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काशी नगरी में दिख रहा मिनी बंगाल का नजारा, अलग-अलग तरीके से बनाए गए पूजा पंडाल

काशी नगरी में मिनी बंगाल की तर्ज पर माता की आराधना करते हुए पूजा पंडालों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. इनमें एक तरफ जहां मां की भव्य प्रतिमा स्थापित हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग तरीके से बनाए गए पूजा पंडाल भी लोगों को खूब भा रहे हैं.

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Published : Oct 8, 2019, 1:01 PM IST

राष्ट्रपति भवन के रूप में बनाया गया पंडाल.

वाराणसी: शिव की नगरी काशी नौ दिनों तक माता की भक्ति में पूरी तरह से रंगी नजर आई. मिनी बंगाल की तर्ज पर माता की आराधना करते हुए पूजा पंडालों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. मंगलवार को नवरात्र का अंतिम दिन होने की वजह से पूरा शहर भीड़ से पटा हुआ नजर आ रहा है.

सबसे बड़ी बात यह है कि बनारस में 300 से ज्यादा पूजा पंडाल स्थापित होते हैं. जहां एक तरफ मां की भव्य प्रतिमा स्थापित हुई है तो वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग तरीके से बनाए गए पूजा पंडाल भी लोगों को खूब भा रहे हैं. कहीं पर राष्ट्रपति भवन के अंदर मां विराजमान हैं तो कहीं इसरो के चंद्रयान-2 में माता की पूजा हो रही है.

काशी नगरी में अलग-अलग तरीके से बनाए गए पूजा पंडाल.

चंद्रयान-2 में हो रही माता की पूजा
जिले में दुर्गा पूजा का एक अलग ही रंग देखने को नजर आता है. मिनी बंगाल की तर्ज पर कोलकाता की तरह काशी नगरी में दुर्गा पूजा के लिए भव्य पंडाल और भव्य प्रतिमाएं स्थापित होती हैं. इस बार की प्रतिमाएं ऐसी कि जिसे देखने के लिए भक्त पंडालों में पहुंचने पर मजबूर हो रहे हैं.

पूजा पंडाल भी ऐसे तैयार किए गए हैं जिनकी चर्चा हर तरफ हो रही है. जहां एक तरफ राष्ट्रपति भवन की दो कॉपी पंडाल के रूप में बनाई गई हैं तो वहीं दूसरी तरफ गुजरात के रामेश्वरम मंदिर और अक्षरधाम मंदिर का भी स्वरूप देखने को मिल रहा है.

सबसे ज्यादा लोगों को आकर्षित कर रहा नई सड़क इलाके में बनाया गया बाहुबली-2 फिल्म का माहिष्मती महल. जहां 18 फिट लम्बी मां की भव्य प्रतिमा विराजमान है.

पूजा पंडालों के अलावा कोलकाता का काली मंदिर और पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों के लिए अमर जवान ज्योति का पंडाल भी भक्तों को खूब भा रहा है. सबसे ज्यादा अद्भुत भव्य है इसरो के लिए बनाया गया चंद्रयान-2 का पंडाल. जहां पंडाल के बाहर इसरो के चीफ एस्ट्रोनॉट के साथ चंद्रयान- 2 को ऑपरेट करते दिख रहे हैं और पंडाल के अंदर मां की प्रतिमा के आसपास एस्ट्रोनॉट और विक्रम लैंडर हवा में उड़ता दिखाई दे रहा है.

वाराणसी: शिव की नगरी काशी नौ दिनों तक माता की भक्ति में पूरी तरह से रंगी नजर आई. मिनी बंगाल की तर्ज पर माता की आराधना करते हुए पूजा पंडालों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली. मंगलवार को नवरात्र का अंतिम दिन होने की वजह से पूरा शहर भीड़ से पटा हुआ नजर आ रहा है.

सबसे बड़ी बात यह है कि बनारस में 300 से ज्यादा पूजा पंडाल स्थापित होते हैं. जहां एक तरफ मां की भव्य प्रतिमा स्थापित हुई है तो वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग तरीके से बनाए गए पूजा पंडाल भी लोगों को खूब भा रहे हैं. कहीं पर राष्ट्रपति भवन के अंदर मां विराजमान हैं तो कहीं इसरो के चंद्रयान-2 में माता की पूजा हो रही है.

काशी नगरी में अलग-अलग तरीके से बनाए गए पूजा पंडाल.

चंद्रयान-2 में हो रही माता की पूजा
जिले में दुर्गा पूजा का एक अलग ही रंग देखने को नजर आता है. मिनी बंगाल की तर्ज पर कोलकाता की तरह काशी नगरी में दुर्गा पूजा के लिए भव्य पंडाल और भव्य प्रतिमाएं स्थापित होती हैं. इस बार की प्रतिमाएं ऐसी कि जिसे देखने के लिए भक्त पंडालों में पहुंचने पर मजबूर हो रहे हैं.

