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वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय में दिव्यांग छात्र-छात्राओं की अनोखी पेंटिंग प्रदर्शनी

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मंगलवार को दिव्यांग कलाकारों की एक अनोखी पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई गई.​​​​ काशी हिंदू विश्वविद्यालय में लगी प्रदर्शनी में ​​​​​​​दिव्यांग छात्र-छात्राओं और कलाकारों ने समाज के विभिन्न मुद्दों को अपनी पेंटिंग के माध्यम से सबके सामने प्रस्तुत किया.

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दिव्यांग कलाकारों की अनोखी पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई गई.​​​​
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Published : Nov 27, 2019, 11:39 AM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दृश्य कला संकाय में मंगलवार को एक अनोखी पेंटिंग प्रदर्शनी लगाया गई. जिसका नाम ही दिव्यांग कलाकारों की प्रदर्शनी रखा गया. दिव्यांग कलाकार जिनमें अद्भुत कला क्षमता होने के बाद भी वह अपनी कला के प्रदर्शन के लिए मंच नहीं प्राप्त कर पाते. ऐसे छात्र-छात्राओं को एक मंच दिया गया, जिसमें लगभग 40 से अधिक कैनवास पर पेंटिंग लगाए गए.

दिव्यांग कलाकारों की अनोखी पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई गई.​​​​

दिव्यांग कलाकारों की अनोखी पेंटिंग प्रदर्शनी

  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दृश्य कला संकाय में मंगलवार को दिव्यांग कलाकारों की प्रदर्शनी लगाई गई.
  • दिव्यांग छात्र-छात्राओं और कलाकारों ने समाज के विभिन्न मुद्दों पर अपनी पेंटिंग के माध्यम से सबके सामने प्रस्तुत किया.
  • मुख्य रूप से स्वच्छ भारत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण, वायु प्रदूषण, बनारस की गलियों पर प्रदर्शनी लगाई.

इसे भी पढ़ें-काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम योगी, विकास कार्यों का लिया जायजा

  • साथ ही राजस्थान का ट्रेडिशनल लुक, महात्मा गांधी पर भी पेंटिंग के माध्यम से सबके सामने प्रस्तुत किया.
  • दिव्यांग छात्र-छात्राओं से जुड़ी वस्तुएं और प्रदर्शनी को देखकर सब आश्चर्यचकित रहे.
  • इस प्रदर्शन और चित्रों को देखने से लग ही नहीं रखता था कि दिव्यांग छात्रों ने बनाया है.

इसे भी पढ़ें-वाराणसी में डेंगू का प्रकोप, मानव अधिकार मिशन के कार्यकर्ताओं ने डीएम को सौंपा ज्ञापन

यहां पर पेंटिंग प्रदर्शनी और प्रतियोगिता है. हम लोगों ने कैनवास पर पेंटिंग बनाई है. पेंटिंग जो कई सामाजिक मुद्दों पर है. हम इस पेंटिंग के माध्यम से उन दिव्यांग कलाकारों के साथ मिलकर काम करते हैं. इनके काम करने से यह साफ दिखता है कि यह किसी से कम नहीं है. हम चाहते हैं ऐसे ही पेंटिंग प्रतियोगिताएं होनी चाहिए, जिससे हम लोगों को उत्साह मिलता है.
-सोनू गुप्ता, दिव्यांग कलाकार

दिव्यांग छात्र-छात्राओं द्वारा 40 पेंटिंग यहां पर लगाए गए हैं. जो सारी पेंटिंग विभिन्न सामाजिक मुद्दों में है, जिसमें मां और बेटी के संबंध, सामाजिक कुरीतियां प्रदूषण बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और भी कई मुद्दों को बच्चों ने यहां पर अपने पेंटिंग के माध्यम से कैनवास पर उतारा है. इन पेंटिंग को देखकर आप नहीं कह सकते कि दिव्यांग छात्रों द्वारा यह बनाया गया है. हमारा बस एक ही मकसद है की इनको भी हम समाज में बराबरी का हक दे.
-मानती शर्मा, सदस्य आयोजक मंडल

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दृश्य कला संकाय में मंगलवार को एक अनोखी पेंटिंग प्रदर्शनी लगाया गई. जिसका नाम ही दिव्यांग कलाकारों की प्रदर्शनी रखा गया. दिव्यांग कलाकार जिनमें अद्भुत कला क्षमता होने के बाद भी वह अपनी कला के प्रदर्शन के लिए मंच नहीं प्राप्त कर पाते. ऐसे छात्र-छात्राओं को एक मंच दिया गया, जिसमें लगभग 40 से अधिक कैनवास पर पेंटिंग लगाए गए.

दिव्यांग कलाकारों की अनोखी पेंटिंग प्रदर्शनी लगाई गई.​​​​

दिव्यांग कलाकारों की अनोखी पेंटिंग प्रदर्शनी

  • काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दृश्य कला संकाय में मंगलवार को दिव्यांग कलाकारों की प्रदर्शनी लगाई गई.
  • दिव्यांग छात्र-छात्राओं और कलाकारों ने समाज के विभिन्न मुद्दों पर अपनी पेंटिंग के माध्यम से सबके सामने प्रस्तुत किया.
  • मुख्य रूप से स्वच्छ भारत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण, वायु प्रदूषण, बनारस की गलियों पर प्रदर्शनी लगाई.

