वाराणसी: काशी में स्वयंभू भगवान विश्वेश्वरनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मंगलवार को सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल सिविल रिवीजन की ग्राह्यता पर अपर जिला जज (प्रथम) राजीव कमल पांडेय की अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से वादमित्र अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड लखनऊ द्वारा दाखिल सिविल रिवीजन की ग्राह्यता पर आपत्ति जताई.
इस संबंध में बात करते हुए स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से वादमित्र अधिवक्ता विजय शंकर रस्तोगी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड लखनऊ द्वारा दाखिल सिविल रिवीजन की ग्राह्यता का पुरजोर विरोध किया और कहा कि ये सिविल रिवीजन अंतरवर्तीय आदेश के विरुद्ध दाखिल किया गया है, जो धारा 115 दीवानी प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत पोषणीय नहीं है और इसको इसी स्तर पर निरस्त कर दिया जाए.
उन्होंने कहा कि न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस को सुना और उन्होंने उस पर यह उचित समझा कि पक्षों की बहस को पुनः टेस्ट करने के लिए मूल वाद की पूरी पत्रावली को देखा जाना आवश्यक है. अंजुमन इंतजामिया मस्जिद के द्वारा जो सिविल रिवीजन फाइल किया गया है, उसकी भी पत्रावली को देखा जाना आवश्यक है. इसलिए न्यायालय द्वारा उन सारी पत्रावलियों को 15 अक्टूबर 2020 के लिए आहूत कर लिया और दोनों पक्षों की बहस पुनः 15 अक्टूबर को होगी.