहने वाले लोगों के सामने कब्जेदारों से बढ़ते हुए अपनी जीविका चलाने का बड़ा संकट पैदा होने लगा, प्रशासनिक अनदेखी की वजह से कांशी राम आवास योजना परिसर में बाहरी कब्जेदारों का आतंक बढ़ने लगा, जिसकी वजह से यहां रहने वाले लोगों के सामने बड़ा संकट दिखने लगा. अब प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कांशीराम आवास योजना में रहने वाले गरीब असहाय और मजबूर लोगों को एक बार फिर से सशक्त बनाने की शुरुआत हो रही है. इसके लिए वाराणसी में डूडा के सहयोग से कांशी राम आवास में रहने वाले लोगों को जल्द ही उनकी ही घर के आस-पास स्पेशल बाजार तैयार करके दिए जाने की प्लानिंग की गई है, जिससे इनके सर पर छत के साथ इनके रोजी रोजगार की व्यवस्था की जा सके.

दरअसल जिला नगरीय विकास अभिकरण (District Urban Development Agency) (डूडा) की ओर से यहां के निवासियों को कियोस्क की सौगात देने की भी तैयारी है. इसके अलावा कांशीराम आवास योजना में अवैध रूप से कब्जा जमाए लोगों को हटाकर वास्तविक लाभार्थियों को अक्टूबर तक आवास देने की कवायद भी तेज हो गयी है. डूडा की परियोजना प्रबंधक निधि वाजपेई ने बताया कि इस योजना में बने तीन हजार आवास का आवंटन 2011 में किया गया था. अब जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) यहां के निवासियों की सुविधा के लिए वेंडिंग जोन बनाएगा और उनकी आजीविका के लिए 100 कियोस्क (आधुनिक सुविधा युक्त गुमटी नुमा दुकान) भी दी जाएगी. जिसको नगर निगम सीएसआर फंड से उपलब्ध कराया जाएगा. इसके पहले लोग अपने आवास में ही दुकान खोले हुए थे. इसके अलावा 17 स्थाई दुकानों में से बचे हुए 8 दुकानों को जल्द आवंटित कर दिया जाएगा.

कांशीराम आवास में रहने वालों को मिलेगा घर के बाहर मिलेगा रोजगार का साधन

यह भी पढ़ें- महिलाओं को समर्पित रहा यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन

उन्होंने बताया कि आवंटित लाभार्थियों के अलावा अनधिकृत तरीके से रह रहे 143 लोगों को आवास खाली करने के लिए नोटिस दिया जा रहा है. अवैध रूप से रह रहे लोगों के बदले मकानों के लिए नये आवेदन मांगे गये थे जिनमें लगभग 3000 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनका सत्यापन का कार्य पूरा होने वाला है. अक्टूबर में इनकी लाटरी निकालकर लाभार्थियों का चयन किया जाएगा और अवैध तरीके से रह रहे लोगों की जगह मकान का कब्ज़ा दिलाया जाएगा. डूडा कांशीराम आवास योजना के लिए रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन भी बना रहा है जिससे वहां के निवासियों के समग्र विकास का कार्य हो सके.

ये भी पढ़ेंः जानी दुश्मन बना सांप...युवक को बना रहा लगातार निशाना, 15 दिनों में काटा 8 बार


वहीं, कांशीराम आवास परिसर में बीते 2 दिनों से नगर निगम की टीम अवैध कब्जों को हटाने और यहां पर अवैध तरीके से चल रही दुकानों को हटाकर पूरे एरिया को साफ करने में भी जुटी हुई है. जिसके बाद स्थानीय लोगों काफी डरे हुए स्थानीय लोगों से बातचीत करने पर उन्होंने ईटीवी भारत अपने परेशानी को शेयर किया उनका कहना था कि हमें रहने की सुविधा तो मिली है यदि रोजी रोजगार का साधन भी मिलता तो ज्यादा बेहतर होता. अपने स्तर पर हमने व्यवस्था की थी लेकिन सरकार उसे हटा रही है जिसके बाद अब हमारे सामने खाने पीने का संकट खड़ा हो रहा है. हालांकि इस योजना की जानकारी होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है लोगों का कहना है कि अगर यह चीजें होने वाली है तो निश्चित तौर पर हमारे लिए स्थायित्व के साथ रोजी रोजगार का साधन उपलब्ध होगा जो हमारे लिए बड़ी बात होगी.