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  • साथ ही राजस्थान का ट्रेडिशनल लुक, महात्मा गांधी पर भी पेंटिंग के माध्यम से सबके सामने प्रस्तुत किया.
  • दिव्यांग छात्र-छात्राओं से जुड़ी वस्तुएं और प्रदर्शनी को देखकर सब आश्चर्यचकित रहे.
  • इस प्रदर्शन और चित्रों को देखने से लग ही नहीं रखता था कि दिव्यांग छात्रों ने बनाया है.

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यहां पर पेंटिंग प्रदर्शनी और प्रतियोगिता है. हम लोगों ने कैनवास पर पेंटिंग बनाई है. पेंटिंग जो कई सामाजिक मुद्दों पर है. हम इस पेंटिंग के माध्यम से उन दिव्यांग कलाकारों के साथ मिलकर काम करते हैं. इनके काम करने से यह साफ दिखता है कि यह किसी से कम नहीं है. हम चाहते हैं ऐसे ही पेंटिंग प्रतियोगिताएं होनी चाहिए, जिससे हम लोगों को उत्साह मिलता है.
-सोनू गुप्ता, दिव्यांग कलाकार

दिव्यांग छात्र-छात्राओं द्वारा 40 पेंटिंग यहां पर लगाए गए हैं. जो सारी पेंटिंग विभिन्न सामाजिक मुद्दों में है, जिसमें मां और बेटी के संबंध, सामाजिक कुरीतियां प्रदूषण बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और भी कई मुद्दों को बच्चों ने यहां पर अपने पेंटिंग के माध्यम से कैनवास पर उतारा है. इन पेंटिंग को देखकर आप नहीं कह सकते कि दिव्यांग छात्रों द्वारा यह बनाया गया है. हमारा बस एक ही मकसद है की इनको भी हम समाज में बराबरी का हक दे.
-मानती शर्मा, सदस्य आयोजक मंडल

Intro:वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के दृश्य कला संकाय में आज एक अनोखी पेंटिंग प्रदर्शनी लगाया गया। जिसका नाम ही दिव्यांग कलाकारों की प्रदर्शनी। दिव्यांग कलाकार जिनमें अद्भुत कला क्षमता होने के बाद भी। वह अपनी कला के प्रदर्शन हेतु मंच नहीं प्राप्त कर पाते।ऐसे छात्र-छात्राओं को आज एक मंच दिया गया है जिसमें लगभग 40 से अधिक कैनवास पर पेंटिंग लगाए गए।


Body:दिव्यांग छात्र-छात्राओं और कलाकारों ने समाज के विभिन्न मुद्दों को अपनी पेंटिंग के माध्यम से सबके सामने प्रस्तुत किया
जिसमें मुख्य रूप से स्वच्छ भारत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण, वायु प्रदूषण, बनारस की गलियां,राजस्थान का ट्रेडिशनल लुक, महात्मा गांधी, दिव्यांग छात्र-छात्राओं से जुड़ी वस्तुएं छात्रों के इस प्रदर्शनी को देखकर सब आश्चर्यचकित रहे। क्योंकि इस प्रदर्शन और चित्रों को देखने से नहीं रखता था ।कि दिव्यांग छात्रों ने बनाया है।


Conclusion:सोनू गुप्ता ने बताया कि यहां पर पेंटिंग प्रदर्शनी और प्रतियोगिता है। हम लोगों ने कैनवास पर पेंटिंग बनाई पेंटिंग कई सामाजिक मुद्दों पर है।हम इस पेंटिंग के माध्यम से उन दिव्यांग कलाकारों के साथ मिलकर काम करते हैं। जैसा कि आपने पेंटिंग देखा होगा। इनके काम करने से यह साफ दिखता है कि यह किसी से कम नहीं हम चाहते हैं ऐसे ही पेंटिंग प्रतियोगिताएं होनी चाहिए जिससे हम लोगों को उत्साह मिलता।

बाईट :-- सोनू गुप्ता दिव्यांग कलाकार

मानती शर्मा ने बताया दिव्यांग छात्र-छात्राओं द्वारा 40 पेंटिंग यहां पर लगाए गए हैं जो सारी पेंटिंग विभिन्न सामाजिक मुद्दों में है जिसमें मां और बेटी के संबंध सामाजिक कुरीतियां प्रदूषण बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जल संरक्षण वायु प्रदूषण बनारस की संस्कृति बनारस की गलियां और राजस्थानी ट्रेडिशनल लुक बच्चों ने यहां पर अपने पेंटिंग के माध्यम से कैनवास पर उतारा है।इन पेंटिंग को देखकर आप नहीं कह सकते कि दिव्यांग छात्रों द्वारा यह बनाया गया है। हमारा बस एक ही मकसद है।इनको भी हम समाज में बराबरी का हक दे और उन्होंने अपने पेंटिंग के माध्यम से बता दिया है या किसी से कम नहीं है।

बाईट :--- मानती शर्मा, सदस्य आयोजक मंडल

आशुतोष उपाध्याय
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