ETV Bharat / state

काशी में नौकाओं पर ओवरलोडिंग, सुरक्षा मानक दरकिनार - dev diwali in varanasi

वाराणसी में पिछले दिनों हुई नौका दुर्घटना के बाद तमाम नियम कानून बनाए गए थे. इसमें ओवरलोडिंग रोकने के लिए जल पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. एनडीआरएफ की टीम भी बकायदा गश्त करते हुए निगरानी करती थी ताकि ओवरलोडेड नावें गंगा में संचालित न हो. संचालन के लिए प्रशासन के सारे मानक और सारी शर्तें हवा-हवाई साबित हो रही है.

वाराणसी में देव दिपावली
वाराणसी में देव दिपावली
author img

By

Published : Nov 4, 2022, 3:08 PM IST

वाराणसी: बनारस में 7 नवंबर को देव दीपावली का पर्व मनाया जाएगा. देव दीपावली एक ऐसा मौका होता है जब गंगा में ट्रैफिक जाम की स्थिति देखने को मिलती है क्योंकि बनारस में पहले से ही चल रही लगभग 600 से ज्यादा नावों के अतिरिक्त गाजीपुर, चंदौली, बलिया और अन्य जगहों से नावों को यहां बुलाकर पर्यटकों की जरूरतों को पूरा किया जाता है. इसकी वजह से कई नाव संचालक मनमानी भी करते हैं. पर्यटकों के साथ-साथ लोकल लोगों की सुरक्षा से भी जमकर खिलवाड़ होता है.

हालांकि इस बार प्रशासन लगातार ओवरलोडिंग और नौकाओं पर बैठने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए तमाम उपाय को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर रहा है, लेकिन क्या वास्तव में यह दिशानिर्देश हकीकत में दिखाई दे रहे हैं. इसकी पड़ताल ईटीवी भारत ने वाराणसी के घाटों पर की. गंगा में चल रही तमाम नावों के संचालन का रियलिटी चेक हुआ तो हकीकत दावों से अलग नजर आई. अधिकांश नावें ओवरलोड मिलीं. इसके साथ ही न किसी नौका पर कोई लाइफ जैकेट दिखी और न ही नावों पर बैठे लोग अपनी सुरक्षा को लेकर सजग दिखाई दिए.

गंगा नंदी में नौकाओं पर ओवरलोडिंग पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

गौरतलब है कि वाराणसी में पिछले दिनों हुई नौका दुर्घटना के बाद तमाम नियम कानून बनाए गए थे. जिसमें ओवरलोडिंग रोकने के लिए जल पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. एनडीआरएफ की टीम भी बकायदा गस्त करते हुए निगरानी करती थी ताकि ओवरलोडेड नावें गंगा में संचालित न हो. इसके अलावा प्रत्येक व्यक्ति जो नौका पर बैठ रहे हैं उनके लिए लाइफ जैकेट और कम से कम तीन से चार ट्यूब रखने के निर्देश दिए ताकि किसी भी दुर्घटना के समय लोगों की जिंदगी बचाई जा सके. इन्हीं शर्तों पर नौकाओं के लाइसेंस को भी रिन्यू किया जा रहा था. लेकिन गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी की वजह से कुछ समय पहले नौका संचालन पर रोक लगाई थी, जिसे अब पुनः शुरू किया गया है. लेकिन संचालन के लिए प्रशासन के सारे मानक और सारी शर्तें हवा-हवाई साबित होने लगी है.

देव दीपावली को देखते हुए अभी से ही बनारस में पर्यटकों का आना शुरू हो चुका है. इसे लेकर हर मीटिंग में कमिश्नर कौशल राज शर्मा, पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश नगर आयुक्त प्रणब सिंह से लेकर हर अधिकारी नियम कानून की दुहाई देकर कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे हैं, लेकिन हकीकत दावे से कहीं दूर नजर आ रहे हैं. गंगा में चल रही तमाम नौकाओं पर ओवरलोडिंग जमकर की जा रही है

ईटीवी भारत के कैमरे में एक-दो नहीं बल्कि कई नौकाओं की तस्वीर कैद हुई जिन पर क्षमता से ज्यादा संख्या में लोगों को बैठाया जा रहा है. पंचगंगा घाट समेत आसपास के घाटों पर गंगा स्नान के लिए जाने वाले सैलानियों के ग्रुप एक ही नाव पर जरूरत से ज्यादा बैठाकर संचालित हो रही है. नौकाओं को कैसे रोका जाएगा यह तो बाद की बात है, लेकिन अधिकारी इन सब पर अपना पल्ला झाड़ते दिखाई दे रहे हैं कि इसे लेकर सख्ती हो रही है. यदि कोई भी ऐसा करते पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.

पिछले दिनों बनारस में हुए एक नौका हादसे

  • 23 मई 2022 प्रभु घाट पर नाव डूबी, चार की मौत हो गई.
  • 14 जुलाई 2022 ललिता घाट पर ओवरलोड नाव में भरा पानी, दो दर्जन से ज्यादा लोग बचाए गए.
  • 6 दिसंबर 2020 तुलसी घाट पर नाव पलटी 11 लोग बचाए गए.
  • 6 अगस्त 2014 बनारस के नजदीक शुलटंकेश्वर बेटाबर गांव में नाव डूबी, 30 लोग लापता और तीन की मौत हो गई.


