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यूपी में पहली बार; नगर निगम ने निकाला गोबर से कमाई का तरीका, ये है प्लान - INITIATIVE OF MEERUT NAGAR NIGAM

मेरठ नगर निगम ने गोबर कलेक्शन से कमाई और शहर की सफाई का निकाला अनोखा तोड़.

Initiative of Meerut Nagar Nigam
Initiative of Meerut Nagar Nigam (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 23, 2025, 3:07 PM IST

मेरठ : मेरठ जिले में अब इस शहर से एक ऐसी शुरुआत होने जा रही है, जो अब तक प्रदेश में कहीं नहीं हुई. मेरठ नगर निगम क्षेत्र में अब शहर को साफ सुथरा बनाने के लक्ष्य के साथ यहां गोबर का भी निस्तारण नगर निगम करेगा. इससे नगर निगम की इनकम जेनरेट होगी. वहीं गंदगी पर रोक लगेगी, गंदगी से पनपने वाले रोगों से भी नागरिक सुरक्षित रह सकेंगे.

पश्चिमी यूपी का मेरठ शहर जहां 90 वार्ड हैं. दिल्ली के निकट एनसीआर का प्रमुख शहर भी है. यहां नगर आयुक्त और मेरठ नगर के महापौर के द्वारा शहर को गंदगी से निजात दिलाने की खास योजना बनाई है और अब इस पर अमल भी करने जा रहे हैं. जो प्लानिंग बनाई गई है उसे अमलीजामा भी अब पहनाने के लिए कवायद शुरू हो गई है. दावा किया जा रहा है कि डेयरियों से नालियों में गोबर बहना बंद हो जाएगा. अब इस गोबर को नगर निगम उठाएगा. साथ ही इसकी एवज में नगर निगम न्यूनतम रकम भी डेयरी संचालकों से वसूलेगा.

मेरठ नगर निगम ने निकाला गोबर से कमाई का तरीका. देखें खबर (Video Credit : ETV Bharat)

नगर आयुक्त सौरभ गंगवार बताते हैं कि कई बार कवायद की जा चुकी हैं कि शहर से डेयरियों को बाहर किया जाए, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही थी. अब नगर निगम डेयरी संचालकों से प्रति पशु 10 रुपये प्रतिदिन की दर से गोबर उठाने का शुल्क वसूलेगा. नगर आयुक्त सौरभ गंगवार का कहना है कि मेरठ में गोबर गैस प्लांट, बायो गैस प्लांट लगाने को कवायद भी हुई हैं.

मेरठ के मेयर हरिकांत अहलुवालिया ने बताया कि नगर निगम मेरठ उत्तर प्रदेश का पहला डोर टू डोर गोबर संग्रह करने वाला निगम बनने जा रहा है. काफी समय पूर्व से शहर को स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल बनाने के उद्देश्य से नगर निगम प्रयास कर रहा था. जिससे उतनी सफलता नहीं मिल रही थी. मेरठ में डोर-टू-डोर गोबर संग्रहण एवं निस्तारण अभियान की शुरुआत कर दी गई है. मेयर ने बताया कि शुरुआत में कुछ वार्ड में इसकी शुरुआत कर रहे हैं.

अहलुवालिया का कहना है कि इस सेवा के तहत डेयरी संचालकों से प्रति पशु 10 रुपये प्रतिदिन की दर से शुल्क लिया जाएगा. 6 वार्डों को चार जोनों में विभाजित कर कार्ययोजना तैयार की गई है. इस पहल के तहत शहर में बिखरे गोबर का वैज्ञानिक निस्तारण किया जा सकेगा. जिससे इनकम जनरेट होगी और स्वच्छता अभियान को और भी अधिक मजबूती मिलेगी. मेरठ में हो रही इस शुरुआत को पूरे प्रदेश में और भी नगर निगम ने भी पसंद किया है. वहां के मेयर भी इस मॉडल को अपने यहां शुरू करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

नगर आयुक्त सौरव गंगवार ने बताया कि यह योजना शहर की सफाई व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगी. इस पहल से डेयरी संचालकों को गोबर निस्तारण की सुविधा मिलेगी और सड़कों पर गंदगी फैलने की समस्या से भी निजात मिल जाएगी. जो गोबर होगा उससे अनेकों प्रकार के प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं, जिनकी डिमांड भी है. अभियान के पहले चरण में मेरठ शहर के ब्रह्मपुरी, माधवपुरम, शिव शक्ति नगर और इंदिरा नगर के छह वार्डों को शामिल किया गया है. नगर आयुक्त का कहना है कि मेरठ में सौ से अधिकारी डेयरी हैं. डेयरी संचालकों से भी मीटिंग हो चुकी है. EOI (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) के आधार पर चयनित फर्म क्षेत्र में सर्वेक्षण कर चुकी है.

यह भी पढ़ें : मेरठ: कैसे बनेगा स्मार्ट सिटी, जब लगा हो शहर के हर तरफ कूड़े का ढेर - meerut nagar nigam

यह भी पढ़ें : मेरठ का इकलौता महिला पार्क बदहाल - मेरठ नगर आयुक्त मनीष बंसल

मेरठ : मेरठ जिले में अब इस शहर से एक ऐसी शुरुआत होने जा रही है, जो अब तक प्रदेश में कहीं नहीं हुई. मेरठ नगर निगम क्षेत्र में अब शहर को साफ सुथरा बनाने के लक्ष्य के साथ यहां गोबर का भी निस्तारण नगर निगम करेगा. इससे नगर निगम की इनकम जेनरेट होगी. वहीं गंदगी पर रोक लगेगी, गंदगी से पनपने वाले रोगों से भी नागरिक सुरक्षित रह सकेंगे.

पश्चिमी यूपी का मेरठ शहर जहां 90 वार्ड हैं. दिल्ली के निकट एनसीआर का प्रमुख शहर भी है. यहां नगर आयुक्त और मेरठ नगर के महापौर के द्वारा शहर को गंदगी से निजात दिलाने की खास योजना बनाई है और अब इस पर अमल भी करने जा रहे हैं. जो प्लानिंग बनाई गई है उसे अमलीजामा भी अब पहनाने के लिए कवायद शुरू हो गई है. दावा किया जा रहा है कि डेयरियों से नालियों में गोबर बहना बंद हो जाएगा. अब इस गोबर को नगर निगम उठाएगा. साथ ही इसकी एवज में नगर निगम न्यूनतम रकम भी डेयरी संचालकों से वसूलेगा.

मेरठ नगर निगम ने निकाला गोबर से कमाई का तरीका. देखें खबर (Video Credit : ETV Bharat)

नगर आयुक्त सौरभ गंगवार बताते हैं कि कई बार कवायद की जा चुकी हैं कि शहर से डेयरियों को बाहर किया जाए, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही थी. अब नगर निगम डेयरी संचालकों से प्रति पशु 10 रुपये प्रतिदिन की दर से गोबर उठाने का शुल्क वसूलेगा. नगर आयुक्त सौरभ गंगवार का कहना है कि मेरठ में गोबर गैस प्लांट, बायो गैस प्लांट लगाने को कवायद भी हुई हैं.

मेरठ के मेयर हरिकांत अहलुवालिया ने बताया कि नगर निगम मेरठ उत्तर प्रदेश का पहला डोर टू डोर गोबर संग्रह करने वाला निगम बनने जा रहा है. काफी समय पूर्व से शहर को स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल बनाने के उद्देश्य से नगर निगम प्रयास कर रहा था. जिससे उतनी सफलता नहीं मिल रही थी. मेरठ में डोर-टू-डोर गोबर संग्रहण एवं निस्तारण अभियान की शुरुआत कर दी गई है. मेयर ने बताया कि शुरुआत में कुछ वार्ड में इसकी शुरुआत कर रहे हैं.

अहलुवालिया का कहना है कि इस सेवा के तहत डेयरी संचालकों से प्रति पशु 10 रुपये प्रतिदिन की दर से शुल्क लिया जाएगा. 6 वार्डों को चार जोनों में विभाजित कर कार्ययोजना तैयार की गई है. इस पहल के तहत शहर में बिखरे गोबर का वैज्ञानिक निस्तारण किया जा सकेगा. जिससे इनकम जनरेट होगी और स्वच्छता अभियान को और भी अधिक मजबूती मिलेगी. मेरठ में हो रही इस शुरुआत को पूरे प्रदेश में और भी नगर निगम ने भी पसंद किया है. वहां के मेयर भी इस मॉडल को अपने यहां शुरू करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं.

नगर आयुक्त सौरव गंगवार ने बताया कि यह योजना शहर की सफाई व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाएगी. इस पहल से डेयरी संचालकों को गोबर निस्तारण की सुविधा मिलेगी और सड़कों पर गंदगी फैलने की समस्या से भी निजात मिल जाएगी. जो गोबर होगा उससे अनेकों प्रकार के प्रोडक्ट बनाए जा सकते हैं, जिनकी डिमांड भी है. अभियान के पहले चरण में मेरठ शहर के ब्रह्मपुरी, माधवपुरम, शिव शक्ति नगर और इंदिरा नगर के छह वार्डों को शामिल किया गया है. नगर आयुक्त का कहना है कि मेरठ में सौ से अधिकारी डेयरी हैं. डेयरी संचालकों से भी मीटिंग हो चुकी है. EOI (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट) के आधार पर चयनित फर्म क्षेत्र में सर्वेक्षण कर चुकी है.

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