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नगर निकाय चुनाव में किसी वार्ड के लिए मारामारी, कहीं नहीं मिल रहा बीजेपी को प्रत्याशी - municipal elections in 2023

वाराणसी नगर निगम में पहले 90 वार्ड थे. इस बार 10 नए वार्ड बढ़े हैं. इनमें 86 गांवों की सीमा विलय किया गया है. वहीं, कुछ वार्ड के नाम बदले गए हैं. मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों को अलग और हिंदू बाहुल्य इलाकों के वोटर लिस्ट को अपडेट कर के नए वार्ड तैयार किए गये हैं.

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वाराणसी नगर निगम
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Published : Dec 20, 2022, 11:06 PM IST

नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी के महामंत्री महानगर जगदीश त्रिपाठी

वाराणसी: नगर निकाय चुनाव की तारीखों को लेकर भले ही पेंच फंसा हो. लेकिन, प्रत्याशी अपनी तैयारियों को लेकर मजबूती के साथ लगे हुए हैं. हालात यह है कि प्रत्याशी अपने वार्ड में ना सिर्फ लोगों के बीच अपनी पैठ मजबूत कर रहे हैं, बल्कि पार्टी कार्यालय पर भी पूरे शिद्दत के साथ अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने के लिए जुटे हुए हैं. यही वजह है कि वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र होने की वजह से यहां के हर वार्ड में बीजेपी प्रत्याशियों के चयन को लेकर बहुत ही गंभीर दिखाई दे रही है.

पार्टी से जुड़े पदाधिकारियों के अनुसार, हर वार्ड में ज्यादा से ज्यादा आवेदन लेकर प्रत्याशियों को चुनने के लिए बीजेपी कार्यालय पर 100 वार्ड के लिए 400 से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं. कुछ वार्ड में दो दर्जन से ज्यादा कैंडिडेट ताल ठोकने के लिए तैयार हैं, तो वहीं, कुछ वार्ड ऐसे हैं जहां पर प्रत्याशियों की संख्या और आवेदन बेहद कम है.

इसमें दक्षिणी विधानसभा में पड़ने वाले श्री काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के आदी विशेश्वर वार्ड, जैतपुरा क्षेत्र में पड़ने वाले कृतिवासेश्वर वार्ड, बिंदु माधव वार्ड, नदेसर और मध्यमेश्वर यह कुछ ऐसे वार्ड हैं जहां पर भारतीय जनता पार्टी को प्रत्याशियों के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है, क्योंकि यहां से बड़ी संख्या में प्रत्याशी आवेदन करने के लिए पहुंच गए हैं.

सिर्फ अकेले विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में पड़ने वाले आधी विशेश्वर वार्ड से 35 आवेदन पहुंचे हैं. इनके अलावा भारतीय जनता पार्टी को कुछ वार्डों में काफी परेशानी भी उठानी पड़ रही है. अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों में बीजेपी को कैंडिडेट नहीं मिल रहे हैं. कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां पर अल्पसंख्यक मोर्चा की मदद से कैंडिडेट की तलाश भी की गई है. कुछ इलाके ऐसे हैं जहां आवेदन मांगे गए हैं, लेकिन मिले ही नहीं. इनमें वार्ड सरैया अकेला ऐसा वार्ड है. जहां से सिर्फ 3 आवेदन मिले हैं. जबकि सराय काजी सादुल्लाहपुरा से 5 और कुछ अन्य मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से 5 व 7 के बीच आवेदन आये हैं.

नगर निकाय चुनाव संयोजक और महामंत्री महानगर बीजेपी जगदीश त्रिपाठी का कहना है कि हम ज्यादा आवेदन और कम आवेदन वाले वाहनों की लिस्टिंग कर रहे हैं. जहां अधिक आवेदन आए हैं, वहां के आवेदन करने वालों का लेखा-जोखा और क्षेत्र में उनकी पकड़, उनके काम के आधार पर टिकट के वितरण की तैयारी की जा रही है. वहीं, जहां से कम आवेदन आए हैं वहां अल्पसंख्यक मोर्चा को और प्रत्याशी तलाशने के लिए कहा गया है. जो बेहतर तरीके से चुनाव लड़ सकें.

वाराणसी नगर निगम में पहले 90 वार्ड थे. इस बार 10 नए वार्ड बढ़े हैं. इनमें 86 गांवों की सीमा विलय किया गया है. वहीं, कुछ वार्ड के नाम बदले गए हैं. मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों को अलग और हिंदू बाहुल्य इलाकों के वोटर लिस्ट को अपडेट कर के नए वार्ड तैयार किए गये हैं.

