वाराणसी: शिव की नगरी काशी नौ दिनों तक माता की भक्ति में पूरी तरह से रंगी नजर आई. मिनी बंगाल की तर्ज पर माता की आराधना करते हुए पूजा पंडालों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. मंगलवार को नवरात्र का अंतिम दिन होने की वजह से पूरा शहर भीड़ से पटा हुआ नजर आ रहा है.
सबसे बड़ी बात यह है कि बनारस में 300 से ज्यादा पूजा पंडाल स्थापित होते हैं. जहां एक तरफ मां की भव्य प्रतिमा स्थापित हुई है तो वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग तरीके से बनाए गए पूजा पंडाल भी लोगों को खूब भा रहे हैं. कहीं पर राष्ट्रपति भवन के अंदर मां विराजमान हैं तो कहीं इसरो के चंद्रयान-2 में माता की पूजा हो रही है.
चंद्रयान-2 में हो रही माता की पूजा
जिले में दुर्गा पूजा का एक अलग ही रंग देखने को नजर आता है. मिनी बंगाल की तर्ज पर कोलकाता की तरह काशी नगरी में दुर्गा पूजा के लिए भव्य पंडाल और भव्य प्रतिमाएं स्थापित होती हैं. इस बार की प्रतिमाएं ऐसी कि जिसे देखने के लिए भक्त पंडालों में पहुंचने पर मजबूर हो रहे हैं.
पूजा पंडाल भी ऐसे तैयार किए गए हैं जिनकी चर्चा हर तरफ हो रही है. जहां एक तरफ राष्ट्रपति भवन की दो कॉपी पंडाल के रूप में बनाई गई हैं तो वहीं दूसरी तरफ गुजरात के रामेश्वरम मंदिर और अक्षरधाम मंदिर का भी स्वरूप देखने को मिल रहा है.
सबसे ज्यादा लोगों को आकर्षित कर रहा नई सड़क इलाके में बनाया गया बाहुबली-2 फिल्म का माहिष्मती महल. जहां 18 फिट लम्बी मां की भव्य प्रतिमा विराजमान है.
पूजा पंडालों के अलावा कोलकाता का काली मंदिर और पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों के लिए अमर जवान ज्योति का पंडाल भी भक्तों को खूब भा रहा है. सबसे ज्यादा अद्भुत भव्य है इसरो के लिए बनाया गया चंद्रयान-2 का पंडाल. जहां पंडाल के बाहर इसरो के चीफ एस्ट्रोनॉट के साथ चंद्रयान- 2 को ऑपरेट करते दिख रहे हैं और पंडाल के अंदर मां की प्रतिमा के आसपास एस्ट्रोनॉट और विक्रम लैंडर हवा में उड़ता दिखाई दे रहा है.