वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण के उपलक्ष्य में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, क्षेत्रीय कार्यालय, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग, उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था. भारतीय सनातन परंपरा विषय पर ये प्रदर्शनी काशी के संरक्षित स्मारक गुरुधाम मंदिर परिसर में लगाई गई. 23 दिसंबर से प्रारंभ होकर 3 जनवरी तक ये प्रदर्शनी लगी रही. आज यानी सोमवार को इसके समापन कार्यक्रम में इंटैक वाराणसी चैप्टर के द्वारा वाराणसी के 17 और मिर्जापुर के 90 विद्यार्थियों ने चित्रकला प्रतियोगिता में हिस्सा लिया.
चित्रकला प्रतियोगिता के समापन कार्यक्रम में संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर अवधेश प्रधान, पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी विभाग बीएचयू ने अपनी विस्तृत परंपरा को भावी पीढ़ी के माध्यम से संरक्षित करने पर बल दिया. इसके संरक्षण के लिए सभी स्मारकों और आम जनों के जीवन से जोड़कर उसे व्यवहारिक रूप में प्रस्तुत करने की बात कही गई.
विभिन्न स्कूलों से आए छात्र-छात्राओं ने काशी की परंपरा, घाट बनारस की गलियां, मंदिर, काशी विश्वनाथ धाम, जल संरक्षण, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ, प्रदूषण नियंत्रण और विभिन्न प्रकार की बनारस की ऐतिहासिक धरोहरों पर पेंटिंग बनाई.
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
हमारी परंपरा को जाने युवा पीढ़ी
क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी सुभाष चंद्र यादव ने बताया श्री काशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण को लेकर एक महीने के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन पूरे जिले में चल रहा है. सनातन परंपरा, बनारस के घाट, मंदिर के इतिहास पर यह प्रदर्शनी लगाई गई है. सनातन परंपरा के सभी तत्व दर्शन, साहित्य, मंदिर, मूर्ति, लेख, चित्रकला आदि सभी की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस अवसर पर सनातन परंपरा पर आधारित एक व्याख्यान अवधेश प्रधान जी काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने किया. उन्होंने कहा हमारा मात्र एक मकसद है कि हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति, हमारी धरोहर आज की युवा पीढ़ियों को इन सब कार्यक्रमों के माध्यम से उनको बताया जाए. इसी के तहत चित्रकारी प्रतियोगिता भी किया गया कि आने वाली युवा पीढ़ी भी हमारी परंपरा को जाने. समझे और उसको आत्मसार करें.