वाराणसीः धर्म नगरी काशी जल्द ही विकास की नई तस्वीरों से दुनिया को आकर्षित करेगी. 170 योजनाओं में से लगभग 150 योजनाओं का लाभ इस साल दिसम्बर से आम जनमानस को मिलना शुरू हो जाएगा. मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के तर्ज पर काशी में फ्लाईओवर के नीचे नाइट बाजार बसाए जाने की योजना है. जिसके तहत फ्लाईओवर के नीचे स्वादिष्ट शाकाहारी नाश्ता, चाट और मिठाई के साथ ही अन्य फूड सेंटर बनाये जाएंगे.
झलकेगी काशी की संस्कृति
सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने बनारस को जाम के झाम से निजात दिलाने के लिए फ्लाईओवर का निर्माण कराना शुरू किया था. पहले चरण से लहरतारा से चौकाघाट तक का फ्लाईओवर तैयार हुआ. इस 1.9 किलोमीटर तक के बने सेतु से बनारस के जनता काफी मदद मिली. फ्लाईओवर के नीचे खाली जगहों पर अतिक्रमण होने लगा है. ऐसे में फ्लाई ओवर के नीचे जिला प्रशासन नाइट बाजार बसाने जा रहा है. जिसमें वेंडिंग जोन, पार्किंग, काशी के सांस्कृतिक पहचान शामिल किए गए हैं. इससे रास्तों के सुंदरीकरण के साथ ही मध्यम वर्गीय सम्बंधित कई परिवारों को रोजगार भी मिलेगा.
फ्लाईओवर के नीचे 54 दुकानों का होगा निर्माण
कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि वाराणसी फ्लाईओवर के नीचे कुल 54 दुकाने बनाए जाएंगी. इसके साथ ही पार्किंग व बैठने की सुविधा भी होगी. उन्होंने बताया कि वाराणसी स्मार्ट सिटी कंपनी की ओर से प्रस्तावित नाइट बाजार की रूप रेखा बनाई गई है. इसमें बनारसी व्यंजनों को तरजीह दी गई है. साथ ही यहां पर काशी के संस्कृति, साहित्य, कला को भी यहां पर समाहित किया जाएगा. इससे लघु उद्योग करने वाले कारीगर और बनारस की पारंपरिक कारीगरी को भी फायदा मिलेगा.
6 करोड़ की लागत से बसेगा बाजार
कमिश्नर ने बताया कि यहां पर जो दुकानें लगाई जाएंगी, वह न सिर्फ काशी के संस्कृति को परिलक्षित करेंगे बल्कि लोगों को रोजगार भी मुहैया कराएंगे. उन्होंने बताया कि रात के वक्त सुरक्षा की भी व्यवस्था बनाई गई है. जिसके तहत यह पूरा नाइट बाजार सीसीटीवी कैमरे से लैस होगा और सुरक्षाकर्मी लगातार निगारानी करते रहेंगे. उन्होंने बताया कि 6 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस योजना की शुरुआत जल्द ही हो जाएगी.
अतिक्रमण से मिलेगी मुक्ति
काशी में जाम को दूर करने के लिए लगातार फ्लाईओवर की योजनाएं आ रही हैं. ऐसे में जो फ्लाईओवर बन कर तैयार हो गए हैं वहां अतिक्रमण हो रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन की इस योजना से जहां अव्यवस्था में सुधार होगी तो वहीं स्मार्ट तरीके से काशी की संस्कृति झलकेगी ही. साथ ही गरीब तबके के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा.