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अविनाशी काशी में हर-हर महादेव के साथ गूंजा नमो-नमो... - अहित्याबाई होल्कर कौन हैं

देवाधिदेव महादेव की अविनाशी काशी में सोमवार को नया इतिहास लिखा गया. यह इतिहास 241 साल बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का उद्घाटन कर लिखा. अहिल्याबाई होल्कर, महाराजा रणजीत सिंह के बाद वह तीसरे ऐसे इतिहास पुरुष बन गए हैं जिन्होंने बाबा विश्वनाथ के दरबार का पुनरुद्धार कराया. काशीवासियों ने भी हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया.

अविनाशी काशी में हर-हर महादेव के साथ गूंजा नमो-नमो...
अविनाशी काशी में हर-हर महादेव के साथ गूंजा नमो-नमो...
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Published : Dec 13, 2021, 9:34 PM IST

Updated : Dec 13, 2021, 10:53 PM IST

वाराणसीः देवाधिदेव महादेव की अविनाशी काशी में सोमवार को नया इतिहास लिखा गया. यह इतिहास 241 साल बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का उद्घाटन कर लिखा. अहिल्याबाई होल्कर, महाराजा रणजीत सिंह के बाद वह तीसरे ऐसे इतिहास पुरुष बन गए हैं जिन्होंने बाबा विश्वनाथ के दरबार का पुनरुद्धार कराया. काशीवासियों ने भी हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया.

सुबह दस बजे से ही देश और दुनिया के नजरें काशी पर टिक गईं. घड़ी की टिक-टिक करती सुइयों को निहारते हुए लोग पीएम के आगमन का बेसब्री से इंतजार करने लगे. जैसे ही पीएम मोदी काशी पहुंचे हर तरफ उल्लास छा गया.

अविनाशी काशी में हर-हर महादेव के साथ गूंजा नमो-नमो.

सबसे पहले पीएम मोदी काशी के कोतवाल को नमन करने पहुंचे. यहां उन्होंने काल भैरव से बाबा विश्वनाथ के पूजन-अर्चन की आज्ञा मांगी. इसके बाद वह खिड़किया घाट पहुंचे. यहां पर उनके साथ सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. पीएम मोदी और सीएम योगी ने पूरे तट का भ्रमण किया. इसके बाद पीएम मोदी अलकनंदा क्रूज पर सवार होकर घाटों का निरीक्षण करने के लिए चल पड़े. वह काशी के सुंदरता के साथ ही घाटों को भी निहार रहे थे. मानो वह मन ही मन वह मां गंगा से कह रहे हों कि मां मैंने जो कहा वह कर दिखाया. इस दौरान वह सीएम योगी से भी चर्चा करते नजर आए.

ललिता घाट पहुंचते ही उन्होंने मां गंगा के चरणों में शीश नवाया और डुबकी लगाई. यहां उन्होंने एक पात्र में गंगाजल भरा और गेरूए वस्त्र धारण कर वह कॉरीडोर से होते हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए चल पड़े. पीएम मोदी की नजरें एकटक बाबा विश्वनाथ के स्वर्ण शिखर को निहार रही थीं. इस दौरान डमरू दल ने डमरू की नाद से पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया. बाबा के दरबार पहुंचते ही पीएम मोदी ने सबसे पहले मत्था टेका.

इसके बाद यहां मौजूद आचार्यों ने विधिवत पूजन-अर्चन कराया. पीएम ने कई नदियों के जल के साथ देवाधिदेव महादेव का जलाभिषेक किया. पूजन के उपरांत पीएम नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का विधिवत उद्घाटन किया.

इसके बाद वह सभा को संबोधित करने पहुंचे. यहां शंकाराचार्य, स्वामी रामदेव, स्वामी चिन्मयानंद समेत कई संत और देश-विदेश की कई हस्तियां उनका बेसब्री से इंतजार कर रही थीं.

