वाराणसी: सदियों पहले जोधा-अकबर की जोड़ी ने पूरी दुनिया में अटूट प्रेम की मिसाल पेश की थी. यह संदेश भी दिया था कि प्रेम और विश्वास किसी भी धर्म से ऊपर होता है. आज जब देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू हो चुका है. उसके बाद भी जिस तरह से एक विशेष वर्ग इसका विरोध कर रहा है और देश में भाईचारा और अमन चैन खराब करने की कुछ लोग कोशिश कर रहे हैं. उन सब के बीच धर्म नगरी वाराणसी की मुस्लिम महिला एकता का एक ऐसा संदेश दे रही है, जो निश्चित तौर पर देश और दुनिया में बड़ी मिसाल कायम करेगा.
- यह महिला मुस्लिम महिला फाउंडेशन की सदर नाजनीन अंसारी हैं.
- नाजनीन भारत विशाल संस्थान से भी जुड़ीं हैं और इन दिनों रामचरितमानस का उर्दू में अनुवाद कर रही हैं.
- इसके पहले भी नाज़नीन ने हनुमान चालीसा, राम आरती और साईं चालीसा का उर्दू अनुवाद किया है.
- वह रामचरितमानस का उर्दू अनुवाद कर लोगों तक इसे पहुंचाने की कोशिश करने में जुटी हैं.
नाजनीन का साफ तौर पर कहना है कि हिंदी और संस्कृत में रामचरितमानस जो लोग नहीं पढ़ सकते उनको मैं उर्दू में इसे पहुंचाने का प्रयास कर रही हूं, क्योंकि राम हमारे पूर्वज हैं और बहुत से लोगों के मन में उनके चरित्र और उनको लेकर भ्रांतियां हैं, जिसे दूर करना बेहद जरूरी है. इसके पहले भी नाजनीन ने राम आरती, हनुमान चालीसा, साईं चालीसा का अनुवाद भी उर्दू में किया है और हर साल रामनवमी के मौके पर भगवान राम की वह भव्य आरती भी उतारती हैं.
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सीएए और एनआरसी को लेकर लोगों में भ्रम है. वह यह समझ लें कि जो लोग यहां के रहने वाले हैं, जिनके पूर्वज यहां के रहने वाले हैं. उनको किसी तरह का कोई खतरा है ही नहीं और रामचरितमानस का उर्दू में अनुवाद कर मैं संदेश देना चाहती हूं कि हमारे पूर्वज भगवान राम थे तब हमें डर किस बात का. इस बात को हम जन-जन तक पहुंचाना चाह रहे हैं.
नाजनीन अंसारी, नेशनल सदर, मुस्लिम महिला फाउंडेशन