वाराणसी: लॉकडाउन में तो जरूरतमंदों में सभी लोगों ने खाना पहुंचाया, लेकिन उसके बाद किसी ने भी उनकी खैर- खबर लेने की जहमत नहीं उठाई. परंतु बाबा विश्वनाथ की नगरी में एक ऐसी संस्था है जो आज भी सुबह-शाम जरूरतमंद और गरीबों में खाना पहुंचाती है. राष्ट्रीय रोटी बैंक जरूरतमंदों के लिए एक वरदान की तरह है, जो दिन का उजाला हो या फिर रात का अंधेरा गरीबों तक उनका निवाला पहुंचाती है.
2018 से कर रही यह संस्था काम
मुश्ताक ने बताया कि 2018 में राष्ट्रीय रोटी बैंक को बनाया गया और यह संस्था मठ से भगवान को भोग लगा हुआ भोजन ले करके आती है. सुबह-शाम 1000 लोगों में खाने का वितरण करती हैं. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही शादी व अन्य समारोह में बचा हुआ खाना जो खराब होता है, फेक दिया जाता है. हम उसे ही ताजा करके आते हैं और गरीबों में बांटते हैं. हमारा उद्देश्य है कि अन्न का अनादर न हो और सभी लोगों का पेट भरे. उसको लेकर समाज के लोग भी हमारी भरपूर मदद करते हैं. हम शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर लोगों में भोजन का वितरण करते हैं.
हर दिन होता है अलग मेन्यू
मुश्ताक ने बताया कि हर दिन खाने का मेन्यू अलग अलग होता है. किसी दिन कढ़ी चावल, कभी पूरी सब्जी, कभी चावल दाल तो कभी तहरी हर दिन अलग अलग तरीके के खाने होते हैं. जिससे लोग बोर भी न हो और उनका पेट भर सके. यह सभी खाने भगवान के प्रसाद के भोग होते हैं.
बेहतर होती है खाने की गुणवत्ता
खाना खाने वाले राहगीर संतोष कश्यप ने बताया कि उससे बेहद खुशी मिल रही है कि काशी में ऐसी भी संस्थाएं काम कर रही हैं. उन्होंने बताया कि खाने की गुणवत्ता बहुत अच्छी होती है. गरमा गरम खाना मिलता है और इससे गरीबों का पेट भरता है.
युवा ले रहे हैं नजीर
रेलवे स्टेशन पर रुके मुसाफिर राजन ने बताया कि इस संस्था को देखकर हम सभी युवा बहुत प्रेरित हुए हैं. हमारी भी मन में जरूरतमंदों के लिए ऐसा कुछ करने की इच्छा जागृत हुई और हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम भी इस तरीके का काम करें. वाकई यह संस्था समाज के लिए एक नजीर के रूप में काम कर रही है.