वाराणसीः बीते दिनों जी-20 की दूसरी बैठक की काशी गवाह बनी. इस दूसरी बैठक में जी-20 के मेहमानों के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के 9 साल के विकास मॉडल पर चर्चा की गई. इसके साथ ही मेहमानों के सामने पूर्वांचल के उत्पादों की हस्तशिल्प प्रदर्शनी भी लगाई गई. बाकायदा डेमो के जरिए मेहमानों को कलाकृतियों को तैयार करके भी दिखाया गया. खास बात यह रही कि मेहमानों को पूर्वांचल की कलाकृतियां इतनी पसंद आई कि उन्होंने तुरंत उसकी खरीदारी भी की.
वाराणसी में हुए जी20 समिट के माध्यम से यहां की कला को इन 20 देशों में जाने का मौका मिला है. प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के प्रयासों से यहां के कलाकारों को अपनी पहचान बनाने और अपने उत्पादों को दुनिया के सामने रखने का मौका मिला है. इससे यहां के कारीगरों और शिल्पियों में उत्साह देखने को मिल रहा है. जिस तरह से विदेशी मेहमानों ने गुलाबी मीनाकारी सहित अन्य उत्पादों की खरीदारी की उससे यह लगता है कि आने वाले समय में इनकी मांग और भी बढ़ने वाली है. हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम के उत्पाद भी पसंद किए गए हैं.
कारीगर कुंज बिहारी सिंह ने बताया कि जी20 समिट वाराणसी में काफी देशों के मेहमान हमारे स्टाल पर आए. वहां पर मेरी कला की प्रदर्शनी देखी. गुलाबी मीनाकारी के काफी प्रोडक्ट देखे. उन्हें खासकर हैंडलूम बहुत पसंद आया. इसके अलावा मैजिक बर्ड, गुलाबी मीनाकारी का मोर, झुमके सहित काफी सामान पसंद आया. जी20 के जितने भी डेलीगेट्स आए थे उन्हें जो उपहार दिया गया वह गुलाबी मीनाकारी का मोर ही था. बता दें कि इन गुलाबी मीनाकारी के मोरों का ऑर्डर इन्हें दिया गया था.
वहीं, जीआई विशेषज्ञ डॉक्टर राजनीकांत ने बताया कि वाराणसी में जी20 समिट का होना बहुत बड़ी बात है. इससे टूरिज्म व हैंडीक्राफ्ट की बहुत सारी संभावनाएं बढ़ गई हैं. हमें वहां अलग-अलग देशों की अलग-अलग प्राथमिकताएं दिखीं. यूरोप से आने वाले और दूसरे देशों के लोग जो जी20 में आए थे उनका ध्यान कारपेट और फ्लोर कवरिंग पर जा रहा था. ढाका से लेकर और देशों के जो यूरोपियन आ रहे थे उनका ध्यान साड़ियों पर था.
उन्होंने बताया कि अन्य देशों से आए लोग रामनगर के स्टोन क्राफ्ट, जिसमें हाथी के अंदर हाथी था उसे देखकर आश्चर्यचकित थे. वुड कार्विंग का विनियेचर भी लोग देख रहे थे. वहीं बुद्धिस्ट कंट्री के जो लोग आए हुए थे उनकी दिलचस्पी बुद्ध की मूर्तियों और बुद्ध की कार्विंग के बारे में थे. अगर हम इन सारी चीजों को इकट्ठा करने की बात करें तो अन्य मुद्दों के अलावा यहां के बुनकरों में और शिल्पियों में बहुत ही उत्साह है. विदेशी मेहमानों ने उनके द्वारा बनाए उत्पादों को खूब पसंद किया है और आगे भी खरीदारी की बात कहकर गए हैं.