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अच्छी पहल! लाइब्रेरी में बदले जाएंगे कूड़ाघर, पढ़ेंगे बच्चे: आप भी दान कर सकते हैं किताबें - Varanasi Unique Library

Varanasi Unique Library : वाराणसी नगर निगम ने शासन को इस अनोखी लाइब्रेरी का प्रस्ताव भेजा था. जिसके बाद ट्रायल के तौर पर इसे वाराणसी में शुरू किया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 21, 2023, 1:10 PM IST

Updated : Nov 21, 2023, 3:46 PM IST

वाराणसी के नमो वाचनालय पर संवाददाता गोपाल मिश्र की खास रिपोर्ट.

वाराणसी: डिजिटल युग में लोगों के अंदर पढ़ने की आदत खत्म हो रही है, लेकिन अब वाराणसी नगर निगम लोगों में इस आदत को डेवलप करने के साथ ही मलिन बस्ती के बच्चों को भी खेलकूद और गंदी आदतों से अलग करते हुए एक ऐसे माहौल को तैयार कर रहा है जो प्रदेश में हर जिले के लिए एक माइलस्टोन साबित हो सकता है. इस प्लान पर काम वाराणसी नगर निगम ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर ट्रायल के तौर पर शुरू भी कर दिया है.

इसके तहत कूड़ाघरों को बंद करने के साथ ही उस स्थान को डेवलप करके वाचनालय यानी लाइब्रेरी के तौर पर शुरू करने की कवायद की जा रही है. इसके लिए बनारस के एक स्थान को ट्रायल के तौर पर नमो वाचनालय के तौर पर एस्टेब्लिश किया गया है. दरअसल वाराणसी नगर निगम ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में एक प्रस्ताव रखा था. यह प्रस्ताव बनारस में एक-एक करके बंद हो रहे कूड़ाघरों की जगह उसे स्थान को रीडिवेलप करके जनता के हित में काम आने का प्लान तैयार किया गया था.

Varanasi Unique Library
Varanasi Unique Library नमो वाचनालय में बैठने का किया गया है विशेष बंदोबस्त

इस प्लान के तहत वाराणसी नगर निगम के अधिकारियों ने कूड़ा घर की जगह ओपन लाइब्रेरी और मलिन बस्ती के बच्चों को पढ़ने के लिए उसे स्थान को ग्रीन जोन के रूप में डेवलप करने की प्लानिंग बताई थी, जो सीएम को भी काफी पसंद आया था. इस प्रस्ताव को तैयार करके इस पर इंप्लीमेंट करने के लिए कहा भी गया था. जिस पर सचिव स्तर के साथ हुई बैठक में इस पर फाइनल मोहर लगी है. इस दिशा में कुछ स्कूलों और निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नगर निगम वाराणसी ने बनारस शहर के भेलूपुर इलाके में कूड़ा घर की जगह एक खाली पड़ी जगह को रीडिवेलप करते हुए नमो वाचनालय के तौर पर डेवलप किया है.

Varanasi Unique Library
Varanasi Unique Library नमो वाचनालय में बैठने का किया गया है विशेष बंदोबस्त

इस बारे में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमपी सिंह ने बताया कि यह प्लान कुछ दिन पहले ही शासन स्तर पर रखा गया था. जिसे यूपी के और शहरों में लागू करने के निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन इसके पहले बनारस में इस ट्रायल के तौर पर शुरू करने के लिए कहा गया है. इसलिए एक कूड़ा घर के बंद होने के बाद वहां पर जमीन को समतल करने के बाद उसे डेवलप करते हुए टीन शेड पंखे और अन्य व्यवस्थाओं के साथ एक लाइब्रेरी एस्टेब्लिश की गई है.

Varanasi Unique Library
Varanasi Unique Library नमो वाचनालय

यहां पर आम लोगों के बैठने की व्यवस्था अभी करते हुए बेंच लगाई गई है और एक निजी स्कूलों और एक स्वयं से भी संस्था की मदद से यहां पर लाइब्रेरी भी डेवलप करने का काम किया जा रहा है. जिसके लिए किताबों की व्यवस्था नगर निगम अपने स्तर पर भी कर रहा है और संस्थाएं भी डोनेट कर रही हैं. नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि कोई भी व्यक्ति जो अपने पास पुरानी किताबें के होने से परेशान है और उनको कहीं देना चाह रहा है तो नगर निगम मुख्यालय पर आकर उन्हें डोनेट कर सकता है.

उनका इस्तेमाल सही और बेहतर तरीके से जरूरतमंदों के लिए किया जाएगा. नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि इस प्लान के तहत हमने कई अखबार और मैगजीन कार्यालय से संपर्क भी किया है. रोज यहां पर अखबार और मैगजीन भी रखी जाएंगी, ताकि लोगों के अंदर इस डिजिटल युग में पढ़ने की आदत री-डेवलप हो सके खास तौर पर युवा पीढ़ी को इस और भेजने का प्लान भी बनाया जा रहा है, ताकि अपने प्रयासों से लोग पढ़े और यहां पर मौजूद किताब मैगजीन और अखबारों के जरिए ज्ञान अर्जित कर सके.

नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि इस प्लान के अलावा आसपास की मलिन बस्ती के बच्चों को निजी संस्था की मदद से हफ्ते में काम से कम तीन दिन पढ़ने का भी प्लान है, क्योंकि मलिन बस्ती के बच्चे इधर-उधर घूमते फिरते और गलत आदतों में पड़ जाते हैं. उनके अंदर पढ़ाई के साथ ही अन्य तरह के क्रिएटिव चीजों को डेवलप करने का काम भी यहां पर किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः दिल में ब्लॉकेज है, नो टेंशन! सेकेंड भर में काटकर पाउडर बना देगी करोड़ों की ये मशीन

वाराणसी के नमो वाचनालय पर संवाददाता गोपाल मिश्र की खास रिपोर्ट.

वाराणसी: डिजिटल युग में लोगों के अंदर पढ़ने की आदत खत्म हो रही है, लेकिन अब वाराणसी नगर निगम लोगों में इस आदत को डेवलप करने के साथ ही मलिन बस्ती के बच्चों को भी खेलकूद और गंदी आदतों से अलग करते हुए एक ऐसे माहौल को तैयार कर रहा है जो प्रदेश में हर जिले के लिए एक माइलस्टोन साबित हो सकता है. इस प्लान पर काम वाराणसी नगर निगम ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर ट्रायल के तौर पर शुरू भी कर दिया है.

इसके तहत कूड़ाघरों को बंद करने के साथ ही उस स्थान को डेवलप करके वाचनालय यानी लाइब्रेरी के तौर पर शुरू करने की कवायद की जा रही है. इसके लिए बनारस के एक स्थान को ट्रायल के तौर पर नमो वाचनालय के तौर पर एस्टेब्लिश किया गया है. दरअसल वाराणसी नगर निगम ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में एक प्रस्ताव रखा था. यह प्रस्ताव बनारस में एक-एक करके बंद हो रहे कूड़ाघरों की जगह उसे स्थान को रीडिवेलप करके जनता के हित में काम आने का प्लान तैयार किया गया था.

Varanasi Unique Library
Varanasi Unique Library नमो वाचनालय में बैठने का किया गया है विशेष बंदोबस्त

इस प्लान के तहत वाराणसी नगर निगम के अधिकारियों ने कूड़ा घर की जगह ओपन लाइब्रेरी और मलिन बस्ती के बच्चों को पढ़ने के लिए उसे स्थान को ग्रीन जोन के रूप में डेवलप करने की प्लानिंग बताई थी, जो सीएम को भी काफी पसंद आया था. इस प्रस्ताव को तैयार करके इस पर इंप्लीमेंट करने के लिए कहा भी गया था. जिस पर सचिव स्तर के साथ हुई बैठक में इस पर फाइनल मोहर लगी है. इस दिशा में कुछ स्कूलों और निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नगर निगम वाराणसी ने बनारस शहर के भेलूपुर इलाके में कूड़ा घर की जगह एक खाली पड़ी जगह को रीडिवेलप करते हुए नमो वाचनालय के तौर पर डेवलप किया है.

Varanasi Unique Library
Varanasi Unique Library नमो वाचनालय में बैठने का किया गया है विशेष बंदोबस्त

इस बारे में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एमपी सिंह ने बताया कि यह प्लान कुछ दिन पहले ही शासन स्तर पर रखा गया था. जिसे यूपी के और शहरों में लागू करने के निर्देश भी दिए गए थे, लेकिन इसके पहले बनारस में इस ट्रायल के तौर पर शुरू करने के लिए कहा गया है. इसलिए एक कूड़ा घर के बंद होने के बाद वहां पर जमीन को समतल करने के बाद उसे डेवलप करते हुए टीन शेड पंखे और अन्य व्यवस्थाओं के साथ एक लाइब्रेरी एस्टेब्लिश की गई है.

Varanasi Unique Library
Varanasi Unique Library नमो वाचनालय

यहां पर आम लोगों के बैठने की व्यवस्था अभी करते हुए बेंच लगाई गई है और एक निजी स्कूलों और एक स्वयं से भी संस्था की मदद से यहां पर लाइब्रेरी भी डेवलप करने का काम किया जा रहा है. जिसके लिए किताबों की व्यवस्था नगर निगम अपने स्तर पर भी कर रहा है और संस्थाएं भी डोनेट कर रही हैं. नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि कोई भी व्यक्ति जो अपने पास पुरानी किताबें के होने से परेशान है और उनको कहीं देना चाह रहा है तो नगर निगम मुख्यालय पर आकर उन्हें डोनेट कर सकता है.

उनका इस्तेमाल सही और बेहतर तरीके से जरूरतमंदों के लिए किया जाएगा. नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि इस प्लान के तहत हमने कई अखबार और मैगजीन कार्यालय से संपर्क भी किया है. रोज यहां पर अखबार और मैगजीन भी रखी जाएंगी, ताकि लोगों के अंदर इस डिजिटल युग में पढ़ने की आदत री-डेवलप हो सके खास तौर पर युवा पीढ़ी को इस और भेजने का प्लान भी बनाया जा रहा है, ताकि अपने प्रयासों से लोग पढ़े और यहां पर मौजूद किताब मैगजीन और अखबारों के जरिए ज्ञान अर्जित कर सके.

नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि इस प्लान के अलावा आसपास की मलिन बस्ती के बच्चों को निजी संस्था की मदद से हफ्ते में काम से कम तीन दिन पढ़ने का भी प्लान है, क्योंकि मलिन बस्ती के बच्चे इधर-उधर घूमते फिरते और गलत आदतों में पड़ जाते हैं. उनके अंदर पढ़ाई के साथ ही अन्य तरह के क्रिएटिव चीजों को डेवलप करने का काम भी यहां पर किया जाएगा.

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Last Updated : Nov 21, 2023, 3:46 PM IST
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