उन्होंने सबसे पहले सभी का अभिवादन करते हुए कहा कि काशी के सभी बंधुओं के साथ हम शीश नवाते हैं. माता अन्नपूर्णा को नमन करता हूं. मैं काशी के कोतवाल के चरणों में भी प्रणाम करता हूं. पीएम ने देश दुनिया के उन लोगों का आभार व्यक्त किया जो दूर होकर भी इस पल के साक्षी बन रहे हैं.

साथ ही वह कहा कि आतताइयों ने इस नगरी पर आक्रमण किए. औरंगजेब ने सभ्यता को तलवार के दम पर कुचलने की कोशिश की. लेकिन इस देश की मिट्टी पूरी दुनिया से अलग है. अगर यहां औरंगबेज आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं.

आज समय का चक्र देखिए, आतंक के वो पर्याय इतिहास के काले पन्नों में सिमट कर रह गए हैं और मेरी काशी आगे बढ़कर अपने गौरव को नई भव्यता दे रही है. वह बोले बनारस वो नगर है, जहां जगतगुरु शंकराचार्य को भी प्रेरणा मिली और उन्होंने देश को एक सूत्र में बांधने का संकल्प लिया.

ये भी पढ़ेंः Modi in Varanashi Live: जानिए आखिर दिव्य काशी का विश्वनाथ कॉरीडोर क्या है... 241 साल में तीसरी बार पुनरुद्धार

पीएम ने कहा कि काशी भारत की आत्मा का एक जीवंत अवतार भी है. काशी में मंदिर तोड़ा गया तो महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने इसका निर्माण करवाया, मैं उन्हें नमन करता हूं. महारानी अहिल्याबाई होल्कर के बाद काशी के लिए इतना काम अब हुआ है. महाराजा रणजीत सिंह जी ने मंदिर के शिखर पर स्वर्ण जड़वाया था.

पीएम मोदी के भाषण ने यहां के लोगों पर गहरी छाप छोड़ी. वह 30 घंटे तक काशी में रहेंगे. उनके स्वागत के लिए काशी में कई तैयारियां हुईं हैं. 11 लाख दीपों के प्रज्जवलन से देव दीपावली भी मनाई जाएगी. आज काशी देवलोक जैसी नजर आ रही है. दिव्य काशी को भव्य बनाने वाले पीएम मोदी की हर कोई सराहना कर रहा है.

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वाराणसीः देवाधिदेव महादेव की अविनाशी काशी में सोमवार को नया इतिहास लिखा गया. यह इतिहास 241 साल बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का उद्घाटन कर लिखा. अहिल्याबाई होल्कर, महाराजा रणजीत सिंह के बाद वह तीसरे ऐसे इतिहास पुरुष बन गए हैं जिन्होंने बाबा विश्वनाथ के दरबार का पुनरुद्धार कराया. काशीवासियों ने भी हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया.

सुबह दस बजे से ही देश और दुनिया के नजरें काशी पर टिक गईं. घड़ी की टिक-टिक करती सुइयों को निहारते हुए लोग पीएम के आगमन का बेसब्री से इंतजार करने लगे. जैसे ही पीएम मोदी काशी पहुंचे हर तरफ उल्लास छा गया.

अविनाशी काशी में हर-हर महादेव के साथ गूंजा नमो-नमो.

सबसे पहले पीएम मोदी काशी के कोतवाल को नमन करने पहुंचे. यहां उन्होंने काल भैरव से बाबा विश्वनाथ के पूजन-अर्चन की आज्ञा मांगी. इसके बाद वह खिड़किया घाट पहुंचे. यहां पर उनके साथ सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. पीएम मोदी और सीएम योगी ने पूरे तट का भ्रमण किया. इसके बाद पीएम मोदी अलकनंदा क्रूज पर सवार होकर घाटों का निरीक्षण करने के लिए चल पड़े. वह काशी के सुंदरता के साथ ही घाटों को भी निहार रहे थे. मानो वह मन ही मन वह मां गंगा से कह रहे हों कि मां मैंने जो कहा वह कर दिखाया. इस दौरान वह सीएम योगी से भी चर्चा करते नजर आए.

