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वाराणसी: स्कूल-कॉलेजों में आज मनाया जाएगा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस, 16 लाख बच्चों को खिलाई जाएगी दवा - Children malnourished worms in stomach

वाराणसी के स्कूल-कॉलेजों में आज राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर छह से 19 साल तक के स्कूल न जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं को आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाई जाएगी. इस बार 16,37,011 बालक-बालिकाओं को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है.

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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
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Published : Jul 20, 2022, 12:14 PM IST

वाराणसी: बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाव के लिए पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाने के लिए आज राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा. इस अभियान के तहत 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाएगी. कृमि मुक्ति के लिए दवा सेवन कराने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि इस दिवस के लिए सम्पूर्ण तैयारियां कर ली गई हैं. अभियान के तहत एक से 19 साल के बालक-बालिकाओं को कृमि से मुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी. इसके लिए आज राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा. किसी कारणवश दवा खाने से छूट जाने से बच्चों व किशोर-किशोरियों को 25 से 27 जुलाई तक चलने वाले मॉपअप चरण में दवा खिलाई जाएगी.

उन्होंने कहा कि आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस बात का ध्यान रखें कि इस दवा को चबाकर, पीसकर या चूरा बनाकर खिलाई जानी है. एक से पांच साल तक के सभी पंजीकृत बच्चों को, छह से 19 साल तक के स्कूल न जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं एवं ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिक व घुमंतू लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाई जाएगी. छह से 19 साल तक के सभी छात्र-छात्राओं को सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों में शिक्षकों के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी. उन्होंने बताया कि जिले में 16,37,011 बालक-बालिकाओं को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है.

इसे भी पढ़े-अब स्मार्ट तरीके से पढ़ेंगे आंगनबाड़ी के बच्चे, इतने केंद्रों पर चलेगी स्मार्ट क्लास

क्या होते हैं कृमि: पेट में कीड़े होने से बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं और शरीर में खून की कमी हो जाती है. बच्चों में नाखून से बाहर की गंदगी उनके पेट में जाती है. इसके अलावा खुले में शौच के कारण भी कृमि का संक्रमण होता है.

लक्षण: बेचैनी, सिरदर्द, कुपोषण, चक्कर आना, वजन में कमी, भूख न लगना, खून की कमी व पेट में दर्द, उल्टी-दस्त आदि कृमि संक्रमण के लक्षण हैं.

उपाय: नाखून साफ व छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पिएं, आस-पास सफाई रखें, खाने को हमेशा ढककर रखें, साफ पानी से फल व सब्जियां धोएं, खुले में शौच न करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें, हाथ साबुन और साफ पानी से धोएं विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद, जूते पहनकर रहें.

लाभ: दवा कृमि से मुक्ति की क्षमता रखती है. स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और एनीमिया नियंत्रण में रहता है. इसके साथ ही सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार होता है.

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वाराणसी: बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाव के लिए पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाने के लिए आज राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा. इस अभियान के तहत 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई जाएगी. कृमि मुक्ति के लिए दवा सेवन कराने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.

सीएमओ डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि इस दिवस के लिए सम्पूर्ण तैयारियां कर ली गई हैं. अभियान के तहत एक से 19 साल के बालक-बालिकाओं को कृमि से मुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी. इसके लिए आज राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा. किसी कारणवश दवा खाने से छूट जाने से बच्चों व किशोर-किशोरियों को 25 से 27 जुलाई तक चलने वाले मॉपअप चरण में दवा खिलाई जाएगी.

उन्होंने कहा कि आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इस बात का ध्यान रखें कि इस दवा को चबाकर, पीसकर या चूरा बनाकर खिलाई जानी है. एक से पांच साल तक के सभी पंजीकृत बच्चों को, छह से 19 साल तक के स्कूल न जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं एवं ईंट-भट्ठों पर कार्य करने वाले श्रमिक व घुमंतू लाभार्थियों को आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाई जाएगी. छह से 19 साल तक के सभी छात्र-छात्राओं को सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों में शिक्षकों के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी. उन्होंने बताया कि जिले में 16,37,011 बालक-बालिकाओं को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है.

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क्या होते हैं कृमि: पेट में कीड़े होने से बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं और शरीर में खून की कमी हो जाती है. बच्चों में नाखून से बाहर की गंदगी उनके पेट में जाती है. इसके अलावा खुले में शौच के कारण भी कृमि का संक्रमण होता है.

लक्षण: बेचैनी, सिरदर्द, कुपोषण, चक्कर आना, वजन में कमी, भूख न लगना, खून की कमी व पेट में दर्द, उल्टी-दस्त आदि कृमि संक्रमण के लक्षण हैं.

उपाय: नाखून साफ व छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पिएं, आस-पास सफाई रखें, खाने को हमेशा ढककर रखें, साफ पानी से फल व सब्जियां धोएं, खुले में शौच न करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें, हाथ साबुन और साफ पानी से धोएं विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद, जूते पहनकर रहें.

लाभ: दवा कृमि से मुक्ति की क्षमता रखती है. स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और एनीमिया नियंत्रण में रहता है. इसके साथ ही सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार होता है.

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