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जल्द बढ़ सकते हैं महापौरों के अधिकार और कार्य क्षेत्र, पार्षदों को 15000 रुपये मासिक वेतन देने की तैयारी: नवीन जैन

काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद एक महीने तक चलने वाले अलग-अलग आयोजनों के क्रम में शुक्रवार को वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में करीब 100 से अधिक मेयर मौजूद थे. अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की और पूरा दिन अलग-अलग सत्र चलने के बाद मेयर काउंसिल की तरफ से कुछ प्रस्ताव भी रखे गए.

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Published : Dec 18, 2021, 7:29 AM IST

अखिल भारतीय मेयर काउंसिल के अध्यक्ष नवीन जैन
अखिल भारतीय मेयर काउंसिल के अध्यक्ष नवीन जैन

वाराणसी: काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद एक महीने तक चलने वाले अलग-अलग आयोजनों के क्रम में शुक्रवार को वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में करीब 100 से अधिक मेयर मौजूद थे. अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की और पूरा दिन अलग-अलग सत्र चलने के बाद मेयर काउंसिल की तरफ से कुछ प्रस्ताव भी रखे गए. इन प्रस्तावों को यदि राज्य सरकार लागू कर देती है तो निश्चित तौर पर निकायों में बड़ा बदलाव दिखेगा. इन प्रस्तावों और पूरी बैठक को लेकर ईटीवी भारत ने मेयर काउंसिल के अध्यक्ष नवीन जैन से खास बातचीत की.

उन्होंने इस पूरे कार्यक्रम के बारे में पहले तो विस्तार से बताया फिर अखिल भारतीय मेयर काउंसिल की तरफ से इस मेयर सम्मेलन में रखे गए प्रस्तावों के बारे में जानकारी दी गई. जिसमें जेवर एयरपोर्ट के पास मेयर काउंसिल के नए कार्यालय के निर्माण के अलावा दो अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं.

अखिल भारतीय मेयर काउंसिल के अध्यक्ष नवीन जैन

पीएम की बातों को करना होगा लागू

अखिल भारतीय मेयर काउंसिल के अध्यक्ष नवीन जैन ने बताया कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में अपने संबोधन से सभी महापौर के अंदर एक ऊर्जा पैदा की है. वह निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के हर शहर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होने जा रहा है. प्रधानमंत्री ने वार्ड लेवल से लेकर शहर के अलग-अलग हिस्से को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है. उस पर ऐसे छोटे-छोटे प्वाइंट बताए, जो काफी महत्वपूर्ण हैं. इन सभी बातों को मेयर काउंसिल हर मेयर तक पहुंचाने के साथ ही उसे लागू करने की भी पूरी कोशिश करेगा. उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में कुछ ऐसी चीजें भी आगे बढ़ी हैं, जिनकी मांग बहुत लंबे वक्त से मेयर काउंसिल कर रहा था.

इसे भी पढ़ें - आज प्रयागराज जाएंगे सीएम योगी, पीएम मोदी के कार्यक्रम की तैयारियों का लेंगे जायजा

74वें संशोधन पर केंद्रीय मंत्री की सहमति

अखिल भारतीय मेयर काउंसिल की यह मांग रही है कि 74वां संशोधन करते हुए महापौरों के अधिकारों और कार्यक्षेत्र को बढ़ाया जाए. इस मांग को पूरा करने का आश्वासन ही नहीं, बल्कि इसे स्वीकार करते हुए भारत सरकार के शहरी कार्य एवं आवासन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपनी सहमति दे दी है. उन्होंने राज्य सरकारों को संशोधन के साथ ही विचार करने के लिए कहा है. यदि हर राज्य इस पर विचार करके संशोधन कर देता है तो मेयर के कार्यक्षेत्र भी बढ़ जाएंगे और उनका पावर भी.

अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन
अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन

आज सिर्फ नगर निगम सीमा में आने वाले कुछ कार्यालय ही मेयर के अधीन आते हैं, लेकिन मेयर या पार्षद को जनता वोट देकर चुनती है और छोटी-छोटी चीजों के लिए जनता उनके पास दौड़ती है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग, विकास प्राधिकरण, शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों को भी इस संशोधन के बाद मेयर के कार्य क्षेत्र में शामिल किया जा सकेगा. इसके अतिरिक्त भी कई पावर हैं, जो मेयर के पास होंगे और महापौर संग पार्षद पब्लिक के लिए बेहतर कार्य कर पाएंगे.

पार्षदों को मिले 15000 वेतन

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त हाल ही में पंचायत अध्यक्षों, बीडीसी, प्रधान व पंचायत से जुड़े अन्य सदस्यों को वेतन और भत्ता देने का एलान किया गया है. जब उन्हें वेतन और भत्ता मिल सकता है तो हमारे पार्षद जो दिन-रात मेहनत करते हैं. छोटे-छोटे कामों के लिए अपना पेट्रोल जलाते हैं. लोगों की मदद अपने पैसे खर्च करके करते हैं तो ऐसे लोगों को कुछ आर्थिक मदद मिलनी चाहिए. अगर उनको 15000 रुपये मासिक वेतन और भत्ता मिलेगा तो उनका भी मनोबल बढ़ेगा और काम करने की इच्छा जागृत होगी. इसलिए यह प्रस्ताव रखा गया है और यदि यह मान लिया जाता है तो निश्चित तौर पर एक बड़ा कदम होगा.

अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन
अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन

जेवर एयरपोर्ट के पास 20 कमरों का काउंसिल भवन

इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि अभी अखिल भारतीय मेयर काउंसिल का ऑफिस दिल्ली में है, जो बहुत ही कम जगह में है. इसलिए अब जेवर एयरपोर्ट के पास 2000 वर्ग मीटर की जमीन खरीद ली गई है और जल्द ही यहां पर मेयर काउंसिल का एक बड़ा ऑफिस बनने जा रहा है. इसमें 20 कमरे होंगे. जिसमें देशभर के मेयर आकर रुक सकते हैं. एक बड़ा हॉल तैयार किया जा रहा है. जिसमें 200 मेयर आकर बैठक कर सकते हैं और मेहर काउंसिल की बैठक के लिए बेवजह इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा. जेवर एयरपोर्ट एक विस्तृत रूप में सामने आने वाला है. इसलिए यहां हर मेयर सुबह आकर शाम को बैठक के बाद अपने-अपने शहर को आराम से लौट सकेंगे, जिससे उनका समय भी बचेगा.

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वाराणसी: काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद एक महीने तक चलने वाले अलग-अलग आयोजनों के क्रम में शुक्रवार को वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में करीब 100 से अधिक मेयर मौजूद थे. अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की और पूरा दिन अलग-अलग सत्र चलने के बाद मेयर काउंसिल की तरफ से कुछ प्रस्ताव भी रखे गए. इन प्रस्तावों को यदि राज्य सरकार लागू कर देती है तो निश्चित तौर पर निकायों में बड़ा बदलाव दिखेगा. इन प्रस्तावों और पूरी बैठक को लेकर ईटीवी भारत ने मेयर काउंसिल के अध्यक्ष नवीन जैन से खास बातचीत की.

उन्होंने इस पूरे कार्यक्रम के बारे में पहले तो विस्तार से बताया फिर अखिल भारतीय मेयर काउंसिल की तरफ से इस मेयर सम्मेलन में रखे गए प्रस्तावों के बारे में जानकारी दी गई. जिसमें जेवर एयरपोर्ट के पास मेयर काउंसिल के नए कार्यालय के निर्माण के अलावा दो अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं.

अखिल भारतीय मेयर काउंसिल के अध्यक्ष नवीन जैन

पीएम की बातों को करना होगा लागू

अखिल भारतीय मेयर काउंसिल के अध्यक्ष नवीन जैन ने बताया कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम में अपने संबोधन से सभी महापौर के अंदर एक ऊर्जा पैदा की है. वह निश्चित तौर पर उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के हर शहर के विकास में महत्वपूर्ण योगदान होने जा रहा है. प्रधानमंत्री ने वार्ड लेवल से लेकर शहर के अलग-अलग हिस्से को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है. उस पर ऐसे छोटे-छोटे प्वाइंट बताए, जो काफी महत्वपूर्ण हैं. इन सभी बातों को मेयर काउंसिल हर मेयर तक पहुंचाने के साथ ही उसे लागू करने की भी पूरी कोशिश करेगा. उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन में कुछ ऐसी चीजें भी आगे बढ़ी हैं, जिनकी मांग बहुत लंबे वक्त से मेयर काउंसिल कर रहा था.