पूजा पंडाल भी ऐसे तैयार किए गए हैं जिनकी चर्चा हर तरफ हो रही है. जहां एक तरफ राष्ट्रपति भवन की दो कॉपी पंडाल के रूप में बनाई गई हैं तो वहीं दूसरी तरफ गुजरात के रामेश्वरम मंदिर और अक्षरधाम मंदिर का भी स्वरूप देखने को मिल रहा है.

सबसे ज्यादा लोगों को आकर्षित कर रहा नई सड़क इलाके में बनाया गया बाहुबली-2 फिल्म का माहिष्मती महल. जहां 18 फिट लम्बी मां की भव्य प्रतिमा विराजमान है.

पूजा पंडालों के अलावा कोलकाता का काली मंदिर और पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों के लिए अमर जवान ज्योति का पंडाल भी भक्तों को खूब भा रहा है. सबसे ज्यादा अद्भुत भव्य है इसरो के लिए बनाया गया चंद्रयान-2 का पंडाल. जहां पंडाल के बाहर इसरो के चीफ एस्ट्रोनॉट के साथ चंद्रयान- 2 को ऑपरेट करते दिख रहे हैं और पंडाल के अंदर मां की प्रतिमा के आसपास एस्ट्रोनॉट और विक्रम लैंडर हवा में उड़ता दिखाई दे रहा है.

Intro:स्पेशल:

वाराणसी: शिव की नगरी काशी 9 दिनों तक माता की भक्ति में पूरी तरह से रंगी नजर आई मिनी बंगाल की तर्ज पर माता की आराधना करते हुए पूजा पंडालों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है आज अंतिम दिन होने की वजह से पूरा शहर भीड़ से पटा नजर आ रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि बनारस में 300 से ज्यादा पूजा पंडाल स्थापित होते हैं जिनमें एक तरफ जहां मां की भव्य प्रतिमा स्थापित हुई हैं. वहीं दूसरी तरफ अलग अलग तरीके से बनाए गए पूजा पंडाल भी लोगों को खूब भा रहे हैं कहीं पर राष्ट्रपति भवन के अंदर मां विराजमान हैं तो कहीं इसरो के chandrayaan-2 में माता की पूजा हो रही है तो क्या है वाराणसी में दुर्गा पूजा का भव्य नजारा आप भी देखिए.Body:वीओ-01 वाराणसी में दुर्गा पूजा का एक अलग ही रंग देखने को नजर आता है मिनी बंगाल की तर्ज पर कोलकाता की तरह वाराणसी में दुर्गा पूजा के लिए भव्य पंडाल और भव्य प्रतिमाएं स्थापित होती है इस बार भी प्रतिमाएं तो ऐसी बैठी है. जिसे देखने के लिए भक्त पंडालों में पहुंचने पर मजबूर हो रहे हैं लेकिन पूजा पंडाल भी ऐसे तैयार किए गए हैं. जिनकी चर्चा हर तरफ हो रही है एक तरफ जहां राष्ट्रपति भवन की दो कॉपी पंडाल के रूप में बनाई गई है तो दूसरी तरफ गुजरात के रामेश्वरम मंदिर और अक्षरधाम मंदिर का भी स्वरूप हूबहू पंडाल के रूप में देखने को नजर आ रहा है. सबसे ज्यादा भीड़ खींच रहा है नई सड़क इलाके में बनाया गया बाहुबली 2 फिल्म का माहिष्मती महल जहां मां की भव्य प्रतिमा विराजमान है बैठे हुए रूप में जो 18 फिट की है लेकिन महिषासुर का वध करने के लिए क्रोध में मां का यह रूप काली के रूप में परिवर्तित होकर मां खड़ी होती है और प्रतिमा हो जाती है 22 फीट की.Conclusion:वीओ-02 पूजा पंडालों के अलावा कोलकाता का काली मंदिर और पुलवामा अटैक में शहीद हुए जवानों के लिए अमर जवान ज्योति का पंडाल भी भक्तों को खूब भा रहा है. सबसे ज्यादा अद्भुत भव्य है chandrayaan-2 को समर्पित इसरो के लिए बनाया गया पंडाल है. इसरो की तरफ से हाल ही में चंद्रयान 2 को चंद्रमा पर भेजे जाने की सफलता यहां पंडालों में देखने को मिल रही है. जहां इसरो के चीफ़ पंडाल के बाहर एस्ट्रोनॉट के साथ chandrayaan-2 को ऑपरेट करते दिख रहे हैं और पंडाल के अंदर मां की प्रतिमा के आसपास एस्ट्रोनॉट और विक्रम लैंडर हवा में उड़ता दिखाई दे रहा है.

बाईट- सिद्धार्थ, पर्यटक
बाईट- सूरज जायसवाल, पूजा समिति पदाधिकारी

गोपाल मिश्र

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