वाराणसी/गोरखपुर/लखनऊ: लोक आस्था का महापर्व डाला छठ जिसकी शुरुआत इस बार 17 नवंबर को नहाए खाए से हुई थी, उसका समापन सोमवार को हो गया. भोर से ही व्रती महिलाएं परिवार के साथ घाटों पर पहुंचने लगीं. हाथों में सूप और प्रसाद लेकर महिलाएं जल में खड़ी होकर भगवान भास्कर के उदय होने का इंतजार करने लगी. जैसे ही सूर्यदेव उदय हुए, व्रती महिलाओं ने विधि-विधान से पूजन-अर्चन कर अर्घ्य अर्पित किया. इस दौरान छठी मइया और भगवान सूर्य के गीत भी गुनगनाए गए. पूजन पूर्ण होने के बाद चार दिवसीय व्रत का पारण किया गया. इसी के साथ ही लोक आस्था के महापर्व का समापन हो गया. वाराणसी, गोरखपुर, लखनऊ समेत कई जिलों में छठ पर्व की सुंदर छटा देखने को मिली.
दरअसल बिहार के इस महापर्व की अद्भुत छठा पूरे देश मैं बिखरने लगी है. हर तरफ छठ का पर्व मनाया जाने लगा है. घाटों पर जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है. वाराणसी को मिनी बिहार के रूप में जाना जाता है, क्योंकि बनारस के लंका, सामने घाट, सुंदरपुर बरेका कैंपस समेत काशी हिंदू विश्वविद्यालय समेत तमाम इलाकों में बड़ी संख्या में बिहार के लोग निवास करते हैं. तेजी से बढ़ रहे बिहार के लोगों की संख्या और इस महापर्व पर लोगों की आस्था की वजह से गंगा घाटों पर आस्था की भीड़ हर साल बढ़ती ही जा रही है.
सबसे अद्भुत नजारा अस्सी घाट और सामने घाट पर देखने को मिलता है इन दोनों घाटों पर तिल रखने की जगह भी इस महापर्व पर नहीं मिली. आज सुबह अंधेरा होने के बाद भी इन घाटों पर लोगों की जबरदस्त भीड़ देखने को मिली. हल्की गुलाबी ठंड का अहसास होने के बाद भी लोग भगवान भास्कर के उदय होने का इंतजार करते नजर आए.
आज सुबह 6:39 पर भगवान सूर्य के उदय होते ही व्रती महिलाओं और पुरुषों ने विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया. इसके साथ ही महिलाओं ने सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. इसी के साथ ही चार दिवसीय कठिन व्रत की पूर्णाहुति हो गई.
वहीं, जबरदस्त भीड़ और गंगा घाटों पर उमड़े जैन सैलाब को देखते हुए पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट दिखाई दिया. एक तरफ जहां लोकल पुलिस के जवान और आला अधिकारी लगातार गंगा और वरुणा में राउंड करते दिखाई दिए, तो वही एनडीआरएफ की टीम भी विशेष तौर पर तैनात रही. एनडीआरएफ के जांबाज लगातार सुबह से ही गंगा और वरुण समय तमाम नदियों में स्पेशल वोट लेकर तैनात रहे ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके.
गोरखपुर में भी व्रती महिलाओं ने सूर्य भगवान को दिया अर्घ्य
गोरखपुर में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती महिलाओं ने अपना व्रत खोला. 36 घंटे से निर्जला व्रत रखने वाली व्रती महिलाओं के साथ, छठ पूजा घाट पर सुबह से ही हजारों की संख्या में लोग सपरिवार पहुंच गए थे. व्रती महिलाओं ने नदियों के पानी में खड़े होकर संतान की दीर्घायु और परिवार की सुख समृद्धि की कामना की. घाट पर हजारों की संख्या मे पहुंचे श्रद्धालुओं ने सूर्योदय के साथ ही उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया. महापर्व छठ पूजा के समापन के अवसर पर राजघाट राप्ती घाट में उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए भोर 3 बजे से ही तलाब नदी के घाटों में श्रद्धालुओं की भीड़ लगने लगी थी. इस दौरान एडीजी जोन अखिल कुमार, आईजी रेंज जे रविंद्र गौड़, मंडलायुक्त अनिल ढींगरा, जिला अधिकारी कृष्ण करुणेश, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉक्टर गौरव ग्रोवर, नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल, जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्धन, पुलिस अधीक्षक नगर कृष्ण बिश्नोई, अपर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा तमाम अधिकारी मौजूद रहे.
लखनऊ में भी घाटों किनारे उमड़े आस्थावान
लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान पर भोर से ही आस्थावान घाट किनारे उमड़ पड़े. इस दौरान 150 से अधिक कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी. व्रती महिलाएं सुबह पांच बजे से ही गोमती नदी के जल में खड़ी होकर भगवान भास्कर के उदय होने का इंतजार करने लगी. जैसे ही सूर्य उदय हुए व्रती महिलाओं ने विधि-विधान से अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया. इस दौरान निशातगंज की रहने वाली राधा शर्मा ने बताया कि वह बीते 30 साल से वह छठ व्रत रह रही हैं. सूर्य भगवान सभी दुखों को हर लेते हैं. हमेशा पूजा करते हैं. बालू अड्डा की रहने वाली सुमन ने बताया कि बीते 21 साल से उनकी माताजी छठी मैया का व्रत रहती है. घर में बहुत ही खुशहाली बरकरार रहती है. कोई भी विपदा आती है तो छठी मैया उससे बचा लेतीं हैं. इस दौरान आस्थावानों की सुरक्षा में पुलिस बल भी तैनात रहा.
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