ललिता घाट पहुंचते ही उन्होंने मां गंगा के चरणों में शीश नवाया और डुबकी लगाई. यहां उन्होंने एक पात्र में गंगाजल भरा और गेरूए वस्त्र धारण कर वह कॉरीडोर से होते हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने के लिए चल पड़े. पीएम मोदी की नजरें एकटक बाबा विश्वनाथ के स्वर्ण शिखर को निहार रही थीं. इस दौरान डमरू दल ने डमरू की नाद से पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया. बाबा के दरबार पहुंचते ही पीएम मोदी ने सबसे पहले मत्था टेका.

इसके बाद यहां मौजूद आचार्यों ने विधिवत पूजन-अर्चन कराया. पीएम ने कई नदियों के जल के साथ देवाधिदेव महादेव का जलाभिषेक किया. पूजन के उपरांत पीएम नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरीडोर का विधिवत उद्घाटन किया.

इसके बाद वह सभा को संबोधित करने पहुंचे. यहां शंकाराचार्य, स्वामी रामदेव, स्वामी चिन्मयानंद समेत कई संत और देश-विदेश की कई हस्तियां उनका बेसब्री से इंतजार कर रही थीं.

उन्होंने सबसे पहले सभी का अभिवादन करते हुए कहा कि काशी के सभी बंधुओं के साथ हम शीश नवाते हैं. माता अन्नपूर्णा को नमन करता हूं. मैं काशी के कोतवाल के चरणों में भी प्रणाम करता हूं. पीएम ने देश दुनिया के उन लोगों का आभार व्यक्त किया जो दूर होकर भी इस पल के साक्षी बन रहे हैं.

साथ ही वह कहा कि आतताइयों ने इस नगरी पर आक्रमण किए. औरंगजेब ने सभ्यता को तलवार के दम पर कुचलने की कोशिश की. लेकिन इस देश की मिट्टी पूरी दुनिया से अलग है. अगर यहां औरंगबेज आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं.

आज समय का चक्र देखिए, आतंक के वो पर्याय इतिहास के काले पन्नों में सिमट कर रह गए हैं और मेरी काशी आगे बढ़कर अपने गौरव को नई भव्यता दे रही है. वह बोले बनारस वो नगर है, जहां जगतगुरु शंकराचार्य को भी प्रेरणा मिली और उन्होंने देश को एक सूत्र में बांधने का संकल्प लिया.

ये भी पढ़ेंः Modi in Varanashi Live: जानिए आखिर दिव्य काशी का विश्वनाथ कॉरीडोर क्या है... 241 साल में तीसरी बार पुनरुद्धार

पीएम ने कहा कि काशी भारत की आत्मा का एक जीवंत अवतार भी है. काशी में मंदिर तोड़ा गया तो महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने इसका निर्माण करवाया, मैं उन्हें नमन करता हूं. महारानी अहिल्याबाई होल्कर के बाद काशी के लिए इतना काम अब हुआ है. महाराजा रणजीत सिंह जी ने मंदिर के शिखर पर स्वर्ण जड़वाया था.

पीएम मोदी के भाषण ने यहां के लोगों पर गहरी छाप छोड़ी. वह 30 घंटे तक काशी में रहेंगे. उनके स्वागत के लिए काशी में कई तैयारियां हुईं हैं. 11 लाख दीपों के प्रज्जवलन से देव दीपावली भी मनाई जाएगी. आज काशी देवलोक जैसी नजर आ रही है. दिव्य काशी को भव्य बनाने वाले पीएम मोदी की हर कोई सराहना कर रहा है.

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Last Updated : Dec 13, 2021, 10:53 PM IST
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