वाराणसी: डिजिटल युग में लोगों के अंदर पढ़ने की आदत खत्म हो रही है, लेकिन अब वाराणसी नगर निगम लोगों में इस आदत को डेवलप करने के साथ ही मलिन बस्ती के बच्चों को भी खेलकूद और गंदी आदतों से अलग करते हुए एक ऐसे माहौल को तैयार कर रहा है जो प्रदेश में हर जिले के लिए एक माइलस्टोन साबित हो सकता है. इस प्लान पर काम वाराणसी नगर निगम ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर ट्रायल के तौर पर शुरू भी कर दिया है.
इसके तहत कूड़ाघरों को बंद करने के साथ ही उस स्थान को डेवलप करके वाचनालय यानी लाइब्रेरी के तौर पर शुरू करने की कवायद की जा रही है. इसके लिए बनारस के एक स्थान को ट्रायल के तौर पर नमो वाचनालय के तौर पर एस्टेब्लिश किया गया है. दरअसल वाराणसी नगर निगम ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में एक प्रस्ताव रखा था. यह प्रस्ताव बनारस में एक-एक करके बंद हो रहे कूड़ाघरों की जगह उसे स्थान को रीडिवेलप करके जनता के हित में काम आने का प्लान तैयार किया गया था.
इस प्लान के तहत वाराणसी नगर निगम के अधिकारियों ने कूड़ा घर की जगह ओपन लाइब्रेरी और मलिन बस्ती के बच्चों को पढ़ने के लिए उसे स्थान को ग्रीन जोन के रूप में डेवलप करने की प्लानिंग बताई थी, जो सीएम को भी काफी पसंद आया था. इस प्रस्ताव को तैयार करके इस पर इंप्लीमेंट करने के लिए कहा भी गया था. जिस पर सचिव स्तर के साथ हुई बैठक में इस पर फाइनल मोहर लगी है. इस दिशा में कुछ स्कूलों और निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नगर निगम वाराणसी ने बनारस शहर के भेलूपुर इलाके में कूड़ा घर की जगह एक खाली पड़ी जगह को रीडिवेलप करते हुए नमो वाचनालय के तौर पर डेवलप किया है.
इस बारे में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमपी सिंह ने बताया कि यह प्लान कुछ दिन पहले ही शासन स्तर पर रखा गया था. जिसे यूपी के और शहरों में लागू करने के निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन इसके पहले बनारस में इस ट्रायल के तौर पर शुरू करने के लिए कहा गया है. इसलिए एक कूड़ा घर के बंद होने के बाद वहां पर जमीन को समतल करने के बाद उसे डेवलप करते हुए टीन शेड पंखे और अन्य व्यवस्थाओं के साथ एक लाइब्रेरी एस्टेब्लिश की गई है.
यहां पर आम लोगों के बैठने की व्यवस्था अभी करते हुए बेंच लगाई गई है और एक निजी स्कूलों और एक स्वयं से भी संस्था की मदद से यहां पर लाइब्रेरी भी डेवलप करने का काम किया जा रहा है. जिसके लिए किताबों की व्यवस्था नगर निगम अपने स्तर पर भी कर रहा है और संस्थाएं भी डोनेट कर रही हैं. नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि कोई भी व्यक्ति जो अपने पास पुरानी किताबें के होने से परेशान है और उनको कहीं देना चाह रहा है तो नगर निगम मुख्यालय पर आकर उन्हें डोनेट कर सकता है.
उनका इस्तेमाल सही और बेहतर तरीके से जरूरतमंदों के लिए किया जाएगा. नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि इस प्लान के तहत हमने कई अखबार और मैगजीन कार्यालय से संपर्क भी किया है. रोज यहां पर अखबार और मैगजीन भी रखी जाएंगी, ताकि लोगों के अंदर इस डिजिटल युग में पढ़ने की आदत री-डेवलप हो सके खास तौर पर युवा पीढ़ी को इस और भेजने का प्लान भी बनाया जा रहा है, ताकि अपने प्रयासों से लोग पढ़े और यहां पर मौजूद किताब मैगजीन और अखबारों के जरिए ज्ञान अर्जित कर सके.
नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि इस प्लान के अलावा आसपास की मलिन बस्ती के बच्चों को निजी संस्था की मदद से हफ्ते में काम से कम तीन दिन पढ़ने का भी प्लान है, क्योंकि मलिन बस्ती के बच्चे इधर-उधर घूमते फिरते और गलत आदतों में पड़ जाते हैं. उनके अंदर पढ़ाई के साथ ही अन्य तरह के क्रिएटिव चीजों को डेवलप करने का काम भी यहां पर किया जाएगा.
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