वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंत्रता भवन के सीनेट हॉल में एक एक दिवसीय औषधि संगध पौध उत्पाद सम्मेलन का आयोजन किया गया. वन विभाग वाराणसी और आयुर्वेद संकाय चिकित्सा विज्ञान संस्थान बीएचयू के सहयोग से इसे आयोजित किया गया. इसका मूल उद्देश्य गंगा ग्राम एवं गंगा नदी से 10 किमी. परिधि में आने वाले किसानों की आय और औषधि पौधों की खेती को बढ़ावा देना है.
कार्यक्रम में किसानों को ज्यादा से ज्यादा औषधि की खेती करने के लिए प्रेरित किया गया. इसके साथ ही डायरेक्ट बड़ी कंपनियों से इनका सीधे संवाद कराया गया. इन्हें किसी भी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए दोनों पक्षों ने अपनी बात रखी.
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यह बहुत ही आवश्यक है कि आयुर्वेदिक खेती में वन विभाग का सहयोग हम लोग सुनिश्चित करने जा रहे हैं, जो सबसे ज्यादा उपयोग होने वाली औषधियां हैं, गंगा बेसिन में होंगी. उनका ज्यादा से ज्यादा उत्पात किया जाए. आयुर्वेद संकाय इसके लिए किसानों को ट्रेनिंग देगा.
-डॉ. यामिनी भूषण त्रिपाठी,आयुर्वेद संकाय प्रमुख ,बीएचयूगंगा किनारे के 10 जनपद से यहां पर किसान आए हैं. गंगा नदी के 10 किलोमीटर के अंदर में जो गांव आते हैं. उन लोगों को यहां बुलाया गया है. मेडिसिनल और एरोमेटिक प्लांट्स के कल्टीवेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसके लिए किसानों को सब्सिडी दी जाएगी.
-महावीर कौजगी, वन अधिकारी, वाराणसी