ये भी पढ़ेंः स्मृति ईरानी पर 'लटके झटके' वाला बयान देकर बुरे फंसे अजय राय, सोनभद्र में मुकदमा दर्ज

नगर निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी के महामंत्री महानगर जगदीश त्रिपाठी

वाराणसी: नगर निकाय चुनाव की तारीखों को लेकर भले ही पेंच फंसा हो. लेकिन, प्रत्याशी अपनी तैयारियों को लेकर मजबूती के साथ लगे हुए हैं. हालात यह है कि प्रत्याशी अपने वार्ड में ना सिर्फ लोगों के बीच अपनी पैठ मजबूत कर रहे हैं, बल्कि पार्टी कार्यालय पर भी पूरे शिद्दत के साथ अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने के लिए जुटे हुए हैं. यही वजह है कि वाराणसी में प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र होने की वजह से यहां के हर वार्ड में बीजेपी प्रत्याशियों के चयन को लेकर बहुत ही गंभीर दिखाई दे रही है.

पार्टी से जुड़े पदाधिकारियों के अनुसार, हर वार्ड में ज्यादा से ज्यादा आवेदन लेकर प्रत्याशियों को चुनने के लिए बीजेपी कार्यालय पर 100 वार्ड के लिए 400 से ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं. कुछ वार्ड में दो दर्जन से ज्यादा कैंडिडेट ताल ठोकने के लिए तैयार हैं, तो वहीं, कुछ वार्ड ऐसे हैं जहां पर प्रत्याशियों की संख्या और आवेदन बेहद कम है.

इसमें दक्षिणी विधानसभा में पड़ने वाले श्री काशी विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र के आदी विशेश्वर वार्ड, जैतपुरा क्षेत्र में पड़ने वाले कृतिवासेश्वर वार्ड, बिंदु माधव वार्ड, नदेसर और मध्यमेश्वर यह कुछ ऐसे वार्ड हैं जहां पर भारतीय जनता पार्टी को प्रत्याशियों के लिए परेशान नहीं होना पड़ रहा है, क्योंकि यहां से बड़ी संख्या में प्रत्याशी आवेदन करने के लिए पहुंच गए हैं.

सिर्फ अकेले विश्वनाथ मंदिर क्षेत्र में पड़ने वाले आधी विशेश्वर वार्ड से 35 आवेदन पहुंचे हैं. इनके अलावा भारतीय जनता पार्टी को कुछ वार्डों में काफी परेशानी भी उठानी पड़ रही है. अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों में बीजेपी को कैंडिडेट नहीं मिल रहे हैं. कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां पर अल्पसंख्यक मोर्चा की मदद से कैंडिडेट की तलाश भी की गई है. कुछ इलाके ऐसे हैं जहां आवेदन मांगे गए हैं, लेकिन मिले ही नहीं. इनमें वार्ड सरैया अकेला ऐसा वार्ड है. जहां से सिर्फ 3 आवेदन मिले हैं. जबकि सराय काजी सादुल्लाहपुरा से 5 और कुछ अन्य मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से 5 व 7 के बीच आवेदन आये हैं.

नगर निकाय चुनाव संयोजक और महामंत्री महानगर बीजेपी जगदीश त्रिपाठी का कहना है कि हम ज्यादा आवेदन और कम आवेदन वाले वाहनों की लिस्टिंग कर रहे हैं. जहां अधिक आवेदन आए हैं, वहां के आवेदन करने वालों का लेखा-जोखा और क्षेत्र में उनकी पकड़, उनके काम के आधार पर टिकट के वितरण की तैयारी की जा रही है. वहीं, जहां से कम आवेदन आए हैं वहां अल्पसंख्यक मोर्चा को और प्रत्याशी तलाशने के लिए कहा गया है. जो बेहतर तरीके से चुनाव लड़ सकें.

वाराणसी नगर निगम में पहले 90 वार्ड थे. इस बार 10 नए वार्ड बढ़े हैं. इनमें 86 गांवों की सीमा विलय किया गया है. वहीं, कुछ वार्ड के नाम बदले गए हैं. मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों को अलग और हिंदू बाहुल्य इलाकों के वोटर लिस्ट को अपडेट कर के नए वार्ड तैयार किए गये हैं.

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