संभल : शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने का दावा करने वाले हिंदू पक्ष के अधिवक्ता श्रीगोपाल शर्मा ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दावा किया कि उनके पास हरिहर मंदिर होने के तमाम प्रमाण मौजूद हैं. अदालत में हिंदू पक्ष के हक में ही फैसला आएगा.
बता दें कि संभल में बीते वर्ष 19 नवंबर को चंदौसी की जिला अदालत ने संभल की शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे को लेकर सर्वे के निर्देश दिए थे. इसके बाद 19 नवंबर और 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद का सर्वे हुआ था. जिसमें वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की गई थी. 2 जनवरी को एडवोकेट कमिश्नर रमेश राघव ने जामा मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट बंद लिफाफे में अदालत में पेश किया था. वहीं इस मामले से जुड़े हिंदू पक्ष के अधिवक्ता श्रीगोपाल शर्मा ने बीते शनिवार को बड़ा बयान दिया.
संभल पहुंचे श्रीगोपाल शर्मा ने दावा किया कि उनके पास जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के तमाम प्रमाण मौजूद हैं. जिससे सिद्ध हो सकता है कि जामा मस्जिद ही हरिहर मंदिर है. श्रीगोपाल शर्मा अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त नजर आए. उन्होंने उम्मीद जताई कि अदालत से जो भी फैसला आएगा, वह हिंदू पक्ष के हित में ही आएगा.
बता दें कि 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई थी. कुछ दिनों पहले कोर्ट कमिश्नर ने सर्वे रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश कर दी है.
ASI के अधिवक्ता विष्णु शर्मा बोले- ASI के संरक्षण में दिया जाए जामा मस्जिद का कब्जा
संभल में ASI के अधिवक्ता विष्णु शर्मा ने कहा कि वर्तमान में संभल की शाही जामा मस्जिद पर मस्जिद कमेटी का कब्जा है. मांग की है कि संभल की शाही जामा मस्जिद को ASI के संरक्षण में दिया जाए. बताया कि जामा मस्जिद की कमेटी ASI को सर्व नहीं करने देती, जिसे लेकर उन्होंने प्रशासन से भी शिकायत की है. संभल ASI के अधिवक्ता विष्णु शर्मा ने बताया कि अभी शाही जामा मस्जिद के सर्वे की रिपोर्ट उन्हें देखने को नहीं मिली है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल हुई है. सुप्रीम कोर्ट की रोक हटेगी तभी सर्वे की रिपोर्ट उन्हें देखने को मिलेगी. उसी के बाद उन्हें जो भी आपत्ति करनी होगी, उसे दाखिल करेंगे. बताया कि ASI का अंतिम सर्वे बीते साल जून 2024 को हुआ था. हालांकि उससे पहले सर्वे 2018 में हुआ था. तब 2018 में जामा मस्जिद में स्टील की सीढ़ियां लगा दी गई थीं. इसके अलावा कई अन्य कंस्ट्रक्शन संबंधी कार्य भी किए गए थे, जिसे लेकर 19 जनवरी 2018 को सदर कोतवाली में FIR दर्ज कराई गई थी.
उन्होंने बताया कि ASI समय समय पर सर्वे करती रहती है. पहले ASI की टीम आती थी लेकिन जामा मस्जिद की कमेटी उन्हें सर्वे करने नहीं देती थी. इसकी शिकायत कई बार प्रशासन से भी की गई. साल 2018 में जब जामा मस्जिद का सर्वे हुआ था तो स्टील की रेलिंग लगा ली गई थी. मीनार पर गोल गुम्बद लगा लिए गए थे. जामा मस्जिद के अन्दर के गुंबद पर पेंट कर दिया गया था. बताया कि जामा मस्जिद में पहले के ओर जो उसके बाद के परिवर्तन के फोटोग्राफ किए गए हैं. ASI ने 29 नवंबर को अपनी रिपोर्ट दाखिल किए हैं.