वाराणसी: ज्ञानवापी मामले में सोमवार को होने वाली सुनवाई टल गई. ज्ञानवापी मामले में यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अंजुमन इंतजामियां मसाजिद की ओर से दाखिल निगरानी याचिका पर सुनवाई होनी थी. इस मामले की सुनवाई कर रहे जिला जज के कोरोना से संक्रमित होने के कारण सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी. वहीं, इस याचिका पर सुनवाई के लिए अगली तारीख 26 अप्रैल की नियत की गई है.
जिला जज हुए कोरोना संक्रमित
अंजुमन इंतजामियां मसाजिद और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट आशुतोष तिवारी के निर्णय के खिलाफ जिला जज की अदालत में निगरानी याचिका दायर कर रखी है. वहीं, जिला जज के कोरोना संक्रमित होने के कारण आज सुनवाई टल गई. सुनवाई के लिए अगली तिथि 26 अप्रैल की नियत की गई है.
वर्ष 1991 में दायर किया गया था मुकदमा
इस मामले को लेकर वादी पक्ष की ओर से बात करते हुए अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने बताया था कि जो ज्ञानवापी परिसर में स्वयंभू विशेश्वर का मंदिर है इसके लिए वाद संख्या 610 सन् 1991 में दाखिल किया गया है और न्यायालय से यह निवेदन किया गया है कि यह घोषित कर दिया जाए कि यह जो विवादित स्थल है वह स्वयंभू विशेश्वर के मंदिर का एक अंश है. हिंदुओं को इसमें पूजा-पाठ करने, मरम्मत करने, मंदिर का नवनिर्माण इत्यादि करने का अधिकार है.
पढ़ें: सर्वोच्च न्यायालय में याचिका खारिज, वसीम रिज़वी बोले-अब जाएंगे इंटरनेशनल कोर्ट
उन्होंने यह भी बताया था कि न्यायालय में यह वाद चल रहा है, लेकिन विपक्षियों द्वारा यह प्रश्न उठाया गया कि सिविल न्यायालय को इस बात की सुनवाई के लिए क्षेत्राधिकार नहीं है और इसलिए सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट वाराणसी में उनके द्वारा प्रार्थना पत्र दिया गया था. इस पर दोनों पक्षों की सुनवाई हुई और सुनवाई के पश्चात उनका प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया गया था. उस आदेश से क्षुब्ध होकर उन्होंने जनपद न्यायाधीश वाराणसी के समक्ष दो सिविल रिवीजन फाइल किए हैं.