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Varanasi Municipal Corporation : खतरनाक जर्जर भवनों का अब तक नहीं हुआ सर्वे न जारी हुआ नोटिस

यूपी के वाराणसी नगर निगम ने पिछले साल 404 भवन चिन्हित किए गए थे. यह मकान जर्जर स्थिति में थे. इनमें से कुछ मकानों को तोड़ा भी गया था.

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Published : Jun 17, 2023, 8:48 AM IST

Updated : Jun 17, 2023, 9:18 PM IST

संवाददाता गोपाल मिश्र की खास रिपोर्ट

वाराणसी : मानसून की दस्तक जल्द हो सकती है. इसे लेकर मौसम विभाग भी पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत अन्य हिस्सों में मानसूनी बारिश को लेकर भविष्यवाणी कर रहा है, लेकिन क्या मानसून से पहले कागजी तौर पर होने वाली सरकारी तैयारियां पूरी होने लगी हैं. खासतौर पर उन पुराने जर्जर भवनों पर कार्यवाही शुरू हो पाई है जो बारिश के दौरान हमेशा खतरे की घंटी बन जाते हैं. फिलहाल वाराणसी में तो ऐसा होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि वाराणसी नगर निगम के पास वही पुरानी लिस्ट जर्जर भवनों को लेकर अब भी मौजूद है, जो पिछले साल तैयार की गई थी.

वाराणसी नगर निगम ने चिन्हित किये थे जर्जर मकान
वाराणसी नगर निगम ने चिन्हित किये थे जर्जर मकान
जर्जर भवनों का हाल
जर्जर भवनों का हाल

वाराणसी नगर निगम के मुताबिक, पिछले साल 404 चिन्हित किए गए थे, जिनकी अपडेट लिस्ट फिलहाल अभी सामने नहीं आई है. सर्वे का काम भी अभी पूरा नहीं हुआ है. जिस पर सवाल उठना लाजमी है कि क्या मानसून में पुराने और जर्जर मकान नगर निगम को खतरे के रूप में दिखाई नहीं दे रहे हैं. दरअसल, वाराणसी नगर निगम हर साल सर्वे करके जर्जर और खतरनाक भवनों की लिस्ट तैयार करता है और मानसून के पहले इन्हें नोटिस जारी करके इन पर कार्रवाई शुरू की जाती है. इस बार अब तक नगर निगम की तरफ से यह कोई भी काम नहीं किया गया है.

खतरनाक जर्जर भवन
खतरनाक जर्जर भवन

जब इस बारे में अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि 'जी-20 सम्मेलन और अन्य आयोजनों की वजह से यह काम अभी प्रोसेस में है. मानसून के पहले इसे पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट इस काम को करता है. उन्हें कहा गया है और जल्द ही नोटिस भी जारी किए जाएंगे, वहीं जब सिविल डिपार्टमेंट से अपडेट लिस्ट के बारे में जानकारी मांगी गई तो उनकी तरफ से जो लिस्ट मुहैया कराई गई वह लिस्ट पिछले वर्ष की ही है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'पिछले वर्ष 404 भवन चिन्हित किए गए थे. जिनमें से 341 भवन स्वामियों को नोटिस जारी करते हुए इन भवनों को खतरनाक माना गया था और इनमें से 10 भवनों को गिराने के लिए कार्रवाई करते हुए कुछ को तोड़ा भी गया था, लेकिन इस बार अब तक यह कार्रवाई पूरी ही नहीं हुई है.'

वाराणसी नगर निगम ने चिन्हित किये थे जर्जर मकान
वाराणसी नगर निगम ने चिन्हित किये थे जर्जर मकान
वाराणसी में खतरनाक जर्जर भवन
वाराणसी में खतरनाक जर्जर भवन





नगर निगम वाराणसी की लिस्ट के मुताबिक, पिछले बार लिस्ट में जारी की गई नोटिस के बाद जब इन भवनों पर कार्यवाही की तैयारी शुरू की गई तो आधे से ज्यादा भवन ऐसे मिले जो पुराने और जर्जर थे, लेकिन इनमें किरायेदारों मकान मालिकों के बीच विवाद था. इनका प्रकरण कोर्ट में होने की वजह से इन पर स्टे आर्डर हो रखा था, जिसके कारण नगर निगम ने इन भवनों को छूना भी उचित नहीं समझा और जर्जर हो चुके भवनों पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी और इस बार तो हद ही हो गई नगर निगम वाराणसी ने दूसरे आयोजनों के चक्कर में मानसून नजदीक होने के बाद भी ना ही सर्वे का काम पूरा किया है और ना ही भवन स्वामियों को नोटिस जारी किया है. जिसके बाद यह सवाल उठना लाजमी है कि अगर कोई हादसा होता है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा.

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वाराणसी : मानसून की दस्तक जल्द हो सकती है. इसे लेकर मौसम विभाग भी पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत अन्य हिस्सों में मानसूनी बारिश को लेकर भविष्यवाणी कर रहा है, लेकिन क्या मानसून से पहले कागजी तौर पर होने वाली सरकारी तैयारियां पूरी होने लगी हैं. खासतौर पर उन पुराने जर्जर भवनों पर कार्यवाही शुरू हो पाई है जो बारिश के दौरान हमेशा खतरे की घंटी बन जाते हैं. फिलहाल वाराणसी में तो ऐसा होता नहीं दिख रहा है, क्योंकि वाराणसी नगर निगम के पास वही पुरानी लिस्ट जर्जर भवनों को लेकर अब भी मौजूद है, जो पिछले साल तैयार की गई थी.

वाराणसी नगर निगम ने चिन्हित किये थे जर्जर मकान
वाराणसी नगर निगम ने चिन्हित किये थे जर्जर मकान
जर्जर भवनों का हाल
जर्जर भवनों का हाल

वाराणसी नगर निगम के मुताबिक, पिछले साल 404 चिन्हित किए गए थे, जिनकी अपडेट लिस्ट फिलहाल अभी सामने नहीं आई है. सर्वे का काम भी अभी पूरा नहीं हुआ है. जिस पर सवाल उठना लाजमी है कि क्या मानसून में पुराने और जर्जर मकान नगर निगम को खतरे के रूप में दिखाई नहीं दे रहे हैं. दरअसल, वाराणसी नगर निगम हर साल सर्वे करके जर्जर और खतरनाक भवनों की लिस्ट तैयार करता है और मानसून के पहले इन्हें नोटिस जारी करके इन पर कार्रवाई शुरू की जाती है. इस बार अब तक नगर निगम की तरफ से यह कोई भी काम नहीं किया गया है.

खतरनाक जर्जर भवन
खतरनाक जर्जर भवन

जब इस बारे में अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि 'जी-20 सम्मेलन और अन्य आयोजनों की वजह से यह काम अभी प्रोसेस में है. मानसून के पहले इसे पूरा किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट इस काम को करता है. उन्हें कहा गया है और जल्द ही नोटिस भी जारी किए जाएंगे, वहीं जब सिविल डिपार्टमेंट से अपडेट लिस्ट के बारे में जानकारी मांगी गई तो उनकी तरफ से जो लिस्ट मुहैया कराई गई वह लिस्ट पिछले वर्ष की ही है. विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'पिछले वर्ष 404 भवन चिन्हित किए गए थे. जिनमें से 341 भवन स्वामियों को नोटिस जारी करते हुए इन भवनों को खतरनाक माना गया था और इनमें से 10 भवनों को गिराने के लिए कार्रवाई करते हुए कुछ को तोड़ा भी गया था, लेकिन इस बार अब तक यह कार्रवाई पूरी ही नहीं हुई है.'

वाराणसी नगर निगम ने चिन्हित किये थे जर्जर मकान
वाराणसी नगर निगम ने चिन्हित किये थे जर्जर मकान
वाराणसी में खतरनाक जर्जर भवन
वाराणसी में खतरनाक जर्जर भवन





नगर निगम वाराणसी की लिस्ट के मुताबिक, पिछले बार लिस्ट में जारी की गई नोटिस के बाद जब इन भवनों पर कार्यवाही की तैयारी शुरू की गई तो आधे से ज्यादा भवन ऐसे मिले जो पुराने और जर्जर थे, लेकिन इनमें किरायेदारों मकान मालिकों के बीच विवाद था. इनका प्रकरण कोर्ट में होने की वजह से इन पर स्टे आर्डर हो रखा था, जिसके कारण नगर निगम ने इन भवनों को छूना भी उचित नहीं समझा और जर्जर हो चुके भवनों पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी और इस बार तो हद ही हो गई नगर निगम वाराणसी ने दूसरे आयोजनों के चक्कर में मानसून नजदीक होने के बाद भी ना ही सर्वे का काम पूरा किया है और ना ही भवन स्वामियों को नोटिस जारी किया है. जिसके बाद यह सवाल उठना लाजमी है कि अगर कोई हादसा होता है तो उसके लिए जिम्मेदार कौन होगा.

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Last Updated : Jun 17, 2023, 9:18 PM IST
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