वाराणसी: वैश्विक महामारी कोविड-19 की स्थिति को देखते हुए कुछ शिक्षण संस्थानों के बारे में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश में सोमवार को काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलपति एवं प्रोफेसर बी.के. शुक्ला की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई. बैठक में संस्थानों के निदेशकों सहित संकाय प्रमुख, विभागाध्यक्ष, छात्रावास रक्षकों एवं विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए. इस बैठक में छात्रों की कक्षाएं ऑनलाइन/ऑफलाइन संचालित करने पर भी विचार विमर्श किया गया.
बैठक में विश्वविद्यालय में ऑफलाइन कक्षाओं के संचालन के विषय पर विस्तार से चर्चा करने के बाद निर्णय लिया गया, कि 1 सितंबर 2021 से ग्रेजुएशन एवं पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं के लिए हाईब्रिड (ऑनलाइन/ऑफलाइन) मोड में कक्षाएं संचालित की जाएंगी. इस दौरान कोविड-19 से बचाव के लिए सभी मानकों को पूरी तत्परता के साथ पालन किया जाएगा. एक सितंबर से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन सभी प्रकार की तैयारियों को पूरा कर लेगा.
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के छात्रों को सिंगल ऑक्युपेंसी के आधार पर छात्रावास आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. ऐसा इसलिए कि हॉस्टल में भौतिक दूरी के नियम का पालन सुनिश्चित किया जा सके.
बता दें कि वैश्विक महामारी के दूसरे चरण में सभी प्रकार के ऑफलाइन क्लासों को बंद कर दिया गया था, साथ ही विश्वविद्यालयों में पठन-पाठन पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया था. अब एक बार फिर सर्व विद्या की राजधानी काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र अंतिम वर्ष के छात्र पढ़ सकेंगे और अपनी परीक्षा दे सकेंगें. बैठक में मुख्य रूप से कार्यवाहक कुलपति बीके शुक्ला कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी, छात्र अधिष्ठाता प्रोफेसर एन.के. सिंह, मुख्य आरक्षी प्रोफेसर आनंद चौधरी समेत विश्वविद्यालय के अनेक वरिष्ठ प्रोफेसर और अधिकारी मौजूद रहे.