वाराणसी: यह दुनिया बड़ी ही रंग-बिरंगी है. यहां बहुत से ऐसे लोग भी हैं जो अपने जीवन को एक अलग तरीके से जीना चाहते हैं. ऐसे ही हैं वाराणसी के नरेंद्र नाथ दुबे उर्फ अडिग. लगभग 50 साल की उम्र पार कर चुके हैं. अडिग 1984 से लेकर अब तक विधानसभा, लोकसभा, स्नातक एमएलसी और यहां तक कि भारत के राष्ट्रपति के पद के लिए भी पांच बार दावेदारी कर चुके हैं. इस बार चुनावी समर में नरेंद्र नाथ दुबे का अलग ही अंदाज दिखाई दे रहा है.
वाराणसी के वरुणा पुल इलाके में रहने वाले नरेंद्र नाथ दुबे (Narendra Nath Dubey) पेशे से वकील हैं. वकील होने के अलावा सामाजिक कार्यों में भी रुचि रखते हैं. नरेंद्र नाथ दुबे 1984 से लेकर अब तक हर बार चुनाव लड़ते आ रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि विधानसभा चुनावों में बनारस के कई कद्दावर नेताओं के सामने उन्होंने दम भरा और 2014 के लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी के सामने भी उन्होंने ताल ठोकी थी.
नरेंद्र नाथ दुबे का कहना है कि बचपन से ही वह आत्मा की सुनते हैं. आत्मज्ञान होने की वजह से वह हमेशा से ध्यान साधना में लीन रहना चाहते हैं. यही वजह है कि सांसारिक नाटकों में से एक नाटक चुनाव लड़ने को नाटक मानते हुए, वह हर बार चुनाव मैदान में उतरने की कोशिश करते हैं.
चुनावी खर्चों के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उनका कहना था कि बहुत से उनके चाहने वाले हैं. जो उनको प्रोत्साहित करते हैं और उन्हीं के खर्च पर वह इस तरह की चीजें करते हैं. वह चुनावी मैदान में कुछ अलग अंदाज में लोगों के सामने आते हैं. कभी भगवान कृष्ण के रूप में तो कभी रावण के रूप में चुनाव प्रचार करते हैं.
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