ये भी पढ़ेंः Reality Check: औरैया में भेष बदलकर निकलीं एसपी, पुलिस को दी फर्जी लूट की सूचना, फिर हुआ ये

वाराणसी: बनारस में 7 नवंबर को देव दीपावली का पर्व मनाया जाएगा. देव दीपावली एक ऐसा मौका होता है जब गंगा में ट्रैफिक जाम की स्थिति देखने को मिलती है क्योंकि बनारस में पहले से ही चल रही लगभग 600 से ज्यादा नावों के अतिरिक्त गाजीपुर, चंदौली, बलिया और अन्य जगहों से नावों को यहां बुलाकर पर्यटकों की जरूरतों को पूरा किया जाता है. इसकी वजह से कई नाव संचालक मनमानी भी करते हैं. पर्यटकों के साथ-साथ लोकल लोगों की सुरक्षा से भी जमकर खिलवाड़ होता है.

हालांकि इस बार प्रशासन लगातार ओवरलोडिंग और नौकाओं पर बैठने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए तमाम उपाय को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर रहा है, लेकिन क्या वास्तव में यह दिशानिर्देश हकीकत में दिखाई दे रहे हैं. इसकी पड़ताल ईटीवी भारत ने वाराणसी के घाटों पर की. गंगा में चल रही तमाम नावों के संचालन का रियलिटी चेक हुआ तो हकीकत दावों से अलग नजर आई. अधिकांश नावें ओवरलोड मिलीं. इसके साथ ही न किसी नौका पर कोई लाइफ जैकेट दिखी और न ही नावों पर बैठे लोग अपनी सुरक्षा को लेकर सजग दिखाई दिए.

गंगा नंदी में नौकाओं पर ओवरलोडिंग पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

गौरतलब है कि वाराणसी में पिछले दिनों हुई नौका दुर्घटना के बाद तमाम नियम कानून बनाए गए थे. जिसमें ओवरलोडिंग रोकने के लिए जल पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. एनडीआरएफ की टीम भी बकायदा गस्त करते हुए निगरानी करती थी ताकि ओवरलोडेड नावें गंगा में संचालित न हो. इसके अलावा प्रत्येक व्यक्ति जो नौका पर बैठ रहे हैं उनके लिए लाइफ जैकेट और कम से कम तीन से चार ट्यूब रखने के निर्देश दिए ताकि किसी भी दुर्घटना के समय लोगों की जिंदगी बचाई जा सके. इन्हीं शर्तों पर नौकाओं के लाइसेंस को भी रिन्यू किया जा रहा था. लेकिन गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी की वजह से कुछ समय पहले नौका संचालन पर रोक लगाई थी, जिसे अब पुनः शुरू किया गया है. लेकिन संचालन के लिए प्रशासन के सारे मानक और सारी शर्तें हवा-हवाई साबित होने लगी है.

देव दीपावली को देखते हुए अभी से ही बनारस में पर्यटकों का आना शुरू हो चुका है. इसे लेकर हर मीटिंग में कमिश्नर कौशल राज शर्मा, पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश नगर आयुक्त प्रणब सिंह से लेकर हर अधिकारी नियम कानून की दुहाई देकर कड़ी कार्रवाई की बात कह रहे हैं, लेकिन हकीकत दावे से कहीं दूर नजर आ रहे हैं. गंगा में चल रही तमाम नौकाओं पर ओवरलोडिंग जमकर की जा रही है

ईटीवी भारत के कैमरे में एक-दो नहीं बल्कि कई नौकाओं की तस्वीर कैद हुई जिन पर क्षमता से ज्यादा संख्या में लोगों को बैठाया जा रहा है. पंचगंगा घाट समेत आसपास के घाटों पर गंगा स्नान के लिए जाने वाले सैलानियों के ग्रुप एक ही नाव पर जरूरत से ज्यादा बैठाकर संचालित हो रही है. नौकाओं को कैसे रोका जाएगा यह तो बाद की बात है, लेकिन अधिकारी इन सब पर अपना पल्ला झाड़ते दिखाई दे रहे हैं कि इसे लेकर सख्ती हो रही है. यदि कोई भी ऐसा करते पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.

पिछले दिनों बनारस में हुए एक नौका हादसे

  • 23 मई 2022 प्रभु घाट पर नाव डूबी, चार की मौत हो गई.
  • 14 जुलाई 2022 ललिता घाट पर ओवरलोड नाव में भरा पानी, दो दर्जन से ज्यादा लोग बचाए गए.
  • 6 दिसंबर 2020 तुलसी घाट पर नाव पलटी 11 लोग बचाए गए.
  • 6 अगस्त 2014 बनारस के नजदीक शुलटंकेश्वर बेटाबर गांव में नाव डूबी, 30 लोग लापता और तीन की मौत हो गई.


ये भी पढ़ेंः Reality Check: औरैया में भेष बदलकर निकलीं एसपी, पुलिस को दी फर्जी लूट की सूचना, फिर हुआ ये

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.