वाराणसी: पैगम्बर-ए इस्लाम हजरत मोहम्मद के जन्मदिन 'ईद मिलादुन्नबी' के मौके पर पूरे शहर में धूम है. शहर के विभिन्न क्षेत्रों में सजावट की गई है. नई सड़क से लेकर बेनियाबाग, गाेदौलिया से सोनारपुरा, अर्दली बाजार, हुकुलगंज, पक्की बाजार, मकबूल आलम रोड, नदेसर, लल्लापुरा, हबीबपुरा और अन्य क्षेत्रों में मुस्लिम धर्मगुरुओं, अनुयायियों ने जुलूस-ए मोहम्मदी का जुलूस निकाला. वहीं, बेनियाबाग स्थित लंगड़े हाफिज मस्जिद, बेनियाबाग, चौमुहानी, दालमंडी और फाटक शेख सलीम की दरगाह और पैगंबर-ए-इस्लाम की आमद पर मरकजी यौमुन्नबी कमेटी का पारंपरिक जुलूस निकला. इसके साथ ही दरगाहों में जलसे भी शुरू हो गए.
जलसे के पूर्व नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की शान में सोमवार की देर रात तक नातिया कलाम का नजराना प्रस्तुत किया गया. वहीं, वाराणसी के रेवड़ी तालाब मैदान से मंगलवार की सुबह जुलूस-ए-मोहम्मदी निकला. जुलूस रवींद्रपुरी, शिवाला, मदनपुरा, मैदागिन, कबीरचौरा होते बेनियाबाग इलाके में पहुंच कर सभा में परिवर्तित हुआ. इसके बाद तकरीर और दुआ हुई. मुफ्ती-ए शहर अब्दुल बातिन नोमानी और शहर काजी गुलाम यासीन ने तकरीर में पैगंबर साहब के जीवन के बारे में बताया और उनके बताए गए रास्ते पर चलने की बात कही. इसके अलावा देश-दुनिया में अमन और शांति के लिए दुआ की गई.
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शकील अहमद बब्लू की निगरानी में बेनियाबाग के पूर्वी छोर से जुलूस निकाला गया. जो अपने पारंपरिक मार्ग सरांय हड़हा, छत्तातले, नारियल बाजार, दालमंडी, मस्जिद खुदा बख्श जायसी (लंगड़े हाफिज) फारान होटल, नई सड़क चौराहा, मस्जिद कारी साहब से होता हुआ अपने निर्धारित स्थान पर समाप्त हुआ. वहीं, शहर में बच्चों के साथ बुज़ुर्ग भी शामिल थे. सरकार की आमद मरहबा के नारे लगा रहे थे. जुलूस के रास्ते में भव्य सजावट की गई. जगह जगह सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस बल भी तैनात रहा.