वाराणसी : जिले के आर्यन इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा 9 के छात्र आयुष यादव ने बच्चों के लिये स्मार्ट डायपर तैयार किया है. ये डायपर बच्चों को कई तरह के इंफेक्शन से बचाएगा. इस डायपर में कॉटन से बना नैनो चिप लगा है. यह पूरी तरह वायरलेस है. आमतौर पर आम डायपर के गीले होने के बाद बच्चों के परिवार के लोगों को इसकी जानकारी समय पर नहीं मिल पाती है. इससे बच्चे को काफी देर तक गीला डायपर ही पहने रहना पड़ता है. जबकि स्मार्ट डायपर के गीला होते ही तुरंत इसका सिग्नल मिल जाएगा. नैनो चिप डायपर के गीला होने पर ही काम करता है. इससे जरा भी रेडिएशन नहीं होता है.
आर्यन इंटरनेशनल स्कूल के कक्षा 9 के छात्र आयुष यादव ने बताया कि स्मार्ट वायरलेस डायपर बच्चों की सेफ्टी को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है. स्मार्ट डायपर में लगे नैनो चिप को धुला भी जा सकता है, क्योंकि यह वाटरप्रूफ है. इसे चार्ज करने की जरूरत भी नहीं है. इसमें लगे बटन सेल एक-दो महीने तक काम कर सकते हैं. बाजार में ये सेल 2 से 3 रुपये में मिल जाते हैं. इन्हें कभी भी चेंज किया जा सकता है. आयुष बताते हैं कि साधारण डायपर के गीला होने पर बच्चों के परिवार के लोगों को तब तक इसकी जानकारी नहीं मिल पाती है, जब तक परिजन खुद चेक न कर लें. कई बार परिवार के लोग ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं. ऐसे में बच्चे कई घंटे तक गीले डायपर को ही पहने रह जाते हैं. इससे उन्हें इंफेक्शन होने का भी खतरा रहता है. स्मार्ट वायरलेस डायपर गीला होते ही सिग्ननल भेजना शुरू कर देते हैं. इनके इस्तेमाल से संक्रमण का खतरा भी नहीं रहता है.
स्मार्ट डायपर में लगा नैनो चिप ऐसे करता है काम : डायपर में नैनो चिप सेंसर लगा होता है. इस सेंसर का एक रिसीवर होता है जिसे रूम के अंदर या 40 मीटर के रेंज मे कहीं भी रख सकते हैं. जैसे ही बच्चे का डायपर गीला होगा, डायपर में लगा सेंसर चिप एक्टिवेट हो कर घर में रखे रिसीवर तक सिग्नल भेजने लगेगा. रिसीवर में लगा रेड इंडीकेटर ऑन हो जाता है. अलार्म बजने लगता है. ट्रांसमिटर रिसीवर का रेंज 40 मीटर होगा. इसे और भी बढ़ाया जा सकता है.
आर्यन इंटरनेशनल स्कूल की निदेशक सुबीना चोपड़ा ने बताया कि हमारे स्कूल में जूनियर कलाम इन्नोवेशन सेंटर है. इसमें बच्चे अपने इन्नोवेटिव आइडिया पर शोध करते हैं. ऐसे बच्चों के छोटे -छोटे आइडिया से आने वाले दिनों में विज्ञान के क्षेत्र में नई दिशा मिलेगी. स्मार्ट डाइपर को बनाने में ट्रांसमिटर रिसीवर, अलार्म, रुई, 3, वोल्ट की बैटरी , डायपर आदि की जरूरत होती है. इस स्मार्ट डायपर को तैयार करने नें 6 दिनों का समय लगा.
यह भी पढ़ें : लखनऊ में सड़क किनारे खड़े ट्रक में बेकाबू ट्रक ने मारी टक्कर, चालक व हेल्पर की हालत गंभीर