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वाराणसी के इस विश्वविद्यालय में बनेगी 16 संस्कारों वाली गैलरी, पर्यटक देख होंगे अभिभूत - 16 sacraments gallery in ssu

वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक मुख्य भवन में राष्ट्रीय स्तर पर म्यूजियम तैयार किया जाएगा. साथ ही यहां 16 संस्कारों वाली गैलरी भी स्थापित की जाएगी.

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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय
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Published : Jun 10, 2022, 6:13 PM IST

वाराणसी: काशी को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए सरकार तमाम योजनाओं को संचालित कर रही है. हर दिन नए-नए प्रोजेक्ट को भी तैयार कर रही है. इसी के तहत वाराणसी की प्राचीन धरोहर संस्कृत विश्वविद्यालय भी अब पर्यटन केंद्र की श्रेणी में आएगा, जिसके लिए बकायदा वहां मौजूद ऐतिहासिक मुख्य भवन को एक सांस्कृतिक इमारत के रूप में स्थापित किया जा रहा है. इस ऐतिहासिक मुख्य भवन में राष्ट्रीय स्तर की म्यूजियम बनाया जाएगा. इसके साथ ही 16 संस्कारों वाली गैलरी भी स्थापित की जाएगी.

विश्वविद्याल संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ. विमल त्रिपाठी ने बताया कि मुख्य भवन को संग्रहालय के रूप में विकसित करने के लिए इनटेक के पास प्रस्ताव भेजा गया है. उन्होंने बताया कि भवन के दाएं ओर के कमरों को पुरातात्विक संग्रहालय और बायें ओर के कमरे को विजुअल म्यूजियम बनाने की तैयारी कर चल रही है.

यह भी पढ़ें: Gyanvapi Case Hearing: हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में मिली संरचना की जांच की मांग खारिज की

डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि कर्मकांड, ज्योतिष, वेद और 16 संस्कार की अलग-अलग गैलरी को भी विकसित करने का प्रस्ताव भेजा गया है. इस गैलरी में 16 संस्कारों को ऑडियो और वीडियो के माध्यम से पर्यटकों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा और अलग-अलग उपकरणों को भी शामिल किया जाएगा, जो इन संस्कारों और कर्मकांड को प्रयुक्त करने में इस्तेमाल किए रहते हैं. गौरतलब है कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का मुख्य भवन 168 साल पुराना है. यहां की लाइब्रेरी से लेकर मुख्य भवन और मंदिर इसकी प्राचीनता और ऐतिहासिकता का वर्णन करते हैं.

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वाराणसी: काशी को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करने के लिए सरकार तमाम योजनाओं को संचालित कर रही है. हर दिन नए-नए प्रोजेक्ट को भी तैयार कर रही है. इसी के तहत वाराणसी की प्राचीन धरोहर संस्कृत विश्वविद्यालय भी अब पर्यटन केंद्र की श्रेणी में आएगा, जिसके लिए बकायदा वहां मौजूद ऐतिहासिक मुख्य भवन को एक सांस्कृतिक इमारत के रूप में स्थापित किया जा रहा है. इस ऐतिहासिक मुख्य भवन में राष्ट्रीय स्तर की म्यूजियम बनाया जाएगा. इसके साथ ही 16 संस्कारों वाली गैलरी भी स्थापित की जाएगी.

विश्वविद्याल संग्रहालय के अध्यक्ष डॉ. विमल त्रिपाठी ने बताया कि मुख्य भवन को संग्रहालय के रूप में विकसित करने के लिए इनटेक के पास प्रस्ताव भेजा गया है. उन्होंने बताया कि भवन के दाएं ओर के कमरों को पुरातात्विक संग्रहालय और बायें ओर के कमरे को विजुअल म्यूजियम बनाने की तैयारी कर चल रही है.

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डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि कर्मकांड, ज्योतिष, वेद और 16 संस्कार की अलग-अलग गैलरी को भी विकसित करने का प्रस्ताव भेजा गया है. इस गैलरी में 16 संस्कारों को ऑडियो और वीडियो के माध्यम से पर्यटकों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा और अलग-अलग उपकरणों को भी शामिल किया जाएगा, जो इन संस्कारों और कर्मकांड को प्रयुक्त करने में इस्तेमाल किए रहते हैं. गौरतलब है कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का मुख्य भवन 168 साल पुराना है. यहां की लाइब्रेरी से लेकर मुख्य भवन और मंदिर इसकी प्राचीनता और ऐतिहासिकता का वर्णन करते हैं.

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