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74वें संशोधन पर केंद्रीय मंत्री की सहमति

अखिल भारतीय मेयर काउंसिल की यह मांग रही है कि 74वां संशोधन करते हुए महापौरों के अधिकारों और कार्यक्षेत्र को बढ़ाया जाए. इस मांग को पूरा करने का आश्वासन ही नहीं, बल्कि इसे स्वीकार करते हुए भारत सरकार के शहरी कार्य एवं आवासन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपनी सहमति दे दी है. उन्होंने राज्य सरकारों को संशोधन के साथ ही विचार करने के लिए कहा है. यदि हर राज्य इस पर विचार करके संशोधन कर देता है तो मेयर के कार्यक्षेत्र भी बढ़ जाएंगे और उनका पावर भी.

अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन
अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन

आज सिर्फ नगर निगम सीमा में आने वाले कुछ कार्यालय ही मेयर के अधीन आते हैं, लेकिन मेयर या पार्षद को जनता वोट देकर चुनती है और छोटी-छोटी चीजों के लिए जनता उनके पास दौड़ती है. इसलिए स्वास्थ्य विभाग, विकास प्राधिकरण, शिक्षा विभाग समेत अन्य विभागों को भी इस संशोधन के बाद मेयर के कार्य क्षेत्र में शामिल किया जा सकेगा. इसके अतिरिक्त भी कई पावर हैं, जो मेयर के पास होंगे और महापौर संग पार्षद पब्लिक के लिए बेहतर कार्य कर पाएंगे.

पार्षदों को मिले 15000 वेतन

उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त हाल ही में पंचायत अध्यक्षों, बीडीसी, प्रधान व पंचायत से जुड़े अन्य सदस्यों को वेतन और भत्ता देने का एलान किया गया है. जब उन्हें वेतन और भत्ता मिल सकता है तो हमारे पार्षद जो दिन-रात मेहनत करते हैं. छोटे-छोटे कामों के लिए अपना पेट्रोल जलाते हैं. लोगों की मदद अपने पैसे खर्च करके करते हैं तो ऐसे लोगों को कुछ आर्थिक मदद मिलनी चाहिए. अगर उनको 15000 रुपये मासिक वेतन और भत्ता मिलेगा तो उनका भी मनोबल बढ़ेगा और काम करने की इच्छा जागृत होगी. इसलिए यह प्रस्ताव रखा गया है और यदि यह मान लिया जाता है तो निश्चित तौर पर एक बड़ा कदम होगा.

अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन
अखिल भारतीय महापौर सम्मेलन

जेवर एयरपोर्ट के पास 20 कमरों का काउंसिल भवन

इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि अभी अखिल भारतीय मेयर काउंसिल का ऑफिस दिल्ली में है, जो बहुत ही कम जगह में है. इसलिए अब जेवर एयरपोर्ट के पास 2000 वर्ग मीटर की जमीन खरीद ली गई है और जल्द ही यहां पर मेयर काउंसिल का एक बड़ा ऑफिस बनने जा रहा है. इसमें 20 कमरे होंगे. जिसमें देशभर के मेयर आकर रुक सकते हैं. एक बड़ा हॉल तैयार किया जा रहा है. जिसमें 200 मेयर आकर बैठक कर सकते हैं और मेहर काउंसिल की बैठक के लिए बेवजह इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा. जेवर एयरपोर्ट एक विस्तृत रूप में सामने आने वाला है. इसलिए यहां हर मेयर सुबह आकर शाम को बैठक के बाद अपने-अपने शहर को आराम से लौट सकेंगे, जिससे उनका समय भी बचेगा.

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