वाराणसी: बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) के कार्यकाल में शुरू हुआ कांशी राम आवास योजना का प्रोजेक्ट सरकारों के बदलने के साथ ही बदहाली के आलम में जाता रहा और यहां रहने वाले लोगों के सामने कब्जेदारों से बढ़ते हुए अपनी जीविका चलाने का बड़ा संकट पैदा होने लगा, प्रशासनिक अनदेखी की वजह से कांशी राम आवास योजना परिसर में बाहरी कब्जेदारों का आतंक बढ़ने लगा, जिसकी वजह से यहां रहने वाले लोगों के सामने बड़ा संकट दिखने लगा. अब प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कांशीराम आवास योजना में रहने वाले गरीब असहाय और मजबूर लोगों को एक बार फिर से सशक्त बनाने की शुरुआत हो रही है. इसके लिए वाराणसी में डूडा के सहयोग से कांशी राम आवास में रहने वाले लोगों को जल्द ही उनकी ही घर के आस-पास स्पेशल बाजार तैयार करके दिए जाने की प्लानिंग की गई है, जिससे इनके सर पर छत के साथ इनके रोजी रोजगार की व्यवस्था की जा सके.

दरअसल जिला नगरीय विकास अभिकरण (District Urban Development Agency) (डूडा) की ओर से यहां के निवासियों को कियोस्क की सौगात देने की भी तैयारी है. इसके अलावा कांशीराम आवास योजना में अवैध रूप से कब्जा जमाए लोगों को हटाकर वास्तविक लाभार्थियों को अक्टूबर तक आवास देने की कवायद भी तेज हो गयी है. डूडा की परियोजना प्रबंधक निधि वाजपेई ने बताया कि इस योजना में बने तीन हजार आवास का आवंटन 2011 में किया गया था. अब जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) यहां के निवासियों की सुविधा के लिए वेंडिंग जोन बनाएगा और उनकी आजीविका के लिए 100 कियोस्क (आधुनिक सुविधा युक्त गुमटी नुमा दुकान) भी दी जाएगी. जिसको नगर निगम सीएसआर फंड से उपलब्ध कराया जाएगा. इसके पहले लोग अपने आवास में ही दुकान खोले हुए थे. इसके अलावा 17 स्थाई दुकानों में से बचे हुए 8 दुकानों को जल्द आवंटित कर दिया जाएगा.

कांशीराम आवास में रहने वालों को मिलेगा घर के बाहर मिलेगा रोजगार का साधन

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उन्होंने बताया कि आवंटित लाभार्थियों के अलावा अनधिकृत तरीके से रह रहे 143 लोगों को आवास खाली करने के लिए नोटिस दिया जा रहा है. अवैध रूप से रह रहे लोगों के बदले मकानों के लिए नये आवेदन मांगे गये थे जिनमें लगभग 3000 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनका सत्यापन का कार्य पूरा होने वाला है. अक्टूबर में इनकी लाटरी निकालकर लाभार्थियों का चयन किया जाएगा और अवैध तरीके से रह रहे लोगों की जगह मकान का कब्ज़ा दिलाया जाएगा. डूडा कांशीराम आवास योजना के लिए रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन भी बना रहा है जिससे वहां के निवासियों के समग्र विकास का कार्य हो सके.

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वहीं, कांशीराम आवास परिसर में बीते 2 दिनों से नगर निगम की टीम अवैध कब्जों को हटाने और यहां पर अवैध तरीके से चल रही दुकानों को हटाकर पूरे एरिया को साफ करने में भी जुटी हुई है. जिसके बाद स्थानीय लोगों काफी डरे हुए स्थानीय लोगों से बातचीत करने पर उन्होंने ईटीवी भारत अपने परेशानी को शेयर किया उनका कहना था कि हमें रहने की सुविधा तो मिली है यदि रोजी रोजगार का साधन भी मिलता तो ज्यादा बेहतर होता. अपने स्तर पर हमने व्यवस्था की थी लेकिन सरकार उसे हटा रही है जिसके बाद अब हमारे सामने खाने पीने का संकट खड़ा हो रहा है. हालांकि इस योजना की जानकारी होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है लोगों का कहना है कि अगर यह चीजें होने वाली है तो निश्चित तौर पर हमारे लिए स्थायित्व के साथ रोजी रोजगार का साधन उपलब्ध होगा जो हमारे लिए बड़ी बात होगी.

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