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गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ग्रीन ट्रिब्यूनल रखेगा निगरानी : जिलाधिकारी - ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा निगरानी

जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने कहा कि गंगा में सीएनजी नावों के संचालित होने से सैलानियों को भी स्वस्थ वातावरण मिलेगा. इसके लिए ट्रिब्यूनल के द्वारा निगरानी रखी जायेगी, जिससे पूरे शहर को फायदा पहुंचेगा.

green tribunal will be monitoring  to make ganga pollution free
हरित अधिकरण करेगा गंगा की निगरानी.
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Published : Dec 21, 2020, 9:00 PM IST

वाराणसी : जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा निगरानी रखने की बात कही. उन्होंने बताया कि डीजल चालित नावों के कारण गंगा के ईको सिस्टम को नुकसान पहुंच रहा है. साथ ही बताया कि सीएनजी नावों के संचालन से जहां एक ओर नाविकों को फायदा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर नौकाविहार करने वाले सैलानियों को स्वास्थ्य पर्यावरण मिलेगा.

'ग्रीन बोट कहलाएंगी सीएनजी नावें'
जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने बताया कि गंगा में लगभग 1800 नावों का संचालन होता है, जिन्हें सीएनजी में कन्वर्ट किया जाएगा. खिड़कियां घाट पर अगले तीन चार महीनों में सीएनजी स्टेशन डेवलप हो जाएगा, जिसके बाद से ही नावों के कन्वर्जन का काम शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आगामी दो-तीन महीनों में लगभग 500 नावों को सीएनजी में कन्वर्ट करने का लक्ष्य रखा गया है.

'डीजल से बिगड़ता है गंगा का ईको सिस्टम'
जिलाधिकारी ने कहा कि घाटों पर डीजल से संचालित होने नावों से डीजल का रिसाव होता है, जिसके कारण गंगा के ईको सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और नावों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण फैलाने का काम करता है. सीएनजी नावों के संचालित होने से सैलानियों को भी स्वस्थ वातावरण मिलेगा. इसके लिए ट्रिब्यूनल के द्वारा निगरानी रखी जाएगी, जिससे पूरे शहर को फायदा पहुंचेगा.

वाराणसी : जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने गंगा को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा निगरानी रखने की बात कही. उन्होंने बताया कि डीजल चालित नावों के कारण गंगा के ईको सिस्टम को नुकसान पहुंच रहा है. साथ ही बताया कि सीएनजी नावों के संचालन से जहां एक ओर नाविकों को फायदा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर नौकाविहार करने वाले सैलानियों को स्वास्थ्य पर्यावरण मिलेगा.

'ग्रीन बोट कहलाएंगी सीएनजी नावें'
जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने बताया कि गंगा में लगभग 1800 नावों का संचालन होता है, जिन्हें सीएनजी में कन्वर्ट किया जाएगा. खिड़कियां घाट पर अगले तीन चार महीनों में सीएनजी स्टेशन डेवलप हो जाएगा, जिसके बाद से ही नावों के कन्वर्जन का काम शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आगामी दो-तीन महीनों में लगभग 500 नावों को सीएनजी में कन्वर्ट करने का लक्ष्य रखा गया है.

'डीजल से बिगड़ता है गंगा का ईको सिस्टम'
जिलाधिकारी ने कहा कि घाटों पर डीजल से संचालित होने नावों से डीजल का रिसाव होता है, जिसके कारण गंगा के ईको सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और नावों से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण फैलाने का काम करता है. सीएनजी नावों के संचालित होने से सैलानियों को भी स्वस्थ वातावरण मिलेगा. इसके लिए ट्रिब्यूनल के द्वारा निगरानी रखी जाएगी, जिससे पूरे शहर को फायदा पहुंचेगा.

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