चंदौली : कहते हैं पूत कपूत हो जाता है लेकिन माता कुमाता नही होती. अब इस कहावत को अलीनगर के आलूमील इलाके के एक परिवार ने झुठला दिया है. जमीन के लालच में अंधे बने माता-पिता और बहनोई ने न सिर्फ एक युवक को घर से बेदखल कर दिया बल्कि उसे मार डालने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. हालांकि बस्ती वाले बचाव में आ गए और उन्होंने किसी तरह चंदा कर युवक का इलाज कराना शुरू किया. इसकी बदौलत आज युवक जिंदा है.
पीड़ित युवक का नाम छोटू पासवान है. ग्रामीणों ने बताया कि दो साल की उम्र में छोटू अपने माता-पिता के साथ वैष्णो देवी दर्शन करने गया था. यहां अपने परिवार से बिछड़ गया. करीब 17-18 साल बाद किसी से सूचना मिलने पर परिवार के लोग उसे कश्मीर से घर लेकर आए थे.
ग्रामीणों ने बताया कि कुछ महीने घर में बिताने के बाद बीते दिनों परिवार में जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद शुरू हो गया. इस दौरान पूरा परिवार ही छोटू के खून का प्यासा हो उठा. छोटू के माता-पिता और जीजा ने मिलकर उसे पीटना शुरू कर दिया. इस बीच उसके जीजा ने लोहे के राड से छोटू के सिर पर वार कर दिय. इससे उसे गंभीर चोटें आईं. छोटू अचेत हो कर गिर गया.
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पड़ोसियों ने घायल छोटू को अस्पताल में भर्ती कराया. पैसे की दिक्कत आई तो लोगों ने चंदा लगाकर दवा की व्यवस्था की. आलम ये है कि अभी भी परिवार के लोगों ने उसे देखने तक की जहमत नहीं उठाई. मुहल्ले वालों ने समझाने की भी कोशिश की लेकिन उन्होंने बात करने से मना कर दिया. इतना ही नहीं, छोटू का इलाज करा रहे लोगों से भी उसके घर वाले गाली-गलौज कर रहे हैं.
छोटू के घर लौटने के छह महिने बाद ही परिवार में ऐसा क्या हो गया कि परिवार वाले छोटू के खून के प्यासे हो गए, यह बात अब तक खुलकर सामने नहीं आ सकी है. बहरहाल, मामले में पुलिस का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज की किया गया है. मामले की जांच की जा रही है.